ठरगा भायला जाड़ा म
सूरज बड़गो खाडा म
पिसा लागै दवायां का
और दशमूल का काड़ा में
ठरगा भायला जाड़ा म
दुबला को बैरी है यो
क्यूँ कोण कर ठाडा म
ठरगा भायला जाड़ा म
टीबा पर चाले आथूणी
म्हे बच रिया हाँ आडा म
ठरगा भायला जाडा म
कई जिनावर बिल म बडग्या
कई छापलरया ढाँढाँ म
ठरगा भायला जाडा म
बावरिया रोही म कुरलावै
लुहार सीसाव गाडा म
ठरगा भायला जाडा म
सुंदर अति सुंदर गजेंद्र जी की रचना
सटीक शब्दचित्र बनाया है… सर्दी के मौसम का… बहुत सुन्दर…
saachhi saachhii baat kah dini shekhawatji
कड़कड़ाती ठंड कहती पंक्तियाँ