राजा रायसल दरबारी खंडेला के 12 पुत्रों को जागीर में अलग अलग ठिकाने मिले| और यही से शेखावतों की विभिन्न शाखाओं का जन्म हुआ|इन्ही के पुत्रों में से एक ठाकुर भोजराज जी को उदयपुरवाटी जागीर के रूप में मिली| इन्ही के वंशज ‘भोजराज जी के शेखावत” कहलाते है|
भोजराज जी के पश्चात उनके पुत्र टोडरमल उदयपुर (शेखावाटी)के स्वामी बने,टोडरमल जी दानशीलता के लिए इतिहास विख्यात है,टोडरमलजी के पुत्रों में से एक झुंझार सिंह थे,झुंझार सिंह सबसे वीर प्रतापी निडर कुशल योद्धा थे, तत्कालीन समय “केड” गाँव पर नवाब का शासन था,नवाब की बढती ताकत से टोडरमल जी चिंतित हुए| परन्तु वो काफी वृद्ध हो चुके थे|इसलिए केड पर अधिकार नहीं कर पाए|कहते है टोडरमल जी मृत्यु शय्या पर थे लेकिन मन्न में एक बैचेनी उन्हें हर समय खटकती थी,इसके चलते उनके पैर सीधे नहीं हो रहे थे| वीर पुत्र झुंझार सिंह ने अपने पिता से इसका कारण पुछा|टोडरमल जी ने कहा “बेटा पैर सीधे कैसे करू,इनके केड अड़ रही है”(अर्थात केड पर अधिकार किये बिना मुझे शांति नहीं मिलेगी)| पिता की अंतिम इच्छा सुनकर वीर क्षत्रिये पुत्र भला चुप कैसे बैठ सकता था?
झुंझार सिंह अपने नाम के अनुरूप वीर योद्धा,पित्रभक्त थे !उन्होंने तुरंत केड पर आक्रमण कर दिया| इस युद्ध में उन्होंने केड को बुरी तरह तहस नहस कर दिया| जलते हुए केड की लपटों के उठते धुएं को देखकर टोडरमल जी को परमशांति का अनुभव हुआ,और उन्होंने स्वर्गलोक का रुख किया|इन्ही झुंझार सिंह ने अपनी प्रिय ठकुरानी गौड़जी के नाम पर “गुढ़ा गौड़जी का” बसाया| तत्कालीन समय में इस क्षेत्र में चोरों का आतंक था, झुंझार सिंह ने चोरों के आतंक से इस क्षेत्र को मुक्त कराया| किसी कवि का ये दोहा आज भी उस वीर पुरुष की यशोगाथा को बखूबी बयां कर रहा है-
डूंगर बांको है गुडहो,रन बांको झुंझार,
एक अली के कारण, मारया पञ्च हजार!!
इस लेख के लेखक-गजेन्द्र सिंह शेखावत
यदि आपके पास भी किसी ऐसे ही योद्धा की कहानी है जिन्हें इतिहास की पुस्तकों में उचित जगह नहीं मिली तो आप उसे ज्ञान दर्पण पर प्रकाशनार्थ हमें भेज सकते है| ताकि अंतरजाल के माध्यम से हम उस योद्धा परिचय ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा सकें|
अच्छी जानकारी ………
ऐसी वीरगाथायें बहुधा अन्जानी रह जाती हैं।
केड और गुढा गौडजी के बारे मे भी यह जानकारी काफ़ी रोचक रही, दोनों ही जागह जाने का मौका पडा है पर यह जानकारी पहली बार ही मालूम हुई.
रामराम
mere ganv ke bare mein batane ka bahut bahut dhanyawaad.
NICE.
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Happy Dushara.
VIJAYA-DASHMI KEE SHUBHKAMNAYEN.
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MOBILE SE TIPPANI DE RAHA HU.
ISLIYE ROMAN ME COMMENT DE RAHA HU.
Net nahi chal raha hai.
काफ़ी रोचक जानकारी
pujya dadosaa ko shat shat naman…..
श्री वीरेंदर प्रताप सिंह पूर्व विधायक,श्री इन्द्र सिंह पोंख, पूर्व विधायक,रणवीर सिंह गुढा पूर्व विधायक, एवं राजेंद्र सिंह गुढा (वर्तमान विधायक एवम पर्यटन राज्य मंत्री इन्ही के वंशज है !
Rochak jankari..
sir hm bhojraaj ke shekhawat h kya jinse hmari ristey ki baat ho unki maataji bhi bhojraaj ki ho toh rista ho skta h kya
Nice , lekin aaj kaum ke liye kiya kr rahe hai ?? Main khudh gudhgorji ka hu, kabhi kabhi sochkr hairan ho jata hu , kiya ho gaya hai samajh ko , babse bure haal hai or koi ek dusre ki madat nahi krta , muje khushi hai maine kuch logo ki madat to ki hai, Jai gopinath g ki.