राजस्थान भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव पूर्व प्रदेश की सत्ता अपने हाथों में लेने के लिए सुराज संकल्प यात्रा निकाली जिसके माध्यम से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रदेश की जनता को कांग्रेस के कुशासन से प्रदेश की जनता को मुक्ति दिलाकर सुशासन यानी सुराज स्थापित करने का वादा किया और अपने इस सुराज कायम करने के संकल्प की आम आदमी तक जानकारी पहुंचाई|
इस यात्रा की जानकारी देने के उद्देश्य से भाजपा ने सोशियल मीडिया की भूमिका महत्त्वपूर्ण समझते हुए www.surajsankalpyatra.com के नाम एक वेब साईट बनाई, इस वेब साईट के माध्यम से देश विदेश में बैठे प्रवासी राजस्थानियों को राजे के सुराज संकल्प की व उनकी यात्रा की जानकारी मिला करती थी, और प्रवासी उम्मीद करते थे कि सत्ता मिलने के बाद भाजपा अपने सुराज के कार्यों व उदाहरणों को वेब साईट के माध्यम से उन तक पहुंचाएगी और वे भी सुराज में कमियों की शिकायत या सुझाव वेब साईट के माध्यम से मुख्यमंत्री तक पहुंचाते रहेंगे|
लेकिन अफ़सोस प्रदेश में भारी जीत के बाद मिली सत्ता के बाद राजे सरकार व पार्टी ने सुराज संकल्प यात्रा का काम पूरा समझ उसे भुला दिया और पिछले 15 मार्च को इस वेब साईट के डोमेन को एक्सपायर होने के बावजूद इसका नवीनीकरण नहीं कराया|
आज सुराज संकल्प की जानकारी देने वाली वेब साईट के नवीनीकरण का काम भुलाया गया है कल हो सकता है, जिस तरह से राजनीतिज्ञ अपने किये वादे भूल जाते है वैसे ही राजे सरकार सुराज संकल्प ही भूल जाये|
हो सकता है दुरूपयोग भी
वेब डोमेन एक्सपायर होने के कुछ माह बाद डोमेन रजिस्ट्रार पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किसी भी जारी कर सकते है और यह बात भाजपा का आईटी सैल भी अच्छी तरह से जानता है| कोई भी राजनैतिक विरोधी इसे पंजीकृत कराकर इसके माध्यम से भ्रांतिपूर्ण जानकारियां देकर भाजपा का नुकसान भी कर सकता है क्योंकि यह वेब साईट राजस्थान भाजपा की अधिकारिक वेब साईट रही है अत: इस पर अपडेट की गई कोई भी गलत सुचना भ्रांति फैलाने के लिए काफी है| पर अफ़सोस भाजपा के आईटी सैल में बैठे जिम्मेदार लोगों के जेहन में ये बात क्यों नहीं आई? जबकि भाजपा मोदी के नाम से बनी वेब साइट्स का दुरूपयोग देख चुकी है|
4 जून को रजीस्टर करने के लिए available हो जाएगा 😉
मेरा एक क्लाईंट है उसका डोमेन एक्स्पायर हो कर डिलीट हो गया था, बडा मुस्कील से वापस मिला।
बिजेपी अब आने वाला है, अब उनको डामेन, आदी की क्या जरुरत।