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रिश्ते : कल्पना जड़ेजा
7:20 am
रिश्तों को न थामों तुम मुट्ठी में रेत की तरह ... सरक जायेंगे वो भी वक़्त की तरह .. महसूस करो तुम उनको हर एक साँस …
रिश्तों को न थामों तुम मुट्ठी में रेत की तरह ... सरक जायेंगे वो भी वक़्त की तरह .. महसूस करो तुम उनको हर एक साँस …
मोहब्बत में चिराग जलाने की क्यों बातें करते हो ... विज्ञान का जमाना है.. बिजली जला लो न .. प्रदुषण फैलता है .…
माँ ओ माँ ............श्श्श्श माँ ... ओ माँ .. मैं बोल रही हूँ .........सुन पा रही हो ना मुझे ... आह सुन लिया तुमने म…
१-आपने फेसबुक पर बड़ी मेहनत से एक पेज बनाया, सभी दोस्तों को उसे लाइक करने के लिए आमंत्रित किया फिर भी उस पेज के लाइक ना…