काका-ताऊ ना भायां को
आग्यो राज लुगायां को ।|
कोंग्रेस का च्यारूं मेर सूं कर दिन्या है सफाया
गहलोत सरकार की कुर्सी का तोड़ नाख्या पाया
ना यो पराया जाया , और ना ही माँ का जाया को
आग्यो राज लुगायां को ॥
जनता अर पाणी का रुख न कोई जाण ना पायो
वोट दिन्या वसुंधरा नै ,माल गेहलोत को खायो
ना यो बाणया-बामण अर न ही राज है नायां को
आग्यो राज लुगायां को ॥
राजसत्ता कब किसी की, एक छत्र रह पायी है
जनता के करवट की कीमत हर किसी ने चुकाई है
मंदिर देवता साधू -सन्यासी, हिन्दू धर्म की गायां को
आग्यो राज लुगायां को ||
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