आमेर के शासकों पर व्यंग्य के तौर पर प्रचलित बातें कि आमेर वालों ने मुगलों को बेटियां देकर राज किया, पर भरोसा कर इतिहासकारों ने अकबर, जहाँगीर आदि की शादी आमेर राजघराने से होने की बातें लिख दी। जबकि आमेर राजघराने ने मुगलों से कोई वैवाहिक रिश्ता नहीं किया। नायला के ठाकुर फतेहसिंह जी चाम्पावत […]
Chauhan Kshtriya vansh Agnivanshi or Suryavanshi सोशियल साइट्स पर अक्सर चर्चा होती है कि चौहान अग्निवंशी है सूर्यवंशी? इतिहासकारों के अनुसार “जब वैदिक धर्म ब्राह्मणों के नियंत्रण में आ गया और पंडावाद बढ़ गया तब बुद्ध ने इसके विरुद्ध बगावत कर नया बौद्ध धर्म चलाया तब लगभग क्षत्रिय वर्ग वैदिक धर्म त्यागकर बौद्ध धर्मी बन […]
हमारा देश विभिन्न धर्मों, जातियों, समुदायों, पंथो व संस्कृति वाला देश है| देश के विभिन्न हिस्सों व जाति, धर्मों में विभिन्न परम्पराओं का प्रचलन है| इन परम्पराओं का कहीं कड़ाई से तो कहीं प्रतीकात्मक प्रचलन है| अपने आपको विकासशील मानने वाले कई लोग अपने समुदायों में चलने वाली परम्पराओं को रुढी, कुरीति मानते है और […]
साइबेरिया, अल्जीरिया, बहरीन, ईराक, जॉर्डन, कुवैत, लीबिया, Tunisia, Macedonia आदि देशों में चलने वाली मुद्रा दीनार और आर्मेनिया में चलने वाली मुद्रा द्रम्म कभी विश्व के कई देशों के साथ राजस्थान की रियासतों में भी प्रचलन में थी| राजस्थान में उत्खनन में मुद्रा के रूप में विभिन्न आकृति व चिन्हों वाले सोने, चाँदी, तांबे के […]
भारत की वीरांगनाओं की हर युग में हसरत रही है कि उनका प्रणय किसी वीर पुरुष के साथ हो। भारतीय इतिहास में ऐसे उदाहरण भरे पड़े है, जब किसी वीरांगना ने किसी वीर की वीर गाथा सुन, मन में उसी को पति मान प्रणय का प्रस्ताव भेजा हो। भारत के मध्यकालीन इतिहास पर ही नजर […]
Jodha Akbar ka Sach, Jodabai Rajput Nahi Putgali thi, Purtgali lekhak ka Dava मुगले आजम फिल्म में काल्पनिक तौर पर अकबर की बेगम का नाम जोधाबाई रख दिया और इस कथित जोधा बाई को आमेर के राजा भारमल की राजकुमारी बता दिया. फिल्म में जोधाबाई नाम प्रचारित होने के बाद यह इतिहास बन गया और […]
राजस्थान में गणगौर पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता रहा है| रियासत काल में गणगौर रियासत व शासक की प्रतिष्ठा से जुड़ी रही है, तो दूसरे की गणगौर को लूट लाना वीरों का शगल रहा है| वीर गणगौर को लूट कर लाने में अपनी आन, बान, शान व वीरता का प्रतीक समझते थे और जिसकी […]
कर्नल जेम्स टॉड ने राजस्थान का इतिहास लिखा। इसके लिए उसने अनेक प्रमाणिक संसाधन एकत्रित किये। जैसे पुराण, रामायण, महाभारत, अनेक राज्यों व राजवंशों की ख्यतें, पृथ्वीराजरासो, खुमाणरासो, हमिरारासो, रतनरासो, विजयविलास, जयविलास, सूर्यप्रकाश, हमीरकाव्य और ना जाने कितने क काव्य, नाटक, व्याकरण कोश, ज्योतिष, शिल्प, महात्म्य, जैन साधुओं द्वारा लिखित अनेक पुस्तकें, कई शिलालेखों का […]
आजादी से पूर्व राजस्थान के भूभाग पर विभिन्न राजपूत राजकुलों का शासन होने के कारण राजपूताना कहलाता था। राजपुताना शब्द मुगलकाल से ही प्रचलित था। इतिहासवेत्ता डा. रघुवीरसिंह सीतामऊ ने ‘राजस्थान के प्रमुख इतिहासकार उनका कृतित्व’ में लिखा है- भाग्य की यह अनोखी विडम्बना ही है कि जिस विधर्मी विजेता अकबर के प्रति राजस्थान में […]
Badgujar or Raghav, True History of badgujar kshtriya in Hindi वर्तमान में लगभग 30-35 वर्षों से बड़गूजरों का एक तथाकथित शिक्षित वर्ग अपने आपको ‘राघव कुल के रुप में प्रतिस्थापित करने की जटिल व्याधि से ग्रसित होता जा रहा है। सूर्यवंशियों के किसी भी कुल के व्यक्ति द्वारा अपने आपको ‘राघव’ या ‘रघुवंशी’ कहना या […]