औरतें ही क्यों परिधान निर्माताओं का भी इन पतीले वाले रंगरेजों के बिना काम नहीं चलता|परिधान निर्माता अक्सर सेम्पल के लिए विभिन्न रंगों में इन पतीले वालों से कपड़ा रंगवाते है साथ ही जीप,बटन,धागे व पौशाक में लगने वाली कई एसेसरीज ऐसी होती है जिन्हें रंगवाने के लिए परिधान निर्माताओं को इन्हीं पतीले वाले रंगरेजों की सेवाएँ लेनी पड़ती है|परिधान निर्यातकों का तो इन छोटे रंगरेजों के बिना काम ही नहीं चलता|
इस विधि में जरुरत के अनुसार आकार वाले पतीले में रंग घोलकर रंगाई की जाती है चूँकि रंग को पक्का करने के लिए उसे गर्मी की जरुरत पड़ती है इसलिए रंगरेज पतीले को चूल्हे पर चढाकर पानी में घुले रंग को गर्म कर पक्का करने की कोशिश करता है|
आवश्यकता के हिसाब से इन मशीनों की क्षमता बढाने के लिए शुरू में इनका आकार बढ़ाया गया|जीगर के बाद जम्बो जीगर बने,सुपर जम्बो जीगर बने और अब तो ये स्वचालित मशीनों में तब्दील हो गए|पर शुरू में हाथ से चलने वाली जीगर मशीनों का औचित्य अब भी बना हुआ है हाँ हत्थी पर जरुर बिजली की मोटर लग गयी है जिससे अब इसे हाथ से चलाने की जहमत नहीं उठानी पड़ती|
इन मशीनों में ज्यादातर हौजरी का कपड़ा रंगा जाता है| हौजरी के अलावा जोरजट,वायल,क्रेप,कसीदाकारी किये हुए कपड़े आदि इन मशीनों में बढ़िया तरीके से रंगे जा सकते है| बाजार में उपलब्ध रंगीन बनियाने व रंगीन टीशर्ट के बहुधा कपड़े इन्हीं मशीनों में रंगे होते है|
5-जेट मशीन :-जब पोलिस्टर कपड़े का अविष्कार हुआ तो उसकी रंगाई करने के लिए भी मशीनों की जरुरत हुई|उपरोक्त मशीनों में कोटन,विस्कोस आदि के कपड़े तो आसानी से रंगे जा सकते थे पर पोलिस्टर नहीं|क्योंकि पोलिस्टर को रंगने के लिए मशीन के अंदर अत्यधिक तापमान की आवश्यकता पड़ती है|जितना तापमान व दबाव पोलिस्टर कपड़े की रंगाई के लिए जरुरी होता है उतना तापमान व दबाव सोफ्टफ्लो मशीने बर्दास्त नहीं कर सकती|
इसलिए पोलिस्टर कपड़ा रंगने के लिए जेट मशीनों का अविष्कार हुआ इन मशीनों में पोलिस्टर कपड़े को रंगने के लिए जरुरी तापमान व दबाव सहने की क्षमताओं का निर्माण किया गया|
इन जेट मशीनों में पोलिस्टर के अलावा अन्य दूसरे वो कपड़े भी रंगे जा सकते है जो इसमें बने दबाव को झेलने में सक्षम होते है क्योंकि इस मशीन में रंग के घोल में कपड़ा कम्प्रेसर मशीन से बने हवा के दबाव(प्रेशर)से घुमाया जाता है| अत:जो कपड़े दबाव नहीं सह सकते है उनके इस मशीन में फटने की पूरी आशंका रहती है|
6-कपड़ा रंगाई की कंटीन्यूवस मशीन(CDR):- बाजार में कपड़े की लगातार बढती मांग ने कपड़ा रंगाई करने की नई नई मशीनों का अविष्कार करने का भी रास्ता खोला क्योंकि हर कारखाने का मालिक ऐसी मशीन चाहता है जिससे वह कम समय में ज्यादा से ज्यादा मात्रा में कपड़ा रंगने का कार्य कर सके| इसलिए इसी क्रम में लगातार कपड़ा रंगते जाने वाली मशीन का निर्माण हुआ|
धुलने के बाद कपड़ा सिकुड़ता क्यों है,व कपड़े की रंगाई व छपाई के बाद उसे अच्छी तरह तैयार करने वाली फिनिंग मशीनों के बारे में जानकारी अगले किसी लेख में|
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