नहीं सुलझा जोधा-अकबर सीरियल विवाद

Gyan Darpan
11
Zee TV पर कल से प्रसारित होने जा रहे धारावाहिक जोधा अकबर पर देशभर के क्षत्रिय समाज में रोष है और देशभर से जगह जगह इस धारावाहिक के विरोध प्रदर्शनों की ख़बरें आ रही है| राजस्थान के बड़े केबल ऑपरेटर्स ने भी श्री राजपूत करणी सेना की अपील पर इस सीरियल को अपने अपने केबल नेटवर्क पर न दिखाने का आश्वासन है साथ ही राजस्थान के कई बड़े केबल ऑपरेटर्स ने Zee TV से भी अपील की है कि जन भावनाओं को आहत व इतिहास से छेड़छाड़ करने वाले इस सीरियल को ना दिखाये|

क्षत्रिय समाज के रोषपूर्ण विरोध को देखते हुए Zee TV प्रबंधन ने संवेदशीलता का परिचय देते हुए पहले भी इंडियन ब्राडकास्टिंग फाउंडेशन के दफ्तर में क्षत्रिय नेताओं के साथ एक बैठक कर उनका पक्ष सुना और बालाजी टेलीफिल्म्स को बताया पर बालाजी टेलीफिल्म्स ने इस मामले में कोई रुची नहीं ली पर देशभर में विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए आखिर बालाजी टेलीफिल्म्स ने भी इस मुद्दे की संवेदनशीलता समझी और आज क्षत्रिय समाज के नेताओं को दिल्ली में वार्ता के लिए आमंत्रित कर उनका पक्ष सुना व सीरियल के इतिहास पर अपना पक्ष भी रखा| बैठक का प्रतिनिधित्व करने के लिए बालाजी टेलीफिल्म्स की और से एकता कपूर के पिता जितेन्द्र खुद विशेष तौर से मुंबई से दिल्ली आये|

बैठक में क्षत्रिय समाज की और इतिहासकार प्रो.प्रहलाद सिंह ने जोधा के बारे में ऐतिहासिक तथ्य पेश करते हुए बताया कि अकबर के जोधा नाम की कोई बीबी नहीं थी, जिसे आप जोधा कह रहे है उसका नाम हरखा था|

बालाजी टेलीफिल्म्स की और से ड़ा. बोधित्सव ने अपना पक्ष रखते हुए कुछ इतिहास पुस्तकें प्रस्तुत की जिनमें अकबर की पत्नी का नाम जोधा अंकित था| पर वे पुस्तकें कुछ वर्ष पहली की ही प्रकाशित है साथ ही जिन लेखकों ने लिखी है उनकी इतिहासकारों में कोई मान्यता नहीं है| ये लगभग पुस्तकें मुगले आजम फिल्म के बाद की लिखी गयी है जिनमें मुगले आजम से प्रेरित होकर अकबर की पत्नी का नाम हरखा की जगह जोधा लिखा गया है| अत: इन पुस्तकों की विश्वसनीयता व प्रमाणिकता को ठुकराते हुए क्षत्रिय प्रतिनिधियों ने इन पुस्तकों को झूंठ को पुलिंदा बताते हुए उनके शोध को हास्यास्पद बताया कि वे खुद अकबर के सामने उसके काल में लिखी अबुल फजल द्वारा लिखी पुस्तक आईने अकबरी, अकबर नामा, जहाँगीर के काल में लिखी जहाँगीर नामा पुस्तकों को अपने शोध में शामिल नहीं किया और कल के छिछोरे पूर्वाग्रह से ग्रसित लेखकों की किताबों पर भरोसा कर रहे है|

आपसी वार्ता में Zee TV टीम व बालाजी टेलीफिल्म्स के जितेन्द्र ने क्षत्रिय प्रतिनिधियों द्वारा दिए गये ऐतिहासिक साक्ष्यों को प्रमाणिक मानते हुए स्वीकार भी किया कि ये मुगले आजम फिल्म के वक्त गलती हुई है पर चूँकि मुगले आजम की प्रसिद्धि के बाद आम जनता में अकबर की बीबी का नाम जोधा चढ़ गया इसलिए अब कोई फ़िल्मकार इससे बाहर निकलने को राजी नहीं| साथ ही जितेन्द्र ने क्षत्रिय प्रतिनिधियों को आश्वस्त भी किया कि वे इस सीरियल की स्टोरी में व आगे भी कोई सीरियल बनायेंगे तो क्षत्रिय समाज की भावनाएं किसी तरह आहत ना हो इसका पूरा ध्यान रखेंगे| साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वे शुरू से ही राजपूत संस्कृति व राजपूत समाज को बहुत आदर से देखते है और उनके मन में राजपूतों के शौर्य, ईमानदारी, वचनबद्धता, देशभक्ति आदि के लिए असीम आदर है|

लेकिन सीरियल के नाम बदलने व उसे बंद करने में उन्होंने असमर्थता जताते हुए कहा कि सीरियल बनाने से पहले उन्होंने इस पर पूरा शोध करवाया पर अफ़सोस कि उन्हें जो इतिहास पुस्तकें मिली उनमें अकबर की बीबी का नाम जोधाबाई ही लिखा हुआ है व यदि उन्हें जोधा-अकबर फिल्म के विवाद का भी पता होता तो वे इसे शुरू करने से बचते| पर चूँकि अब वे इसमें काफी आगे बढ़ चुके है अत: पीछे लौटना उनके लिए मुश्किल है पर वे कोशिश करेंगे कि सीरियल में किसी भी तरह किसी की भावनाएं आहत ना हो|

जी टीवी टीम ने भी राजपूत समाज के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर चलने की अपनी प्रतिबद्धता जताई पर सीरियल के मामले में साफ़ किया कि वे व्यापारिक अनुबंध के चलते इसे प्रसारित करने को मजबूर है पर राजपूत समाज की भावनाओं की कद्र करते हुए सीरियल के साथ इसका ऐतिहासिक तथ्यों से कोई लेना देना नहीं का या समाज चाहे वैसा डिस्क्लेमर चला सकते है व वे चलाएंगे भी|साथ ही Zee TV टीम ने अपने समाचारों में व अलग कार्यक्रम बना इस मुद्दे पर क्षत्रिय प्रतिनिधियों व इतिहासकारों द्वारा पेश साक्ष्यों पर चर्चा कर इस मामले में सही सन्देश व ऐतिहासिक साक्ष्य जनता तक पहुँचाने पर जोर दिया व इसकी व्यवस्था करने का खुद जिम्मा लिया|

लेकिन क्षत्रिय प्रतिनिधियों व नेताओं ने साफ कह दिया कि वे सीरियल में अकबर के साथ जोधा नाम जोड़ने के किसी भी कृत्य को स्वीकार नहीं करेंगे और उनका विरोध जारी रहेगा साथ ही न्यायालय में भी वे इस सीरियल को रोकने के लिए याचिका दायर करेंगे| हालाँकि इस सीरियल को रोकने हेतु जयपुर व जोधपुर उच्च न्यायालय में दो याचिकाएं दायर कर दी गयी है|
इस वार्ता में करणी सेना के संस्थापक लोकेन्द्र सिंह कालवी के साथ रतन सिंह शेखावत, राजेंद्र सिंह नरुका, गणपत सिंह राठौड़, प्रहलाद सिंह व कुलदीप तोमर थे, वहीँ बालाजी टेलीफिल्म्स की टीम में एकता कपूर के पिता जितेन्द्र के साथ डा. बोधित्सव व उनके क़ानूनी सलाहकार थे| Zee TV टीम में एक्सिक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट आलोक गोविल, अजय भंवरकर, एडिटर वासिन्द्र मिश्रा, भरत कुमार रांका, पुरुषोतम आदि उपस्थित थे|


jodha-akbar, jodha-akbar controversy, balaji telifilms, rajput karni sena

एक टिप्पणी भेजें

11टिप्पणियाँ

  1. चलो कम से कम भविष्य के लिए तो एक मैसज गया। आगे से फिल्म इंडस्ट्रीज वाले इस विषय से परहेज करेंगे।

    जवाब देंहटाएं
  2. इतिहास को सम्मान हो, तथ्य तोड़े मरोड़े न जायें।

    जवाब देंहटाएं
  3. अभी किसी अन्य का मामला होता तो सरकारों ने ही बैन लगा दिया होता.

    जवाब देंहटाएं
  4. वाह जितेन्द्र जी..... राजपूत समाज का आप सम्मान तो करते है पर जो इनको नीचा दिखाने की हरकत आप सार्वजनिक करना चाह रहे है... अर्थात अभी तक की नहीं ये हरकत पर करेंगे जरूर ऐसा भी कह रहे है! और ये इनका बिल्कुल सफ़ेद झूठ ही तो है कि इन्हें जोधा-अकबर फिल्म विवाद का पता नहीं था!क्या ऐसा हो सकता है!
    देशव्यापी क्षत्रिय समाज के विरोध अगर कही भी तवज्जो नहीं मिल रही तो अब इन क्षत्रियो को सोचना चाहिए कि देश की राजनीती में किन दोगलो को हमने आगे किया हुआ है!

    कुँवर जी,

    जवाब देंहटाएं
  5. मुझे जैसी उम्मीद थी, वैसा तो नहीं हुआ लेकिन उन्होंने अपनी गलती तो स्वीकार कर ही ली। सूचना के लिए हार्दिक धन्यवाद।

    विश्व का सबसे हल्का पदार्थ - कार्बन एरोजेल (Carbon Aerogel)।
    क्या आपको भी आते हैं इस तरह के ईनामी एसएमएस!!

    जवाब देंहटाएं
  6. इतिहास को तोडना मरोडना बहुत ही गलत है.

    रामराम.

    जवाब देंहटाएं
  7. इतिहास के सच का सम्मान होना ही चाहिए,,,,

    RECENT POST : तड़प,

    जवाब देंहटाएं
  8. जैसे सिरीयल आ रहा है वैसे ही जल्दी ही जाएगा भी ;)

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत अच्छा किया आप लोगों ने ..
    संस्कृति का नाश कर रहे हैं यह मूर्ख धनवान फिल्म निर्देशक !

    जवाब देंहटाएं
  10. जय माता जी, आप का कार्य आभार योग्य है, लेकिन मै जितेन्द्र से सहमत नहीं हु.कोन सी पत्थर की लकीर खीच ली जिसे वो मिटा नहीं सकते. अगर वो जोधा की जगह हरखा नाम काम में ले तो क्या तकलीफ होती है उन को. आज के विज्ञानिक युग में कभी भी कुछ बदल सकते है फिल्मे डब होती है ना.

    जवाब देंहटाएं
  11. मैं जीतेन्द्र का बहुत बड़ा प्रसंसक हु मगर इस कीमत पर नहीं की यो हमारे इतिहास और राजपूत समाज को नीचा दिखाये । इस सीरियल को जल्द से जल्द बंद किया जाना चाहिये । हमे हमारे गौरव पूरण यथास पे गर्व है । मैं सभी जाट भाइयो से निवदन करूँगा की वो अपने राजपूत भाइयो का इस लड़ाई में साथ दे... मैं खुद पिछले 3 महीनो से इस विषय पर शोध कर रहा हु तथा ताजमहल की सच्चाई पे भी खोजबीन कर रहा हु. मेरी शुभकामाए आपके साथ है जल्द ही इस सीरियल पर बन लगे ।।।

    जवाब देंहटाएं
एक टिप्पणी भेजें