जैसलमेर के विशाल रेगिस्तान में जैसलमेर दुर्ग जिसे सोनार का किला के नाम से विश्व में जाना जाता है, किसी तिलिस्म व आश्चर्यलोक सा लगता है। रेत के अथाह समन्दर के बीच बने इस स्वप्न महल को देखकर मन में हैरत भरी जिज्ञासा जाग उठती है, कि आखिर वे कौनसे कारण व आकर्षण होंगे, जिसके […]
शेरशाह सूरी और उसके ब्राह्मण मंत्री चूड़ामणि ने धोखे से रोहतासगढ़ किले से हिन्दू शासन खत्म कर उसकी जगह मुस्लिम शासन की स्थापना की थी|
सदियों से हिन्दू राजाओं के अधिपत्य में रहा सुदृढ़ रोहतासगढ़ जो पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार था, 16 वीं सदी में मुस्लिम शासक शेरशाह सूरी ने अपने अधीन कर लिया। बंगाल के शासक इब्राहीम खान को हराकर शेरशाह सूरी पूरे बिहार और आस-पास के क्षेत्र का अधिपति बन बैठा था। शक्तिशाली बनने के बाद शेरशाह […]
देश में रियासती काल में पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने वाले प्रदूषण की कोई समस्या ही नहीं थी| बावजूद रियासतों के राजा पर्यावरण को लेकर काफी गंभीर व जागरूक थे| हम राजस्थान की ही बात करें तो हर गांव, कस्बे, शहर के पास तत्कालीन शासकों, जागीरदारों, सामंतों द्वारा छोड़े गए ओरण उनकी पर्यावरण के प्रति जागरूकता […]
चुनारगढ़ : अबूझ रहस्यों के कुहासों में डूबा, जिसका जर्रा जर्रा तिलस्म, वैभव, रूमानी कथाओं, वीरों की वीरता भरी लड़ाइयों की भरपूर गाथाओं से भरा, अवंति नरेश भर्तहरी के वैरागी मन को विश्राम देने वाला, जहाँ नैना नाम की एक योगिनी ने कठिन तपस्या की, जहाँ भगवान बुद्ध ने आठवां चतुर्मासा किया, जिस किले पर […]
राजस्थान के भानगढ़ Bhangarh का उजड़ा किला व नगर भूतों का डरावना किले के नाम से देश विदेश में चर्चित है| इस किले की यात्रा के लिए अलवर व जयपुर से सड़क मार्ग द्वारा जाया जा सकता है रेल मार्ग से भी दौसा रेल्वे स्टेशन से उतर कर सड़क मार्ग से इस जगह पहुंचा जा […]
जूनागढ़ बीकानेर : रंगों भरा राजस्थान, जहाँ के जनजीवन का उत्साह, गढ़ी, गढ़ और राजमहलों में सिमटा है, अपने सोंदर्य और शोर्य गाथाओं को सम्मोहित करने में बेजोड़ है | इन गढो में जूनागढ़ बीकानेर स्थापत्य शिल्प, भौगोलिक स्थिति, विलक्षण कला सज्जा का आर्श्चयजनक उदहारण है | थार के रेतीले टीलों के बीच, जो कभी […]
कुम्भलगढ़ राजस्थान ही नहीं भारत के सभी दुर्गों में विशिष्ठ स्थान रखता है उदयपुर से ७० कम दूर समुद्र तल से 1087 मीटर ऊँचा और 30 km व्यास में फैला यह दुर्ग मेवाड़ के यश्वी महाराणा कुम्भा की सुझबुझ व प्रतिभा का अनुपम स्मारक है | इस दुर्ग का निर्माण सम्राट अशोक के दुसरे पुत्र […]
रणथंभोर दुर्ग दिल्ली मुंबई रेल मार्ग के सवाई माधोपुर रेल्वे स्टेशन से १३ कि.मी. दूर रन और थंभ नाम की पहाडियों के बीच समुद्रतल से 481 मीटर ऊंचाई पर 12 कि.मी. की परिधि में बना है | रणथंभोर दुर्ग के तीनों और पहाडों में कुदरती खाई बनी है जो इस किले की सुरक्षा को मजबूत […]
पूर्व का वेनिस और भारत का दूसरा काश्मीर माना जाने वाला उदयपुर खूबसूरत वादियों से घिरा हुआ हैं। अपनी नैसर्गिंक सौन्दर्य सुषमा से भरपूर झीलों की यह नगरी सहज ही पर्यटकों को अपनी और आकर्षित कर लेती है। यहाँ की खूबसूरत वादियाँ, पर्वतों पर बिखरी हरियाली, झीलों का नजारा और बलखाती सडके बरबस ही सैलानियों […]