राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र की अपनी विशिष्ठ सांस्कृतिक पहचान है इस क्षेत्र ने भारतीय सेना को सबसे अधिक वीर सैनिक दिए है यहाँ के लोग अपनी वीरता,कर्तव्यनिष्ठा के अलावा अपनी जिन्दादिली के लिए भी जाने जाते है और इसी जिन्दादिली का प्रमाण है कि फाल्गुन का महिना लगते ही पुरे शेखावाटी क्षेत्र में चंग (ढफ) पर थाप के साथ ही होली के गीतों की धमाल शुरू हो जाती है | गांव-गांव और हर शहर में शाम होते ही लोगों के झुंड के झुंड जुट जाते है और चंग (ढफ) पर थाप के साथ ही होली के गीतों में झूम उठते है यह क्रम होली आने तक चलता रहता है “होरियों” के नाम से प्रसिद्ध इन लोक गीतों को गाने की भी अपनी एक विशिष्ठ शैली होती है | अब फाल्गुन का महिना लग चुका है और शेखावाटी क्षेत्र में इन “होरियों” के लोक गीतों के कार्यक्रम शुरू हो चुके है, अब जब पुरा शेखावाटी क्षेत्र होली के लोक गीतों की मस्ती में झूम रहा है तो आप पीछे क्यों रहे, आईये रूप सिंह शेखावत और उनके साथी कलाकारों के साथ आप भी होली की इस धमाल में शामिल होकर मस्त हो जाईये | वैसे भी आज आपने ताऊ की शनिश्चरी पहेली में काफी दिमाग लगाया होगा सो अब कुछ मनोरंजन कर फ्रेश हो जाईये |
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6 Responses to "शेखावाटी की धमाल"