शब्दकल्पद्रुम के काण्ड 2, पृष्ठ 529 के अनुसार “जिस देश में जल और घास कम होती हो, वायु और धूप की प्रबलता हो और अन्न आदि बहुत होता हो, उसको जांगल देश जानना चाहिए|” भावप्रकाश में लिखा है- जहाँ आकाश स्वच्छ और उन्नत हो, जल और वृक्षों की कमी हो और शमी (खेजड़ा), कैर, बिल्व, […]
साहसी व राजभक्ति से ओतप्रोत रामजी लुहार के हृदय में अपने राज्य की सेना को हारते देख इतनी असहय पीड़ा हुई कि वह अकेला ही आक्रान्ता की सेना से भीड़ गया| हालाँकि शहीद होने से पहले वह दुश्मन सेना के सिर्फ पांच सैनिकों को ही मार पाया, पर उसके साहस और वीरता ने हार से […]
बीकानेर राज्य जो जांगलू प्रदेश के नाम से भी इतिहास में जाना जाता है, राजपूताने की 21 रियासतों में महत्त्वपूर्ण था| इस राज्य की स्थापना मारवाड़ के शासक राव जोधा के पितृभक्त पुत्र राव बीका ने 15 वीं सदी में की थी| राव बीका वीर, नीतिज्ञ और कुशल प्रशासक थे, उन्होंने अपने बाहुबल से जांगलू […]
सोशियल मीडिया में कुछ जाट-राजपूत युवा आपस में एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए एक दूसरी जाति के राजाओं के प्रतिकूल टिप्पणियाँ करते अक्सर पढ़े जा सकते है| पर उन्हें मालूम ही नहीं कि कथित आजादी यानी सत्ता हस्तांतरण के बाद ही वोट बैंक की राजनीति ने दोनों जातियों के मध्य कटुता बढ़ाई है| […]
बीकानेर की स्थापना से पहले आज के बीकानेर के आस-पास उत्तर-पूर्व के कई गांवों पर गोदारा, सारण, बेनीवाल, पूनिया आदि गोत्रों के जाटों का अधिकार था| वे कृषि के साथ अपनी सुरक्षा भी खुद ही करते थे| उन दिनों शेखसर का जाट पांडू गोदारा बड़ा दानी था| उसकी दानशीलता के चर्चे थे| एक दिन पांडू […]
हिन्दुत्त्व के रक्षकों का इतिहास खंगाला जाय तो राजस्थान के इतिहास में कई राजाओं के नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखे पाये जायेंगे। हिन्दुत्त्व की रक्षा के लिए अपने प्राणों व बड़े से बड़ा त्याग करने वाले वीरों की राजस्थान में लम्बी श्रंखला रही है। इसी श्रंखला में बीकानेर के महाराजा कर्णसिंह जी का नाम इतिहास […]
Rajkumar Padam Singh of Bikaner 7 मार्च 1672 को महाराष्ट्र के औरंगाबाद स्थित शाही दीवानखाने में बीकानेर के राजकुमार मोहनसिंह और औरंगाबाद के कोतवाल मुहम्मद मीर तोजक के बीच एक हिरण को लेकर विवाद हुआ| कोतवाल मुहम्मद मीर तोजक औरंगजेब के शहजादे मुअज्जम का साला था तो मोहनसिंह भी शाहजादे के अतिप्रिय थे| हिरण के […]
औरंगजेब का शासनकाल हिन्दुओं के लिए संकट का समय था. हालाँकि हिन्दू राजाओं के साथ उसकी संधियाँ और राज्य की सुरक्षा के लिए उन पर निर्भरता उसके साम्प्रदायिक शासन पर एक तरह से अंकुश लगाने में कामयाब रही फिर भी हिन्दु उत्पीड़न हेतु उसके हथकण्डे जारी ही रहे| उसे जहाँ मौका मिलता वह अपनी क्रूर […]
राजस्थान की वीर प्रसूता भूमि में अनेक ऐसे वीर पुरुषों ने जन्म लिया है जिनके एक हाथ में तलवार रही, तो दूसरे हाथ में कलम| इन वीरों ने इतिहास में अपनी तलवार के जौहर दिखाकर वीरता के उत्कृष्ट उदाहरण पेश किये, वहीं अपनी कलम से उत्कृष्ट साहित्य रचकर साहित्य साधना की| Rajkumar Prithviraj, Bikaner का […]
Maharaja Karan Singh, Bikaner, Jangaldhar badshah Story in Hindi : बीकानेर के राठौड़ राजाओं में महाराजा करण सिंह का स्थान बड़ा महत्त्वपूर्ण है. करण सिंह का जन्म वि.स. 1673 श्रावण सुदि 6 बुधवार (10 जुलाई 1616) को हुआ था. वे महाराजा सूरसिंह के ज्येष्ठ पुत्र थे अत: महाराजा सूरसिंह के निधन के बाद वि.स. 1688 […]