प्रताप कुंवरी भटियानी यह महाराजा मानसिंह जोधपुर की भार्या और देवावर ठिकाने के ठाकुर गोविन्ददास भाटी की पुत्री थी| इनका विवाह आषाढ़ सुदी 9वि.स.1889 में हुआ था| इन्होंने कुल 15 ग्रंथो की रचना कर सरस्वती के भण्डार की अभिवृद्धि की थी| उपलब्ध कृतियों की नामावली इस प्रकार है- ज्ञान सागर, ज्ञान प्रकाश, प्रताप पच्चीसी, रघुनाथ […]
राजस्थान की राजकुलीन महिला कवयित्रियों में महारानी आनंद कुंवरी का उल्लेखनीय स्थान है| यह महारानी शाहपुरा (मेवाड़) राज्य के राजधिराज माधव सिंह की बहन, राजाधिराज अमरसिंह की राजकुमारी थी और कछवाहों की अलवर रियासत के महाराजा विजयसिंह के साथ विवाही थी| महाराजा विजयसिंह का शासनकाल 1871 से 1914 विक्रमाब्द है| यही अवधि महारानी के काव्य […]
साहित्य साधक राजपूत महिलाओं में राणी छत्रकुमारी की गणना की जाती है| यह किशनगढ़ के महाराजा सावंतसिंह की पौती और रूपनगढ़ के महाराज सरदारसिंह की पुत्री थी| इनकी भुआ सुन्दर कुंवरी थी| छत्रकुमारी का विवाह भी राघोगढ़ के खींची महाराजा बहादुर सिंह के साथ हुआ था| इनका “प्रेम विनोद” नामक एक ग्रंथ प्राप्त है| यह […]
यह किशनगढ़ के महाराजा राजसिंह की पुत्री थी| इनका जन्म महाराणी बांकावतजी की कुक्षि से वि.स.१७९१,कार्तिक सुदि ९ के दिन मथुरा में हुआ था| सुन्दरकुंवरी का विवाह राघोगढ़(मालवा) के खींची नरेश महाराजा बलभद्र सिंह के राजकुमार बलवंत सिंह के साथ हुआ था| इस सम्बन्ध में इन्होंने अपने ग्रन्थ रस्पुंज में लिखा है कि- यह ग्रन्थ […]
साहित्यिक क्षेत्र में भक्ति भागीरथी मीरांबाई राजपूत समाज ही नहीं भारतीय नारी समाज की माला की सुमेरु-मणि है| मध्यकालीन संत तथा भक्त-कवियों में कबीर, तुलसीदास और सूरदास के समकक्ष साहित्य जगत में उसका स्थान है| वह राजस्थान के राठौड़ कुल की मेड़तिया शाखा के राव दूदा की पोत्री तथा ठाकुर रतन सिंह बजोली की पुत्री […]
भारतीय इतिहासकारों ने शासक जाति राजपूत नारियों के द्वारा शासन सञ्चालन में योगदान, युद्ध बेला में शत्रु सामुख्य जौहर तथा शाकों में आत्म-बलिदान और पति की मृत्यु पर चितारोहण कर प्राण विसर्जन करने आदि अति साहसिक कार्यों पर तो प्रकाश डाला है परन्तु उनके द्वारा सर्वसाधारण के हितार्थ किये गए विशिष्ट सेवा कार्यों की ओर […]
ज्ञान दर्पण.कॉम पर पिछले लेख में पढ़ा कि- कैसे फैशन की दुनियां में नित नए डिजाईनस के परिधान आते है उसके बावजूद राजपूत महिलाओं द्वारा पहनी जाने वाली विशेष पारंपरिक “राजपूती पौशाक” का कोई मुकाबला नहीं है | आखिर क्यों भारी है फैशन की दुनियां में “राजपूती पारंपरिक पौशाकें” ? व्यक्ति के पहनावे से उसकी […]
फैशन की दुनियां में नित नए डिजाइन्स के परिधान आते है, लाखों फैशन डिजाईनर इस काम में जुटे रहते है| नई फैशन को प्रोमोट करने के लिए जगह-जगह फैशन शो आयोजित किये जाते है| टीवी पर प्रचार किया जाता है| परिधान निर्माता अपने परिधानों को फैशन ने बनाये रखने के लिए पूरी जद्दोजेहद करते है […]