मैंने एयरटेल से कई बार अनुरोध किया कि मुझे फ्री मिलने वाला समय एसटीडी में समायोजित किया जाय और 98 रूपये में GPRS की सुविधा प्रदान की जाय बेशक आप इतने रुपयों में मुझे मात्र एक जीबी का ही इस्तेमाल करने की छूट दे दीजिए क्योंकि मेरा फोन पर GPRS का इस्तेमाल कभी कभार ही होता है| मेरे कई बार अनुरोध करने के बाद भी कभी एयरटेल ने मेरी नहीं सुनी अत: यह सोचकर कि इनसे अनुरोध करना भैंस के आगे बीन बजाने जैसा है,इनसे सौदेबाजी करनी है तो मोबाइल पोर्टिबिलिटी सुविधा का प्रयोग किया जाय| क्योंकि पहले जब मैंने एयरटेल का ब्रॉडबैंड कनेक्शन हटवाया था तब न हटाने के लिए एयरटेल ने जो सौदेबाजी की उसका मुझे अनुभव था|
जैसे ही मैंने मोबाइल पोर्टिबिलिटी के लिए दूसरे मोबाइल सेवा प्रदाता के यहाँ आवेदन किया, एयरटेल वालों ने मुझे रोकने के लिए सौदेबाजी शुरू कर दी, कई फोन आये और उन्होंने घुमा फिराकर मुझे बेवकूफ बना बरगलाने की कोशिश की ताकि मुझे एयरटेल के साथ रखा जा सके, घुमाफिराकर,फायदे के सब्जबाग दिखाकर रोकने वालों को मैंने साफ कह दिया कि भाई हम भी “ताऊ मेनेजमेंट यूनिवर्सिटी” के पास आउट है इसलिए हमें बनाने की कोशिश न की जाय जो हमें चाहिए वो दे दिया जाए तो हमें एयरटेल से कोई दिक्कत नहीं, और वे नहीं दे सकते तो हम तो दूसरे सेवा प्रदाता के यहाँ जा ही रहे है जहाँ हमें वह सब मिल रहा जो हमें चाहिए| आखिर बात उनके समझ आ गयी कि ये “ताऊ यूनिवर्सिटी” का डिप्लोमा होल्डर आसानी से फंसने वाला नहीं है|
शायद यह बात समझ एयरटेल से एक चौथे भाईसाहब का फोन आया और उन्होंने जो हम 299+98=397 रूपये में जो मांग रहे थे उससे भी आगे बढ़कर हमें जो वे दे सकते थे बताना शुरू किया कि – 397 रु. के बदले 249+98=347 रूपये में 600 मिनट का समय चाहे आप लोकल कॉल या एसटीडी जिसमे चाहे इस्तेमाल करें,STD रेट 0.75 रु.की जगह 0.50 रु.,रोमिंग जो 1.00 व 1.50 रु.थी वह 0.60 व 0.80 रु. लगेगी और साथ में 1 GB GPRS और यही नहीं हमारे द्वारा उनकी बात मानने की खुशी में दो महीने तक मोबाइल किराया एकदम फ्री |
यदि आपको भी अपने मोबाइल सेवा प्रदाता से अपना फोन का बिल कम करना है तो इस शानदार हथियार “Mobile Number Portability” का प्रयोग करें|
मोबाइल उपभोक्ताओं को “Mobile Number Portability” नामक हथियार उपलब्ध कराने के लिए ट्राई तेरा बहुत बहुत आभार! वो भी हार्दिक वाला!
सभी चित्र गूगल खोज परिणामों से|
15 Responses to "वाह री ! मोबाइल पोर्टिबिलिटी"