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Wednesday, September 27, 2023

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तंवर वंश की कुलदेवी : चिलाय माता

लेखक : करण सिंह तंवर

तु संगती तंवरा तणी चावी मात चिलाय!
म्हैर करी अत मात थूं दिल्ली राज दिलाय!!

चिलाय माता की तंवर वंश कुलदेवी के रूप में पूजा आराधना करता है। इतिहास में तंवरों की कुलदेवी के अनेक नाम मिलते हैं जैसे चिलाय माता, जोग माया (योग माया), योगेश्वरी (जोगेश्वरी), सरूण्ड माता, मनसादेवी आदि।

दिल्ली के इतिहास में तंवरो की कुलदेवी का नाम योगमाया मिलता है। तंवरों के पुर्वज पांडवों ने भगवान कृष्ण की बहन को कुलदेवी मानकर इन्द्रप्रस्थ में कुलदेवी का मंदिर बनवाया और उसी स्थान पर दिल्ली के संस्थापक राजा अनंगपाल प्रथम ने पुनः योगमाया के मंदिर का निर्माण करवाया। इसी मंदिर के कारण तंवरों की राजधानी को योगिनीपुर भी कहा गया, जो महरौली के पास स्थित है। यह इतिहास ग्रंथो व भारतीय पुरातत्व विभाग से पुष्ट है।
तोमरों की अन्य शाखा और ग्वालियर के इतिहास में तंवरो की कुलदेवी का नाम योगेश्वरी ओर जोगेश्वरी भी मिलता है। ऐसा माना जाता है कि योगमाया (जोग माया) को ही बाद में योगेश्वरी, जोगेश्वरी के नाम से पुकारा जाने लगा।

राजस्थान में तोरावाटी (तंवरावाटी) के नाम से नव स्थापित तंवर राज्य के तंवर कुलदेवी के रूप में सरूण्ड माता को पुजते है। पाटन के इतिहास मे पाटन के राजा राव भोपाजी तंवर द्वारा कोटपुतली के पास कुलदेवी का मंदिर बनवाने का विवरण मिलता है। जहाँ पहले अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने योगमाया का मंदिर बनाया था।

यह मंदिर अरावली श्रंखला की पहाड़ी पर स्थित है। मंदिर परिसर में उपलब्ध शिलालेख के आधार पर 650 फुट ऊँचा मंदिर एक छत्री (चबूतरा) में स्थित है। इस छत्री के चार दरवाजे हैं उसके अन्दर माता की प्रतिमा विराजमान है। छत्री के बाद का मंदिर 7 भवनों वाला है। मंदिर का मुख्य मार्ग दक्षिण में व माता के निज मंदिर का द्वार पश्चिम में है। इस मंदिर में माता की 8 भुजावाला आदमकद स्वरुप प्रतिमा स्थित है। स्तम्भों व दिवारांे पर वाम मार्गियों व तांत्रिकों की मूर्तियाँ की मौजुदगी इनका प्रभाव दर्शाती है। मंदिर में माता को पांडवो द्वारा स्थापित करने के साक्ष्य रूप में छत्री स्थित हैं। मंदिर की परिक्रमा में चामुंडा की मूर्ति है जो आज भी सुरापान करती है। मंदिर की छत्री, जो लाल पत्थर की है का वजन लगभग 5 टन का है। मंदिर पीली मिट्टी से बना हुआ है इसके बावजूद बारिश में इसमें कहीं भी पानी नहीं टपकता। मंदिर तक पहुँचने के लिए 282 सीढियाँ है। इनके मध्य में माता की पवन चरण के निशान हैं! यहाँ 52 भैरव व 64 योग्नियां है ! सरुंड देवी की पहाड़ी से सोता नदी बहती है जिसके पास एशिया प्रसिद्ध बावड़ी है जो बिना सीमेन्ट, चूने आदि के बनी हुई है। इसे द्वापर युग में पाण्डवांे द्वारा 2500 चट्टानों से बनाई गई माना जाता है।
योगमाया का मंदिर सरूण्ड गांव में स्थित होने से इसे सरूण्ड माता भी बोलते हैं।

तंवरांे के बडवा के अनुसार तंवरांे की कुलदेवी चिलाय माता है।
जाटू तंवरों ओर बड़वांे की बही के अनुसार तंवरो की कुलदेवी ने चिल पक्षी का रूप धारण कर राव धोतजी के पुत्र जयरथ के पुत्र जाटू सिंह की बाल अवस्था में रक्षा की थी जिसके कारण माँ जोगमाया को चिलाय माता कहा जाने लगा और कालांतर में जोगमाया माता को चिलाय माता पुकारा जाने लगा।
इतिहासकारांे के अनुसार कुलदेवी का वाहन चिल पक्षी के होने कारण यह चिलाय माता कहलाई। राजस्थान के तंवर चिलाय माता को ही कुलदेवी मानते हैं। लेकिन चिलाय माता के नाम से कोई भी पुराना मंदिर नहीं मिलता। जिससे जाहिर होता है कि जोगमाया का नाम चिलाय माता सिर्फ तंवरावाटी में ही प्रचलित हुआ।
चिलाय माता के दो मंदिरों का विवरण मिलता है। जाटू तंवर और पाटन के इतिहास के अनुसार 12 वीं शताब्दी में जाटू तंवरो ने खुडाना में चिलाय माता का मंदिर बनाया था और माता द्वारा मनसा (मनोकामना) पूर्ण करने के कारण उसे मनसादेवी के नाम से पुकारा जाने लगा।
एक और चिलाय माता मंदिर का विवरण मिलता है जो पाटन के राजाओं ने गुडगाँव में 14 वीं शताब्दी में बनवाया और ब्राह्मणों को माता की सेवा के लिए नियुक्त किया। लेकिन 17 वीं शताब्दी के बाद पाटन के राजा द्वारा माता के लिए सेवा जानी बन्द हो गयी थी। आज स्थानीय लोग चिलाय माता को शीतला माता समझ कर शीतला माता के रूप में पुजते है।

विभिन्न स्त्रोतों और पांडवो या तंवरो द्वारा बनवाये गये मंदिर से यही प्रतीत होता है कि तोमर (तंवर) की कुलदेवी माँ योगमाया है, जो बाद में योगेश्वरी कहलाई। और योगमाया को ही बाद में विभिन्न कारणों से स्थानीय रूप में योगेश्वरी, जोगमाया, चिलाय माता, सरुंड माता, मनसा माता, शीतला माता आदि के नाम से पुकारा जाने लगा और आराधना की जाने लगी।

Tnawaron ki kuldevi Chilay Mata
Chilay Mata Kuldevi Of Tnawar Rajput’s
Chilay mata, Sarund Mata, Goddess of Tomar and Tanwar Rajputs
Chilay Mata Kuldevi of Tomar Rajputs

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58 COMMENTS

  1. मेरा वंश तंवर हे और मेरी कुलदेवी देगराय माँ हे क्या जिनका मंदिर रासला जैसलमेर के पास हे

  2. Jai Mataji ki, main bhi Tanwar hun aur Jatu ji ka vanshaj hu, hamari kuldevi Chilla devi ji hain jo ki Gram Devsar dist Bhiwani me virajman hai. Upar jo jo likha hai ki mataji ne Jatu ji ki Chil ke roop me raksha ki thi, yahi baat hamare bado ne batayi hai. Pahli baar pata chala ki Chilla Devi aur Maan Yogmaya ek hi hai. Bahut aabhar lekhak ko.

  3. Hlo vese to ham tanwar vansaj hai lekin hamri gotra jaat (kalirana) hai, hamarI cul devi chilay mataji hai. Jiska mandir badmer se aage janjheu ganv me hai

  4. Jai chilaye mata ki jai shetla mata ki shitla mata k paas to mai ja chuka mandir may leki savsay bade mandir may jane ki icha h to pura addrezh d

      • Aapse ek nivedan h ki aap kaurav thakuro ke bare me bhi jankari lijiye unki kuldevi bhi chilay mata hi h or is bat ko bhi mention kijiye or kuch jankari chaiye to mujhe contact kare

      • Anarsingh Tanwar/Loda Jhalawar ke manoharthana thsil Rajasthan se hu pr humara Etihas ki jankari nhi he Jhalawar Rajasthan me humari sankhy about 50000 he mp me Rajgrd me 60000 Sankhy he so please humara History ki jankari btaey

  5. हम भी जाति से जाट है और हमारी कुलदेवी चिलाय माता जी का मंदिर (Janjeu Bikaner) में है हमारा नख तंवर है

    • आपका नख तंवर होने का मतलब आप किसी न किसी तरीके से तंवर क्षत्रियों से जुड़े है, किसी विशेष परिस्थिति के चलते आप अपने मूल तंवर वंश से अलग हुए हों !

  6. हुकूम मे जंघरा तंवर हु हुकुम मेरी कुलदेवी माता राजराजेश्वरी नारी सेमरी माता इस को क्लीयर करे हुकुम

  7. Ratan ji Meerut ke aspas Tomar khap ke village hai aur Haryana mein bhi Tomar Jat hai ye bhi Delhi ke Anandpal Tomar se inka link hai. Its right.

  8. मैरी गोत्र कालीराणा, नख तंवर वंश ; जोधपुर से , हमारी कुल देवी छापल माता / ब्रह्ममणी देवी है क्या यह सही है

    • तंवरों की कुलदेवी तो चिलाय माता ही है|

  9. नमस्कार । मैं देवासी जाति (भीडा भीम) का हूँ , और मेरा नख तंवर है.. लेकिन हम तो बागोरिया माता को कूल देवी मानते है…

  10. My name is anup singh tomar, kya mje bataye ge ki chillaye mata ya yogeswari mataa ka svse purana mandir kaha hai,adress dedejiye

    • लेख सही पढ़ें दोनों के बारे में बताया गया है| योगिस्वरी माता का मंदिर महरौली दिल्ली में है और चिलाय माता का सरुंड कोटपुतली के पास है

      • मेरा नाम महेंद्र तंवर है पाली से हु हम लोग चिलाय माता की जोत अपने गांव में लाना चाहते है तो मूल मंदिर कहा पर है जहाँ से देवी की जोत अपने गांव में ला सके

        • कोटपुतली से नीमकाथाना रोड़ पर सरूण्ड नामक गांव आता है उसी की पहाड़ी पर मंदिर है |

      • चिलाय माता का मुख्य मन्दिर जहां माता ने जाटू सिंह तंवर की रक्षा कि थी वह मायन बलवाड़ी (रेवाड़ी) में हैं
        दुसरा मन्दिर खुडाना गांव में जो कि जाटू तंवरो ने बनाया था
        तीसरा मन्दिर सरुन्ड गांव में हैं।
        रोहिताश सिंह जाटू(तंवर)
        ठिकाणा भाड़ंग (चुरू)
        जय माता जी री

  11. हरियाणा में तंवर व तोमर, राजपूत हो या जाट सभी गुडग़ांव में माता शीतला को पूजते हैं
    कलानौर रियासत को बसाने वाला राजा राव कल्याण सिंह पंवार था जिसने अपनी पुत्री का विवाह दिल्ली के महाराजा अगनपाल तोमर के साथ किया था व कलानौर दहेज में दिया था
    अगन पाल तोमर ने इस कलानौर की कर वसूली के लिए अखेराज को नियुक्त किया था जिसके परिवार का गुढ़ाण गाँव है इस गाँव में सभी तोमर जाट हैं और 35 किलोमीटर चारों तरफ राजपूत तंवर /तोमर नहीं है सभी गाँव गुढ़ाण को छोड़कर पंवार राजपूत गोत्र के हैं मैं उसी गाँव से हूँ और सभी माता शीतला गुडग़ांव में घोक लगाने आते हैं

  12. तवर वश कि कुल देवी चिलाय माता हे यह मन्दीर जजैऊ मे है तवर

  13. I’m also Tanwar. We go to Beri in Jhajhar district. There is Devi Temple which is called as Bhimeshwari Devi because Pandu son Bhim bright the idol of Mata from Hinglaj now situates in Pakistan on the asking of Lord Krishna. She is also called as Yogmaya/Mahamaya. This temple was built at the time of Mahabharata and She is called /known as Bhimesheari Devi being brought by Bhima

  14. Hume Garv ke Hamara janm tomar vansh me huva he jisme pandav jese veer or Baba Ramdev Jee jese Avtari devo ne janm liya or Duvarika Vale ki jeenpar hamesa kripa rahti he

  15. मे मुरेना जिले के अंबाह पोरसा का रहने वाला हुं हमारी कुल देवी चिलाय माता है इनका मन्दिर कंहा पर है पुर्ण पता दे

    • दिल्ली जयपुर राजमार्ग पर कोटपुतली के पास है, कोटपुतली आकर किसी से भी पूछ लीजिये हर कोई रास्ता बता देगा |

  16. श्रीमान जी में पवन सिंहमार कुमावत जाती से हु हमारा नख तँवर हैं। कृपया मुझे हमारी कुलदेवी के बारे में बताओ अभी पिछले दिनों मैं पता कर रहा था तो किसी बुजुर्ग ने बताया की शंकराय माता हैं। हमारी कुल देवी अगर आप के ध्यान में हो तो स्पष्ट करें।

  17. अर्जून के सुत सौ अभिमन्यु नाम उदार
    तिन्हते उतम कुल भये तवँर क्षत्रिय उदार Ransingh Tanwar

  18. जानकारी देने के लिए बहुत बहुत आभार लेकिन साहब हम जाट जाती में डंऊकिया उपजाति है । हमारा कोई राव और बहीखाता नहीं है । कोई कहते हैं हम तंवर वंशज हैं । कृपया अगर आप बता सकते है तो आपकी मेहरबानी होगी

  19. I AM FROM BIKANER BUT OUR VILLAGE IS TODA DARIBA NEAR NEEM KA THANA WE ARE TANWAR RAJPUT KYA HUMARE KULDEVI SARUNDA DEVI HA KYA PLS TELL US HUKUM

  20. जिनका नख तंवर हो तो क्या उनकी भी कुलदेवी चिल्लाय माता ही है क्या।

  21. मेरा गोत्र दांगड़ा नामदेव वंशी से है और मैं मेरी कुलदेवी के बारे में जानकारी करना चाहता हूँ कृपया मुझे बताने का श्रम करावे

  22. मैं जाति से माली हूँ लेकिन गोत्र तंवर हैं हम अभी पिछले कुछ सालों पहले ही सुरुण्ड माता जाकर आये हैं क्या हमारी कुलदेवी सुरुण्ड माता ही है।

  23. में हरजी राम जाट गोत्र (जांदू) राजस्थान के बाडमेर जिले में चौहटन तहसील से हु
    हमारे राव का कहना है कि आप तवर राजपूत से अलग हुए हैं
    ओर हम विरात्रा माता (जोगमाया) को पूजते हैं विरात्रा माता हिगलाज मां का दूसरा रूप है यहां के इतिहास में लिखा है कि हिंगलाज माता का मंदिर पाकिस्तान के अमरकोट गांव में बहुत बड़ा मंदिर है
    इसलिए मैं आपकी इस पोस्ट के माध्यम से जानना चाहता हूं की हिंगलाज माता और चिलय माता एक है या अलग
    बताने का कष्ट करें

    • दोनों अलग अलग है बाकी तो सभी देवी का रूप है | आप बाड़मेर में रहते है और उस क्षेत्र में हिगलाज मां की आराधना का चलन रहा है |

  24. Main Narendra Singh tavar vyagar tavar Parivar se hun Mere kul ki devi kaun si hai Kripa Karke Koi Bataye Hamare ghar mein Aaj Tak Jeen Mata ko Puchte a rahe hain lekin mujhe lagta hai kya Hamari Kuldevi chillaye Mata hai Koi margdarshan Karen

    • आपकी कुलदेवी चिलाय माता ही है | जीण माता आपकी ईष्ट देवी है |

  25. हमारी कुलदेवी चिलाय माता जी है ।में पाली राजस्थान से हु हम लोग माता जी की जोत अपने गांव में लाना चाहते है ।हमे मूल मंदिर बताये जहा से जोत ला सके

  26. मैं ( चौधरी) सियाग जाति से हुं हमारा नख तंवर हैं

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