पद्मावती फिल्म विवाद में भंसाली के पक्ष में उतरे कथित सेकुलर इतिहासकार दावा करते है कि 1540 ई. से पहले इस कहानी के कोई ऐतिहासिक तथ्य नहीं मिलते| लेकिन जो तथ्य है, उन पर ये कथित इतिहासकार आँखे मूंदे है, क्योंकि ये तथ्य मानते ही उनका भारतीय संस्कृति व स्वाभिमान पर चोट करने का वामपंथी […]
अलाउद्दीन खिलजी के चितौड़ पर आक्रमण के बाद चितौड़ दुर्ग में रानी पद्मिनी के नेतृत्व में हजारों की संख्या में महिलाओं को जौहर की धधकती अग्नि में अग्नि स्नान करना पड़ा था| इतिहासकार यह संख्या 13 हजार बतातें है| एक तरफ महिलाओं को अपनी पवित्रता बचाने के लिए जौहर में अग्नि स्नान करना पड़ा, वहीं […]
Haldighati war v/s Diver war story in Hindi दिवेर युद्ध का इतिहास हल्दीघाटी युद्ध महाराणा प्रताप ने अपनों के साथ लड़ा, उसका क्या निर्णय हुआ वह हमारे लिए कोई मायने नहीं रखता| लेकिन हल्दीघाटी युद्ध हमारी संस्कृति में इसलिए बहुत महत्त्वपूर्ण है कि इस युद्ध में रामशाह तोमर, हकीम खां सूर, झाला मान आदि सूरमाओं ने […]
पच्चीस वर्ष कष्टों के, प्रताप ने वन में सहे थे। स्वतन्त्रता के दीवानों, का भी यही था तराना। वीर शिरोमणि प्रातः स्मरणीय राणा प्रताप का जन्म वि.सं. 1596 जेष्ठ सुदी तृतीया (ई.स. 1540 मई 9) को हुआ था। प्रताप की माता अखैराज सोनगरा की पुत्री थी। राणा उदयसिंह की मृत्य वि.सं. 1629 (ई.स. 1572) को […]
उदय और विक्रमादित्य थे, सबका यश जागेगा रे । संघ ने शंख बजाया भैया सत्य जयी अब होगा रे । Maharana Udaisingh मेवाड़ के राणा साँगा के पुत्र थे। उदयसिंह का जन्म वि.सं. 1579 भाद्रपद शुक्ला 12 (ई.स. 1522) में हुआ था। उदयसिंह के बड़े भाई राणा विक्रमादित्य को मारकर साँगा के बड़े भाई पृथ्वीराज […]
Maharaj Shakti Singh History in Hindi यहीं शक्तिसिंह आ के मिला, राम से ज्यों था भरत मिला। बिछुड़े दिल यदि मिलते हों तो, पगले अब तो मिलने दे। लेखक :छाजू सिंह, बड़नगर शक्तिसिंह मेवाड़ के राणा उदयसिंह के द्वितीय पुत्र थे। यह राणा प्रताप से छोटे थे। शक्तिसिंह अपने पिता के समय ही मेवाड़ छोड़कर […]
वि.सं.1865 (ई.सन. 1799) में मेवाड़ के महाराणा भीमसिंह की राजकुमारी कृष्णाकुमारी का सगाई सम्बन्ध जोधपुर के महाराजा भीमसिंह के साथ हुआ था| किन्तु वि.सं.1860 (ई.सं.1803) में जोधपुर के महाराजा भीमसिंह का निधन होने की दशा में राजकुमारी का सम्बन्ध जयपुर के महाराजा जगतसिंह के साथ तय किया गया| उसी समय राजस्थान में आतंक का पर्याय […]
Maharani Jawahar Bai Rathore of Maharana Sanga, Chittorgarh गुजरात के बादशाह बहादुरशाह ने चितौड़ के किले को अपनी असंख्य सेना के बल पर घेर रखा था। उस वक्त मेवाड़ की राजगद्दी पर मेवाड़ के इतिहास का सबसे कमजोर, अयोग्य, कायर, क्षुद्रमति, विलासी राणा विक्रमादित्य आसीन था। अपने सरदारों के साथ उसका व्यवहार व आचरण ठीक […]
Maharaja Amar Singh and Nabab Abdur Rahim Khankhana Story in Hindi भारतीय इतिहास युद्धों से भरा पड़ा है| जब जब केन्द्रीय सत्ता कमजोर हुई तब तब हर तत्कालीन महत्वाकांक्षी शासक ने अपना स्वतंत्र राज्य स्थापित कर उसका प्रसार करने का यत्न किया| इन्हीं प्रयासों में यहाँ के शासक सदैव युद्धों में जूझते रहे| कभी विदेशी […]
Maharana Hammir Sisodia, Mewar अलाउदीन खिलजी द्वारा सारे उत्तरी भारत की आधीन कर लिए जाने से भारतीयों में निराशा आ गई थी । 1303 ई. में अलाउद्दीन ने चित्तौड़ जीत लिया था । इस देश की रक्षा के युद्ध में मेवाड़ के गुहिलवंश की वरिष्ठ शाखा जिसका राज्य चित्तौड़ पर था और जिसकी उपाधि रावल […]