Rao Shekha history in Hindi, Rao Shekhaji, Shekhawati, Shekhawat Vansh राव शेखा के दादा बालाजी आमेर से अलग हुए थे | अतः अधीनता स्वरूप कर के रूप में प्रतिवर्ष आमेर को बछेरे देते थे | शेखा के समय तक यह परम्परा चल रही थी | राव शेखा ने गुलामी की श्रंखला को तोड़ना चाहा | […]
एक स्त्री की मान रक्षा के लिए महाराव शेखाजी ने झुन्थर के कोलराज गौड़ का सर काट कर अपने अमरसर के गढ़ के सदर द्वार पर टंगवा दिया,ऐसा करने का उनका उद्देश्य उदंड व आततायी लोगों में भय पैदा करना था हालांकि यह कृत्य वीर धर्म के खिलाफ था शेखा जी के उक्त कार्य की […]
गोविन्दसिंह मुण्डियावास द्वारा लिखित और श्री क्षत्रिय राजा रायसल संस्थान, खंडेला व श्री राजपूत सभा दांता-रामगढ (सीकर) द्वारा प्रकाशित पुस्तक “वीर शिरोमणि महाराव शेखा” में पूर्व में प्रकाशित इतिहास- ग्रंथो के आधार पर शेखावत वंश व शेखावाटी राज्य प्रवर्तक राव शेखाजी के जीवन चरित्र व कुछ्वाह वंश के साथ शेखावत वंश और राज्यों, जागीरों की […]
राजस्थान के सीकर जिले में रलावता गांव में अरावली पर्वत श्रंखला की तलहटी में शेखावत वंश और शेखावाटी के प्रवर्तक व साम्प्रदायिक सदभाव के प्रतीक महाराव शेखाजी के स्मारक स्थल पर महाराव शेखाजी की नव निर्मित प्रतिमा का अनावरण महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल देवीसिंह शेखावत २० सितम्बर को सुबह १० बजे करेंगी| इस अवसर […]
राव शेखा का जन्म आसोज सुदी विजयादशमी सं १४९० वि. में बरवाडा व नाण के स्वामी मोकल सिंहजी कछवाहा की रानी निरबाण जी के गर्भ से हुआ १२ वर्ष की छोटी आयु में इनके पिता का स्वर्गवास होने के उपरांत राव शेखा वि. सं. १५०२ में बरवाडा व नाण के २४ गावों की जागीर के […]