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Friday, September 22, 2023

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अतिक्रमण को जातिवाद का संरक्षण

इस देश में आजादी के बाद जातिवाद ख़त्म कर समानता की बड़ी बड़ी बातें की जाती है पर आज भी समानता की जगह लोगों को जातीय आधार पर विशेषाधिकार चाहिए| किसी को दलित होने के नाम पर तो, किसी को पिछड़ा होने के नाम पर, किसी को आर्थिक आधार पर किसी को किसी अन्य आधार पर नौकरियों, विधायिका, संसद आदि में आरक्षण चाहिए| साथ ही सरकारी भूमि पर कब्जे का विशेषाधिकार चाहिए|

यही नहीं आरक्षण जैसी व्यवस्था के चलते बिना क़ाबलियत नौकरी पाने के बाद भी हाल यह है कि लोग नौकरी का अपना कर्तव्य पूरी निष्ठा के साथ निभाना नहीं चाहते बल्कि बिना काम किये वेतन पाना चाहते है| हाल ही में देखा, एक गांव के स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात एएनएम (नर्स) पिछले एक वर्ष से मनमाने तरीके से ड्यूटी पर आती है| स्वास्थ्य केंद्र का समय सुबह 9 से 1 बजे व शाम 4 से 6 बजे तक होता है| नियमनुसार नर्स को स्वास्थ्य केंद्र की 8 किलोमीटर की परिधि में रहना होता है लेकिन उक्त नर्स स्वास्थ्य केंद्र से 31 किलोमीटर दूर शहर में रहती है| तथा सुबह 9 के बजाय 11 बजे तक आती है और 1 बजे अपने घर| स्वास्थ्य केंद्र के आस-पास दलित बस्ती है और चूँकि नर्स भी दलित है तो उसका वहां आना ना आना किसी भी दलित को चुभता नहीं, हाँ ! इससे पूर्व जो अन्य जाति की नर्स थी, उसका एक घंटा भी स्वास्थ्य केंद्र पर नहीं रहना दलितों को गंवारा नहीं था| जबकि वह नर्स गांव में रहती थी और पुरे 24 घंटे सेवा कार्य के लिए उपलब्ध होती थी|

दुसरे मामले में गांव के कुछ जागरूक युवाओं के अनुसार गांव के सरकारी विद्यालय के खेल मैदान पर कुछ दलित परिवारों ने अतिक्रमण कर रखा है, चूँकि प्रधानाध्यापक और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी भी दलित है अत: इन युवाओं की शिकायत ना तो प्रधानाध्यापक ने सुनी ना ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने| युवाओं के अनुसार ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने तो शिकायत करने गए युवाओं को धमकाया भी कि वे उसके पास सीधे क्यों चले आये| आखिर युवा एसडीएम से मिले और एसडीएम ने ब्लाक शिक्षा अधिकारी को मामले में उचित कार्यवाही करने के आदेश दिए, लेकिन ब्लाक शिक्षा अधिकारी अभी भी अतिक्रमणकारों को जातीय आधार पर बचाने में लगे है और कार्यवाही के नाम पर लीपापोती कर रहे है|

इस तरह जातिवाद के नाम पर एक नर्स अपनी ड्यूटी निभाये बिना वेतन उठा रही है तो दूसरी और जातीय आधार पर शिक्षा अधिकारी अतिक्रमणकारियों को बचाने में लगे जबकि अतिक्रमण हटाना उसका कर्तव्य है|

यही नहीं इस तरह अतिक्रमण करने या सरकारी नौकरी में हरामखोरी करने वालों की शिकायत करने वालों को इन कथित, शोषित दलितों की और से जाति सूचक शब्द कहने के नाम पर झूंठे मुकदमें में फंसाने की धमकियाँ भी मिलती है, जिसकी वजह से उच्च जाति का कोई भी व्यक्ति इनके खिलाफ बोलना या इनकी शिकायत करने से बचता है और यदि शिकायत कर दी भी जाए तो अधिकारी इन पर कोई भी कार्यवाही करने से डरते है|

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3 COMMENTS

  1. आयुर्वेदा, होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा, योगा, लेडीज ब्यूटी तथा मानव शरीर
    http://www.jkhealthworld.com/hindi/
    आपकी रचना बहुत अच्छी है। Health World यहां पर स्वास्थ्य से संबंधित कई प्रकार की जानकारियां दी गई है। जिसमें आपको सभी प्रकार के पेड़-पौधों, जड़ी-बूटियों तथा वनस्पतियों आदि के बारे में विस्तृत जानकारी पढ़ने को मिलेगा। जनकल्याण की भावना से इसे Share करें या आप इसको अपने Blog or Website पर Link करें।

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