जलम्यो केवल एक बर,परणी एकज नार |लडियो, मरियो कौल पर,इक भड दो दो बार || उस वीर ने केवल एक ही बार जन्म लिया तथा एक ही भार्या से विवाह किया ,परन्तु अपने वचन का निर्वाह करते हुए वह वीर दो-दो बार लड़ता हुआ वीर-गति को प्राप्त हुआ |आईये आज परिचित होते है उस बांके […]
जोधपुर के शासक राव मालदेव के साथ लम्बे संघर्ष व अनेक युद्धों में मेड़ता के शासक व उस ज़माने के अद्वितीय योद्धा राव जयमल को जान-माल का बहुत नुकसान उठाना पड़ा था और अब मेड़ता पर मुगलों के बागी सेनापति सेफुद्दीन को जयमल द्वारा शरण देने से नाराज अकबर की विशाल शाही सेना ने चढाई […]
पिछले लेखों में चर्चा जोधपुर के खानपान के उत्पादों व जोधपुर के राजा रानियों की चल रही थी लेकिन आज एक ऐसे शख्स का जिक्र कर रहा हूँ जो जोधपुर का राजा तो नही बना लेकिन उसके समय के सभी राजा उसके ही इशारों पर नाचते रहे एक ऐसे शख्स की चर्चा कर रहा हूँ […]
बात जोधपुर की चल रही है तो यहाँ के अनेक राजाओं में एक और यशस्वी राजा जसवंत सिंह जी और उनकी हाड़ी रानी जसवंत दे की भी चर्चा करली जाए | महाराज जसवन्त सिंह जी ने दिल्ली की और से बादशाह शाहजहाँ और औरंगजेब की और से कई सफल सैनिक अभियानों का नेतृत्व किया था […]
गांवों में अक्सर एक साधारण सा आदमी जिसने न तो पढ़ाई लिखाई की हो और न ही कहीं बाहर घुमा हो, किसी बड़े मुद्दे पर एक छोटी सी बात बोलकर इतनी बड़ी सलाह दे जाता है कि सम्बंधित विषय के बड़े-बड़े जानकार भी सुन कर चकित हो जाते है, उसकी छोटी सी चुटीली बात में […]
ज्ञान दर्पण पर मेड़ता के राव विरमदेव और राव जयमल के बारे में पढ़ते हुए आपने जोधपुर के शासक राव मालदेव के बारे में जरुर पढ़ा होगा | राव मालदेव अपने समय के राजपुताना के सर्वाधिक शक्तिशाली शासक थे वे बहुत शूरवीर व धुनी व्यक्ति थे उन्होंने जोधपुर राज्य की सीमाओं का काफी विस्तार किया […]
“मरण नै मेडतिया अर राज करण नै जौधा ““मरण नै दुदा अर जान(बारात) में उदा ” उपरोक्त कहावतों में मेडतिया राठोडों को आत्मोत्सर्ग में अग्रगण्य तथा युद्ध कौशल में प्रवीण मानते हुए मृत्यु को वरण करने के लिए आतुर कहा गया है मेडतिया राठोडों ने शौर्य और बलिदान के एक से एक कीर्तिमान स्थापित किए […]
राव विरमदेव ने 38 वर्ष की आयु में 1515 ई. में अपने पिता राव दुदा के निधन के बाद मेड़ता का शासन संभाला | व्यक्तित्व और वीरता की द्रष्टि से वे अपने पिता के ही समान थे और उन्होंने भी पिता की भांति जोधपुर राज्य से सहयोग और सामंजस्य रखा |इसीलिए सारंग खां व मल्लू […]
Amar Singh Rathore and Ballu ji Champawat Story in Hindi ‘राजस्थान की इस धरती पर वीर तो अनेक हुये है – प्रथ्वीराज, महाराणा सांगा, महाराणा प्रताप, दुर्गादास राठौड़, जयमल मेडतिया आदि पर अमर सिंह राठौड़ की वीरता एक विशिष्ट थी,उनमें शौर्य, पराक्रम की पराकाष्ठा के साथ रोमांच के तत्व विधमान थे | उसने अपनी आन-बान […]
जोधपुर राज्य के इतिहास में जहाँ वीर शिरोमणि दुर्गादास स्वामिभक्ति के लिये प्रसिद्ध है तो राव कुंपा और उसके चचेरे भाई जेता का नाम प्रसिद्ध दक्ष सेनापति, वीरता, साहस, पराक्रम और देश भक्ति के लिए मारवाड़ के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा है| राव कुंपा जोधपुर के राजा राव जोधा के भाई राव अखैराज […]