15 जनवरी 2017 को दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित पुस्तक मेले में सम्यक प्रकाशन दिल्ली ने बौद्धाचार्य शांति स्वरूप बौद्ध द्वारा लिखित पुस्तक “जयचंद्र गद्दार नहीं परमदेशभक्त बौद्ध था” का विमोचन किया गया| शांति स्वरूप बौद्ध 21 वर्ष केंद्र सरकार के राजपत्रित पद पर कार्य करने के बाद बौद्ध धर्म के इतिहास, सांस्कृतिक, कलात्मक […]
Shekhawati ke Veer Geet Book By Thakur Saubhagy Singh Shekhawat, Bhagatpura राजस्थान का ज्यादातर इतिहास कवियों व साहित्यकारों द्वारा काव्य रचनाओं में लिखा गया है| चारण कवियों ने इतिहास की प्रत्येक घटना, प्रत्येक इतिहास पात्र पर डिंगल भाषा में अपनी कलम चलाई है| अत: राजस्थान का इतिहास समझने के लिए डिंगल भाषा सहित राजस्थानी साहित्य […]
राजस्थान के शेखावाटी के प्रदेश के प्राचीन इतिहास पर स्व.सुरजन सिंह शेखावत, झाझड़ द्वारा शोधपूर्वक लिखित पुस्तक “शेखावाटी प्रदेश का प्राचीन इतिहास” (Shekhawati prdesh ka prachin itihas book) का प्रथम संस्करण वर्ष 1989 में छपा था| इसके बाद पुस्तक के दुबारा ना छपने के कारण जिज्ञासु पाठकों और इतिहास शोधार्थियों के लिए महत्वपूर्ण यह पुस्तक […]
गोविन्दसिंह मुण्डियावास द्वारा लिखित और श्री क्षत्रिय राजा रायसल संस्थान, खंडेला व श्री राजपूत सभा दांता-रामगढ (सीकर) द्वारा प्रकाशित पुस्तक “वीर शिरोमणि महाराव शेखा” में पूर्व में प्रकाशित इतिहास- ग्रंथो के आधार पर शेखावत वंश व शेखावाटी राज्य प्रवर्तक राव शेखाजी के जीवन चरित्र व कुछ्वाह वंश के साथ शेखावत वंश और राज्यों, जागीरों की […]
वर्ष 1895, पंजाब में जन्में दीवान जरमनी दास कपूरथला और पटियाला रियासतों में लगभग 50 वर्ष तक मिनिस्टर व दीवान पद पर रहे| इस पद पर रहते हुए जरमनी दास इन रियासतों की रानियों व महाराजाओं के प्रेम और रोमांस के निजी देश-विदेश के दौरों में साथ रहे और उनकी रंगीन जिन्दगी को उन्होंने करीब […]
वर्ष २००८ के मध्य सोशियल साईटस पर लांस एंजेलिस केलिफोर्निया रहने वाली कमलेश चौहान से मुलाकात हुई| सोशियल साईटस पर आपसी बातचीत और विचार विमर्श के बाद कमलेश जी को ज्ञान दर्पण.कॉम के बारे में पता चला और उसके बाद वे ज्ञान दर्पण ब्लॉग की नियमित पाठक बन गयी साथ ही अपनी कई रचनाएँ भी […]
फरवरी माह में मुंबई के लिए जयपुर से रेलगाड़ी पकड़नी थी सो सुबह सुबह ही जयपुर पहुँच गए समय काफी था सो समय का सदुपयोग करने के लिए “अथ रक्षाम” मासिक पत्रिका के संपादक करण सिंह को मिलने के लिए फोन पर सुचना दी तो वे थोड़ी ही देर में मिलने पहुँच गये यह उनके […]
कर्नल नाथू सिंह शेखावत सन २००४ में कर्नल नाथू सिंह शेखावत को एक कार्यक्रम में महाराव शेखाजी के युद्ध विषयक चरित्र पर व्याख्यान देने का अवसर मिला पर उनके पास व इतिहास में इस विषय पर सूचनाएँ बहुत कम थी| इसलिए उन्होंने इतिहासकारों की आलोचना करते हुए कहा था कि-“इतिहासकारों ने हमारे इतिहास के साथ […]
सन १९५० के दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में स्व. श्री तन सिंह जी एक शिक्षण शिविर के सिलसिले में अपने जीवन में पहली बार चितौड़ गए और वहां उन्होंने चितौड़ दुर्ग देखा | लेकिन चितौड़ दुर्ग देखने के दो महीने बाद तक स्व. श्री तन सिंह जी उस कसक और वेदना से मुक्त नहीं हो […]
चंडीगढ़ के यूनिस्टार पब्लिकेशन ने “सात समन्दर पार ” हिंदी उपन्यास प्रकाशित किया है जिसे लिखा है अमेरिका में रहने वाली भारतीय महिला कमलेश चौहान ने | कमलेश चौहान पंजाब साहित्य सभा द्वारा प्रेस्टीयस एन आर आई एकेडमी अवार्ड जनवरी २००९ से भी सम्मानित है | उपन्यास अमेरिका में रहने वाले एक एनआरआई से शादी […]