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Friday, September 22, 2023

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जोधा अकबर सीरियल मामला : थूक कर चाट गयी एकता कपूर और निहायत झूंठा निकला जी टीवी

जोधा अकबर सीरियल के प्रदर्शित होने से पहले ही देश के कई जागरूक राजपूत युवाओं ने इस सीरियल का विरोध किया, जय राजपुताना संघ के भंवर सिंह खंगारोत ने इस मामले में मेरे से ऐतिहासिक जानकारी पर चर्चा कर इस सीरियल के खिलाफ IBF में शिकायती ईमेल भिजवाये व कुलदीप तोमर, यूएस राणा आदि दिल्ली के सामाजिक नेताओं के साथ IBF में इस सीरियल के खिलाफ ज्ञापन दिया|

उधर राजस्थान में पहले भी जोधा अकबर के नाम पर बनी फिल्म का राजस्थान में प्रदर्शन रोकने वाले अग्रणी संगठन राजपूत करणी सेना ने भी इस सीरियल को रोकने हेतु कमर कस रखी थी और जयपुर में करणी सेना ने इसके खिलाफ आन्दोलन का आगाज कर दिया था| साथ ही देश भर के राजपूत संगठनों में इस सीरियल के खिलाफ उग्र रोष था जिसे जी टीवी के नोयडा ऑफिस, चंडीगढ़, यूपी, मुंबई हरियाणा के विभिन्न शहरों में हुए प्रदर्शनों में साफ़ देखा गया| हरियाणा में तो कई जगह पुलिस व प्रदर्शनकारियों में लाठी भाटा जंग तक हुई कई प्रदर्शनकारी घायल भी हुए| यही नहीं इन प्रदर्शनों की आंच हरियाणा के वेदपाल तंवर व विभिन्न संगठनों के नेतृत्व में संसद भवन का घेराव करने जा रही भीड़ पर भी पुलिसिया लाठीचार्ज का कहर बरपा|

इसी दौरान विरोध को देखते हुए जी टीवी ने IBF के अधिकारीयों के सामने विभिन्न राजपूत संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ दिनांक 5 जून 2013 को IBF के ऑफिस में वार्ता की| करणी सेना के संस्थापक लोकेन्द्र सिंह कालवी ने विस्तार से ऐतिहासिक जानकारी देते हुए जी टीवी को बताया कि जोधा नाम की अकबर की कोई बीबी नहीं थी अत: इतिहास के साथ छेड़छाड़ नहीं की जाय| कालवी ने इस सम्बन्ध में देश के माने हुए इतिहासकारों की पुस्तकों के संदर्भ भी जी टीवी को बताये| जी टीवी प्रबंधन टीम के एक्सिक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट आलोक गोविल ने साफ़ किया कि उन्होंने इस सीरियल के लिए बालाजी टेलीफिल्म्स प्रसारित करने के लिये समय मात्र आवंटित किया है, जी टीवी का इसके निर्माण व इसकी कहानी से कोई लेना देना नहीं| जी टीवी ने राजपूत समाज के साथ रहने का वायदा करते हुए उनकी आपत्ति बालाजी टेलीफिल्म्स तक पहुँचाने की बात कही| वार्ता में राजेन्द्र सिंह बसेठ, कुलदीप तोमर, यूएस राणा, झाला साहब, डा.वीपी. सिंह आदि शामिल थे|

उसके बाद दिनांक 17 जून 2013 को सीरियल शुरू करने के एक दिन पहले गुडगांव के होटल ओबेराय में फिर लोकेन्द्र सिंह कालवी के नेतृत्व में राजपूत समाज के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ जी टीवी व बालाजी टेलीफिल्म्स की प्रबंधन टीम ने इस पर चर्चा की| बालाजी टेलीफिल्म्स की और से एकता कपूर के पिता अभिनेता जितेन्द्र ने खुद भाग लिया| इस चर्चा में भी जी टीवी प्रबंधन टीम ने यही कहा कि यह मुद्दा बालाजी टेलीफिल्म्स का है वह जो चाहे सीरियल में बदलाव करे या रोके हम इससे कोई मतलब नहीं, जी टीवी ने सिर्फ प्रसारण के लिए समय आवंटित किया है जिसका बालाजी टेलीफिल्म्स कैसा भी उपयोग करे| साथ ही जी टीवी की और से मुंबई से आये भरत रांका ने राजपूत समाज का साथ देने की मीठी मीठी बातें कर राजपूत ब्राह्मण जातियों के आपसी संबंधों का हवाला देते हुए उपस्थित राजपूत जन प्रतिनिधियों की जातिय भावनाओं का दोहन करने की भी नापाक कोशिश की|

खैर ये वार्ता भी विफल हुई| इस वार्ता में जी टीवी ने सीरियल से पहले एक डिस्क्लेमर चलाने की चर्चा छेड़ी व एक डिस्क्लेमर बना सुनाया जिसे वहां उपस्थित प्रतिनिधियों ने सिरे से खारिज कर दिया पर फिर भी जी टीवी ने बेशर्मी की हदें पार करते हुए दुसरे दिन ही बताना शुरू कर दिया कि यह डिस्क्लेमर राजपूत समाज की सहमती से दिखाया जा रहा है| जो एकदम झूंठ था| क्योंकि उपरोक्त दोनों चर्चाओं में ज्ञान दर्पण.कॉम की और से मैं स्वयं वहां मौजूद था जो चर्चा हुई वो मेरे सामने हुई|

आखिर राजपूत समाज के विरोध को दरकिनार कर सीरियल का प्रसारण शुरू कर दिया गया| कई जगह उसके विरोध में उग्र प्रदर्शन हुए, लाठी चार्ज हुए, कई राजपूत युवाओं पर मुकदमें दायर किये| इस बीच करणी सेना के लोकेन्द्र सिंह कालवी व जोधपुर यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति लक्ष्मण सिंह राठौड़ ने राजस्थान हाई कोर्ट में इस सीरियल के खिलाफ जन हित याचिका दायर की| करणी सेना जानती थी कि सीरियल को दबंगई से रोकना नामुमकिन है अत: करणी सेना ने रणनीति बनायीं और एकता कपूर की आने वाली एक फिल्म “वंश अपोन ए टाइम्स मुंबई दुबारा” की लॉन्चिंग तक चुप बैठे रहना मुनासिब समझा| करणी सेना की इस रणनीतिक चुप्पी को लेकर सोसियल साइट्स पर कई सवाल उठे, कई फेसबुक बयान वीरों, कथित राष्ट्रवादियों ने करणी सेना पर बिकने के आरोप लगाये| हालाँकि ये आरोपी किसी प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए सिर्फ फेसबुक पर की-बोर्ड ठोकते हुए अपनी वीरता दिखाते रहे|

आखिर बालाजी टेलीफिल्म्स की फिल्म “वंश अपोन ए टाइम्स मुंबई दुबारा” को प्रदर्शित करने का समय आया तो करणी सेना ने राजस्थान में इसके प्रदर्शन को रोकने की चेतावनी दी व सिनेमाघरों से एकता कपूर की इस फिल्म को ना दिखाने का अनुरोध किया| पर कुछ सिनेमाघर प्रशासनिक सहयोग के भरोसे फिल्म प्रदर्शित करने पर आमादा थे जिसके विरोध में करणी सैनिकों ने ऐसे सिनेमाघर के पर्दे फाड़ उन्हें फिल्म नहीं दिखाने को मजबूर कर दिया| फिल्म के प्रदर्शन के पहले दिन करणी सैनिकों की इस कार्यवाही से घबरा बालाजी टेलीफिल्म्स की पूरी टीम जिसमें एकता कपूर, उसके माता पिता अपनी पूरी टीम लेकर जयपुर करणी सेना से वार्ता करने आये| करणी सेना ने मीडिया के सामने वार्ता करने का प्रस्ताव रखा ताकि किसी को संदेह करने का कोई मौका ना मिले व जो भी वार्ता हो उसे देश की पूरी जनता देखे| वार्ता में मीडिया के सामने एकता कपूर ने करणी सेना की सभी मांगे मानते हुए राजपूत समाज की भावनाएं आहत करने के लिए माफ़ी मांगी जो देश के विभिन्न टीवी चैनलों पर दिखाई गयी| एकता कपूर ने सीरियल का नाम बदलने, राजपूत शब्द हटाने आदि कई शर्तों को मानते हुए यहाँ तक कहा कि सीरियल का मालिक जी टीवी है यदि वह उसके बदलाव नहीं मानेगा तो बालाजी टेलीफिल्म्स अपने आपको इसके निर्माण से अलग कर लेगा|

सभी मांगे मीडिया के सामने मानने के बाद करणी सेना ने बालाजी टेलीफिल्म्स की फिल्म का विरोध स्थगित कर दिया| और बालाजी टेलीफिल्म्स की फिल्म का प्रदर्शन हो गया|


मीडिया के कैमरों के सामने मांगे मानते हुए एकता कपूर

पर आज एकता कपूर के उस वादे को कई दिन ही नहीं कई महीने हो गए पर न तो सीरियल का नाम बदला ना उसमें कोई बदलाव हुआ| बालाजी टेलीफिल्म्स को उसका वायदा याद दिलाने पर वे जी टीवी के साथ हुआ ईमेल पत्राचार दिखा देते है| जी टीवी वाले जो शुरू से कह रहे थे कि वे राजपूत समाज के हितैषी है और साथ है और सीरियल का मालिक बालाजी टेलीफिल्म्स को बता रही थे, आज बालाजी टेलीफिल्म्स सीरियल को जी टीवी के मालिकाना वाला बताने के बाद गोलमोल जबाब देने में लगा है| उसके भरत रांका जैसे ब्राह्मण जो होटल ओबेराय में ब्राह्मण राजपूत संबंधों का हवाला देते हुए राजपूत समाज को मनाने में लगे थे आज बालाजी टेलीफिल्म्स द्वारा गेंद उनके पाले में डाल देने के बाद बगलें झांकते हुए फोन पर जबाब देने से बचते हुए दिखाई दे रहे है|
IBF ऑफिस में व होटल ओबेराय की वार्ता में जी टीवी वाले सीरियल का मालिक बालाजी को बता रहे थे| होटल ओबेराय में तो बालाजी टेलीफिल्म्स ने भी मना नहीं किया कि वे सीरियल के मालिक नहीं, पर जब फिल्म के चक्कर में बालाजी टेलीफिल्म्स फंसी तब से सीरियल का मालिक जी टीवी को बताते हुये गेंद उनके पाले में ढकलने पर उतर आये|

यदि सीरियल मालिक जी टीवी को भी मान लिया जाय तो एकता कपूर ने मीडिया के कैमरों के सामने वायदा किया था कि यदि जी टीवी इसका नाम बदलने की अनुमति नहीं देगा तो वह निर्माण से हट जायेंगी, पर अपने वादे के विपरीत आजतक बालाजी टेलीफिल्म्स ने सीरियल का निर्माण चालू रखा है|

मतलब साफ़ है धंधे व धन कमाने के लिए एकता कपूर थूक कर भी चाट सकती है जैसे इस मामले में उसने थूक कर चाटा, साथ ही जी टीवी चैनल वाले भी धंधे के लिए कितनी भी बड़ी व कैसी भी झूंठ बोल सकते है इनके कोई दीन-इमान नहीं, इस मामले में इनकी झूंठ देखने के बाद मैं आसानी से कह सकता हूँ कि जिंदल मामले में ये जी टीवी वाले जरुर दोषी होंगे, धन के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते है| इनसे बड़ा इस देश में कोई झूंठा और मक्कार नहीं|

इस वायदा खिलाफी पर ज्ञान दर्पण से बातचीत में करणी सेना संयोजक श्यामप्रताप सिंह ने बताया कि- एकता कपूर ने झूंठ बोल एक फिल्म तो चला ली पर उसे आगे भी फ़िल्में चलानी है, यह उसकी कोई आखिरी फिल्म तो नहीं, अब जब भी एकता कपूर की कोई फिल्म आयेगी उसे राजस्थान में नहीं चलने दिया जायेगा, वही क्षत्रिय वीर ज्योति हरियाणा में वेदपाल तंवर के साथ मिलकर एकता की कोई फिल्म हरियाणा में नहीं चलने देने की रणनीति पहले ही बना चुकी है, तो मुंबई में महाराणा प्रताप बटालियन के प्रेसीडेंट और मुंबई के दबंग राजपूत नेता ठाकुर अजय सिंह सेंगर भी मुंबई में एकता कपूर की फिल्मों का विरोध करने को तैयार बैठे है|

आखिर इन संगठनों की रणनीति भी सही है पैसों की भूखी एकता कपूर की कमाई पर चोट कर ही उसे सबक सिखाया जा सकता है|

फेसबुक पर बयानवीरों द्वारों लगाये आरोपों के जबाब में करणी सेना संयोजक कहते है- आरोप तो जितेन्द्र के साथ पहली बैठक में लगने लगे थे यदि आरोपों के अनुसार करणी सेना की कोई सेटिंग होती तो उसके बाद करणी सेना क्यों एकता की फिल्म रोकने पर अड़ती और अब जब एकता कपूर अपने वादे से हट गई तो उसकी आने वाली फिल्म के प्रदर्शन को रोक कर फिर करणी सेना इन फेसबुक बयानवीरों के आरोपों को झुटला देंगी|

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4 COMMENTS

  1. करनी सेना के कालवी जी के कारन जोधा अकबर सिरिअल आदोलन फैल पड़ा ! रणनीति नहीं बनाने के कारन- ठाकुर अजयसिंह सेंगर मुम्बई -कमांडर महाराणा प्रताप बटालियन

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