बुलन्द इरादे ,फलाैदी ताकत,
लेकर जाे ,आगे बढ़ते है ।
हिमालय झुक जाता है उनके
सामने ,जाे उस पर चढ़ते है ।।
काेटी कोटी धन्य सन्ताेषकवंर,
गणपतसिंह धन्य दीपिका बेटी।
तिरंगा फहराह दिया दाे बार,
आपने हिमालय की चाेटी ।।
पदमनी पन्नाधाय झांसीकीरानी
के अध्याय काे आगे बढा़या है।
हाडी़रानीसी हिम्मत तेरी आपने
राजपूताने का मान बढा़या है ।।
बर्फ के तुफानाे में दीप जला दिया,
दीपिका राठौड़ ने ।
एेवरेस्ट पर चढ़ गयी यु ,
बर्फीले तुफानाे काे माेड़ने ।।
एेवरेस्ट की चाेटी फतेह करना,
नभ के तारे ताेड़ने के समान है।
एे दीपिका राठौड़ आप पर,
पूरे हिन्दूस्तान काे अभिमान है
मौत से टकराने वाले ही,
इतिहास में नाम लिखाते है ।
फलाैदी कलेजा रखने वाले ही,
तुफानाे में दीया जलाते है ।।
पर्याप्त परिश्रम करने वाले ही,
अपनी मंजिल तक जाते है ।
जानहथेली पे लेकर चलने वाले
ही महान कहलाते है ।।
जिन्दगी जिन्दा दिली से जीने
वाले एेसा महान कार्य करते है।
ऐसी शक्स, मातपिता, कौम
धर्म, देश का नाम करते है ।।
कौन कहता है आसमान में,
छेद नहीं हाे सकता ।
दीपिका जैसी काेशिस करने
वाला कभी हार नहीं सकता ।।
अब परम्परा डालो भाई बेटिया हाेने पर
थाली बजाने का ।
“महेन्द्र ” भ्रूणहत्या बन्द हाे,
अभियान चले बेटी बचाने का ।
दीपिका भी तो बेटी है काम
किया है इतिहास रचाने का ।
बेटिया ही है जाे कार्य करती
है दाे कुलाे काे चमकाने का ।।
कवि महेन्द्र सिंह राठौड़ “जाखली”
जिला नागाैर (राजस्थान) 9928007861
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