39.4 C
Rajasthan
Friday, June 9, 2023

Buy now

spot_img

राजस्थान भाजपा को मिलने वाले जाट वोटों का सच

Reality of Jat Vots for BJP : हाल ही में राजस्थान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष प्रकरण के मामले में एक गुट ने दूसरे गुट की बात ना मानने के लिए राजपूत-जाट मुद्दा उछाला|  आपको बता दें केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत प्रदेशाध्यक्ष पद पर मोदी अमितशाह की पहली पसंद थे| लेकिन मुख्यमंत्री वसुंधराराजे अपनी पसंद का या फिर किसी कमजोर नेता को इस पद पर देखना चाहती थी| यदि कहा जाय कि प्रदेशाध्यक्ष पद पर नियुक्ति मुख्यमंत्री राजे व मोदी अमित शाह जोड़ी के मध्य प्रदेश में पार्टी पर वर्चस्व की लड़ाई में उलझ गई और दोनों गुटों ने इसे अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया|

मुख्यमंत्री राजे के समर्थकों ने मोदी अमितशाह की पसंद को किनारे करने के लिए गजेन्द्रसिंह को प्रदेशाध्यक्ष बनाये जाने का यह कहकर विरोध किया कि उनकी नियुक्ति के बाद जाट समाज भाजपा को वोट नहीं देगा| अत: भाजपा को मिलने वाले कथित जाट वोटों का सच जानना आवश्यक है| ज्ञात हो आजादी के समय से ही जाट मतदाता कांग्रेस से जुड़े रहे हैं, यही कारण है कि जाटों के सभी बड़े नेताओं का सम्बन्ध कांग्रेस से रहा है| भाजपा से जाटों का दूर दूर तक कोई नाता नहीं रहा, बल्कि राजस्थान के राजनैतिक इतिहास पर नजर डालें तो जनसंघ के नेता कभी जाटों के गांव में घुस ही नहीं पाते थे|

लेकिन भाजपा के सत्ता में आने के बाद भाजपा ने कई जाटों को पार्टी से जोड़ा और नेता बनाया ताकि जाट वोट मिल सके| लेकिन आजतक जाटों ने भाजपा को वहीं वोट दिया है जहाँ जाट समाज के किसी प्रभावी नेता को टिकट दिया हो| जहाँ कांग्रेस भाजपा दोनों प्रत्याशी जाट होते हैं वहां उसी नेता को जाट वोट मिलते है जो समाज में ज्यादा प्रभावी हो, ऐसे में यदि भाजपा का जाट उम्मीदवार प्रभावी नहीं हो तो उसे जाट वोट नहीं देते| खींवसर विधानसभा इसका एक शानदार उदाहरण है वहां भाजपा से निष्कासित जाट नेता हनुमान बेनीवाल के आगे भाजपा के जाट प्रत्याशी की जमानत जब्त हो जाती है|

भाजपा ने जाटों को जोड़ने के लिए जितने भी टिकट दिए है वे जाटों मतों से नहीं भाजपा के पारम्परिक मतों से विजयी होते हैं| नागौर लोकसभा को इसके उदाहरण के तौर पर देखा जा सकता है जहाँ कहाँ ने सीआर चौधरी को खड़ा किया था, उनके सामने कांग्रेस से ज्योति मिर्धा व हनुमान बेनीवाल थे| जाटों के वोट हनुमान बेनीवाल व ज्योति मिर्धा के मध्य बंटे और सीआर चौधरी भाजपा के पारम्परिक वोटों व मोदी लहर पर सवार होकर जीत गए| यदि उनकी जगह कोई अन्य जाति का व्यक्ति का भी खड़ा होता तो वह भी इतने ही मतों से जीतता| यह हकीकत है कि जाट भाजपा को वहीं वोट दे सकते है जब कोई बड़ा जाट भाजपा से खड़ा हो यदि नहीं तो उस क्षेत्र में जाट वोट भाजपा को कतई नहीं मिलते|

भाजपा ने जितने जाट नेता है उनमें ज्यादातर शाहनवाज हुसैन व नकवी जैसे मुस्लिम मुखौटों की तरह है, उनके कहने से जाट समाज भाजपा के किसी भी गैर जाट प्रत्याशी को वोट नहीं देता| भाजपा में जो जाट विधायक है उनमें भी ज्यादातर भाजपा के पारम्परिक वोटों के बदौलत है|

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Stay Connected

0FansLike
3,803FollowersFollow
20,900SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles