राव मालदेव से मुँह की खाकर शेरशाह था घबराया। जब-जब कुचला गया धर्म तब हमने ही फुफकारा हो।| राव मालदेव जोधपुर के शासक राव गाँगा राठौड़ के पुत्र थे। इनका जन्म वि.सं. 1568 पोष बदि 1 को (ई.स. 1511 दिसम्बर ५) हुआ था। पिता की मृत्यु के पश्चात् वि.सं. 1588 (ई.स. 1531) में सोजत में […]
Maharaja Karan Singh, Bikaner, Jangaldhar badshah Story in Hindi : बीकानेर के राठौड़ राजाओं में महाराजा करण सिंह का स्थान बड़ा महत्त्वपूर्ण है. करण सिंह का जन्म वि.स. 1673 श्रावण सुदि 6 बुधवार (10 जुलाई 1616) को हुआ था. वे महाराजा सूरसिंह के ज्येष्ठ पुत्र थे अत: महाराजा सूरसिंह के निधन के बाद वि.स. 1688 […]
Rao Bika Founder of Bikaner Princely State History in Hindi राजस्थान की वीर प्रसूता भूमि में जन्में वीरों की श्रंखला में राव बीका राजस्थान के इतिहास में राजपूती वीरता का एक जाज्वल्यमान उदाहरण है. राव बीका का नाम इतिहास में उत्कृष्ट वीरता, पितृभक्ति, उदारता एवं सत्यवादिता के रूप में विख्यात है. जोधपुर के स्वामी राव […]
देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त करवाने में जिन राष्ट्रभक्त वीरों ने सक्रीय भाग लिया था, उनमें राजस्थान के मारवाड़ राज्य के परबतसर परगने के गूलर ठिकाने के स्वामी बिशनसिंह मेड़तिया का भी अविस्मरणीय स्थान है। ठाकुर बिशन सिंह बादशाह अकबर के विरुद्ध चितौड़ के प्रसिद्ध युद्ध में जूझते हुए प्राणोत्सर्ग करने वाले राव […]
चित्र काल्पनिक है| चितौड़ के गद्दार चाचा और मेरा द्वारा महाराणा मोकल की हत्या का समाचार जैसे ही मंडोर में रणमल को मिला, रणमल अपने भांजे की हत्या से बहुत क्रोधित हुये और उसने महाराणा मोकल को जलांजलि देकर अपने सिर से पगड़ी उतार फैंटा बाँध लिया, और प्रण किया कि जब तक वह मोकल […]
वीर शिरोमणी दुर्गादास राठौड़ (Durgadas Rathore) को आज की नई पीढ़ी मात्र इतना ही मानती है कि वे वीर थे, स्वामिभक्त थे, औरंगजेब का बड़ा से बड़ा लालच भी उन्हें अपने पथ से नहीं डिगा सका| ज्यादातर इतिहासकार भी दुर्गादास पर लिखते समय इन्हीं बिन्दुओं के आगे पीछे घूमते रहे, लेकिन दुर्गादास ने उस काल […]
राव विरमदेव के स्वर्गवास होने के बाद राव जयमल मेड़ता के शासक बने, चूँकि जयमल को बचपन से ही जोधपुर के शक्तिशाली शासक राव मालदेव के मन में मेड़ता के खिलाफ घृणा का पता था, साथ ही जयमल राव मालदेव की अपने से दस गुना बड़ी सेना का कई बार मुकाबला कर चुका थे| अत: […]
राव चंद्रसेन जोधपुर के राव मालदेव के छटे नंबर के पुत्र थे | उनका जन्म वि.स.१५९८ श्रावण शुक्ला अष्टमी (३० जुलाई १५४१ई.) को हुआ था | हालंकि इन्हें मारवाड़ राज्य की सिवाना जागीर दे दी गयी थी पर राव मालदेव ने इन्हें ही अपना उत्तराधिकारी चुना था | राव मालदेव की मृत्यु के बाद राव […]
मनुष्य को अपनी मृत्यु के पूर्वाभास होने की कई कहानियां आपने भी अपने आस-पास सुनी होगी | मेरा भी ऐसी कई घटनाओं से वास्ता पड़ा है जिसमे मरने वाले ने अपनी मृत्यु के सही सही समय के बारे में अपने परिजनों व उपस्थित लोगों को बता दिया | पर ऐसी घटनाओं को हम यह सोचकर […]
कल्ला राठौड़ : आगरा के किले में अकबर का खास दरबार लगा हुआ था | सभी राजा, महाराजा, राव, उमराव, खान आदि सभी खास दरबारी अपने अपने आसनों पर जमे हुए थे | आज बादशाह अकबर बहुत खुश था, सयंत रूप से आपस में हंसी-मजाक चल रहा था | तभी बादशाह ने अनुकूल अवसर देख […]