लोक देवता गोगाजी ‘पीर के रूप में समूचे भारतवर्ष में प्रसिद्ध हैं। चौहान वंश में “धंधरान धंगजी’ नामक शासक हुए जिन्होंने धांधू (जिला-चुरू) नगर बसाया था। राणा धंग के दो रानियां थी। पहली रानी से दो पुत्र हर्ष और हरकरण तथा एक पुत्री जीण हुए। सीकर से 10 कि.मी. दूर दक्षिण पूर्व में हर्ष एवं […]
Lok Devta Baba Ramdev, Runicha भारत की इस पवित्र धरती पर समय समय पर अनेक संतों, महात्माओं, वीरों व सत्पुरुषों ने जन्म लिया है। युग की आवश्कतानुसार उन्होंने अपने व्यक्तित्व और कृतित्व के बल से, दुखों से त्रस्त मानवता को दुखों से मुक्ति दिला जीने की सही राह दिखाई। 15 वीं शताब्दी के आरम्भ में […]
Lok Devta Vir Tejaji पर राजस्थानी भाषा के मूर्धन्य साहित्यकार, इतिहासकार श्री सौभाग्यसिंह जी शेखावत की कलम से …………….. ‘इण धरती रा ऊपज्या तीतर नह भाजन्तं’ रा बिड़दावरी मैंमा वाळी राजस्थान री भौम सदा सूं ई आगौलग सूरां पूरां जूझारां री जणैता कहिजै है। राजस्थान रा धोरां टीबां, खाळ-वाळ नै भाखर-डहरां में कुंण जाणै कितरा […]
भारत में लोक देवताओं (Lok Devta) की अपनी अलग ही भूमिका और महत्त्व रहा है. खासकर राजस्थान में लोकदेवताओं की मान्यता और उनके प्रति जन मानस में अटूट विश्वास रहा है और वर्तमान में भी है. राजस्थान में ऐसे बहुत से महापुरुष हुए जिन्होंने अपने सद्कर्मों से समय समय पर जनता को अच्छे संदेश दिए. […]
२५ अप्रेल १३ : शाम के चार बज रहे थे जोधपुर के कुड़ी भगतासनी हाऊसिंग बोर्ड कालोनी में किरायेदार से अपने खाली मकान की चाबियाँ लेने के बाद वापस शहर आना था, श्रीमती जी का स्वास्थ्य भी इतना ख़राब था कि वे भी बाइक पर सवारी करने की स्थिति में नहीं थी कि अचानक मेरे […]