काबुल भूली नह अजै, ओ खांडो, ऎ हाथ ||
काबुल की भूमि अभी तक यहाँ के वीरों द्वारा किये गए प्रचंड खड्ग प्रहारों को नहीं भूल सकी है | उन प्रहारों की भयोत्पादक गाथाओं को सुनाकर माताएं बालकों को आज भी डराकर सुलाती है |
महमूद गजनी के समय से ही आधुनिक शास्त्रों से सुसज्जित यवनों के दलों ने अरब देशों से चलकर भारत पर आक्रमण करना शुरू कर दिया था | ये आक्रान्ता काबुल (अफगानिस्तान)होकर हमारे देश में आते थे अफगानिस्तान में उन दिनों पांच मुस्लिम राज्य थे ,जहाँ पर भारी मात्रा में आधुनिक शास्त्रों का निर्माण होता था वे भारत पर आक्रमण करने वाले आक्रान्ताओं को शस्त्र प्रदान करते थे बदले में भारत से लूटकर ले जाने वाले धन का आधा भाग प्राप्त करते थे |
इस प्रकार काबुल का यह क्षेत्र उस समय बड़ा भारी शस्त्र उत्पादक केंद्र बन गया था जिसकी मदद से पहले यवनों ने भारत में लुट की व बाद में यहाँ राज्य स्थापना की चेष्टा में लग गए | इतिहासकारों ने इस बात को छुपाया है कि बाबर के आक्रमण से पूर्व बहुत बड़ी संख्या में हिन्दू शासकों के परिवारजनों व सेनापतियों ने राज्य के लोभ में मुस्लिम धर्म अपना लिया था और यह क्रम बराबर जारी था | ऐसी परिस्थिति में आमेर के शासक भगवानदास व उनके पुत्र मानसिंह ने मुगलों से संधि कर अफगानिस्तान (काबुल) के उन पांच यवन राज्यों पर आक्रमण किया व उन्हें इस प्रकार तहस नहस किया कि वहां आज तक भी राजा मानसिंह के नाम की इतनी दहशत फैली हुई है कि वहां की स्त्रियाँ अपने बच्चों को राजा मानसिंह के नाम से डराकर सुलाती है | राजा मानसिंह ने वहां के तमाम हथियार बनाने वाले कारखानों को नष्ट कर दिया व श्रेष्ठतम हथियार बनाने वाली मशीनों को वहां लाकर जयगढ़ (आमेर) में स्थापित करवाया |
माई एडो पूत जण, जैडौ मान मरद |
समदर खान्ड़ो पखारियो ,काबुल पाड़ी हद ||
नाथ सम्प्रदाय के लोग गंगामाई के भजनों में धर्म रक्षक वीरों के रूप में अन्य राजाओं के साथ राजा मानसिंह का यश गान आज भी गाते है |
स्व.आयुवानसिंह शेखावत,हुडील
इतिहास पुरूष महाराजा मान सिंह जी के बारे में आपकी यह पोस्ट अद्वितीय है | इस अनमोल पोस्ट हेतु आभार |
Gyanvardak post .bhut bhut abhar is post ke liye
राजा मान सिंह से तो हम परिचित हैं लेकिन कुछ नयी बातें मालूम हुईं. आभार.
महाराजा मान सिंह जी के बार तो बहुत पढा था स्कुल मै ओर फ़िर अन्य किताबो मै, लेकिन आप से आज ओर भी ज्यादा पता चला धन्यवाद
वीर को प्रणाम।
अंतरजाल पर ऐसी सूचनाओं को उपलब्ध करने के लिए आप का बारंबार अभिनंदन|