Kunwar Vijay Singh, Nandera कुंवर विजयसिंह नंदेरा का जन्म 12 अक्टूबर 1930 को कल्यानोत कछवाह ठाकुर जयसिंह जी ग्राम नंदेरा (जिला दौसा, तत्कालीन जयपुर राज्य) के घर में हुआ. आपने सन 1951 में बी.ए. महाराजा कालेज जयपुर से व सन 1955 में एल.एल.बी. की परीक्षा ला कालेज जयपुर से उतीर्ण कर अपने ग्राम के प्रथम […]
ठा. रघुवीरसिंह जावली का जन्म दिनांक 29 अक्टूबर 1902 को राजा दुर्जनसिंह जावली (जिला अलवर, तत्कालीन अलवर राज्य) के घर में हुआ था। कछवाहों की शाखा नरूका वंश के राजा दुर्जनसिंह जावली ठिकाने के जागीरदार थे। रघुवीरसिंह उनके तृतीय पुत्र थे। राजा दुर्जनसिंह संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी व उर्दू भाषाओँ के सांगोपांग ज्ञाता व साहित्य के […]
भारतवर्ष की धरा पर क्षत्रिय माताओं ने ऐसे शूरमाओं को अपनी कोख से समय-समय जन्म दिया है जिनमें सिंह शावक के समान निडरता, हाथी जैसे विशालकाय पशु के मस्तक पर आरुढ़ होकर उसके कपोलों को घायल कर रुधिराप्लवित करने की अपार बहादुरी एवं अपने तेज, बल, साहस, शक्ति से दुश्मन भी कांप उठते है अथवा […]
एक बहुत बड़ी विडंबना है कि जिन डॉ. हरीसिंह गौड़ (Dr.Hari Singh Gaur) पर राजपूत समाज को गर्व होना चाहिये उनके बारे में अधिकांश लोग अनभिज्ञ है। यह कहना कतई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि डॉ. हरीसिंह गौड़ ब्रिटिश भारत के सबसे अधिक शिक्षित एवँ ज्ञानवान व्यक्तित्व थे। उनकी उपलब्धियां असाधारण हैं। संविधान सभा में शामिल […]
राजस्थानी भाषा साहित्य और इतिहास के उन्नयन के लिए राजस्थान और राजपूत समाज अपने जिन साहित्य व इतिहास साधक सपूतों पर गर्व कर सकता है, उनमें सौभाग्यसिंह शेखावत का विशिष्ट स्थान है| आपने अनवरत जीवनभर राजस्थानी भाषा, साहित्य, संस्कृति और इतिहास की मनोयोगपूर्वक मौन साधना की है| राजस्थान के पर्वतों, वनों, दुर्गों और झोंपड़ीयों के […]
लेखक : ठा.सौभाग्य सिंह शेखावत लोक जीवन और लोकमानस में वे ही पात्र गरिमामय स्थान प्राप्त कर सकते है जिनमें सामान्यजन से कुछ विशिष्टताएँ होती है अथवा अतिमानवीय गुण होते है। ऐसे चरित्र समाज में वंदनीय बनकर युग-युगान्तर तक अजर-अमर बने रहते है। वे लोकादर्श, लोक स्मरणीय और जनमानस के प्रेरणा स्त्रोत बन जाते है। […]
वर्ष १९८५ के लगभग लोसल कस्बे में भाजपा की एक सभा थी जिसे संबोधित करने के लिए भाजपा के एक बड़े नेता ललित किशोर चतुर्वेदी को आना था, सभा शुरू हो चुकी है थी और स्थानीय सभी नेता मंच से अपनी अपनी बात जनता के सामने रख चुके थे तभी दूरभाष पर आयोजकों को सूचना […]
डा.लक्ष्मण सिंह जी राठौड़ से अक्सर सामाजिक चिंतन बैठकों में मिलना हो जाता है| मेरे सहित कई सामाजिक कार्यकर्ताओं से वे अपने आवास पर नियमित रूप से मिलते रहते है इन बैठकों में आप सामान विचारधारा रखने वाले विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग व्यक्तिगत रूप से सामाजिक कार्य करने वाले लोगों को आपसी तालमेल कर मिलजुल […]
कर्नल नाथूसिंह शेखावत कर्नल नाथूसिंह शेखावत का जन्म 7 मार्च सन 1946 में राजस्थान के शेखावाटी आँचल में झुंझुनू जिले के गांव “ढाणी-बाढान” के ठाकुर श्री शाहजादसिंह के घर हुआ| ठाकुर शाहजादसिंह जी पंजाब रेजिमेंट के बहादुर सैनिक थे वे द्वितीय विश्व युद्ध में फ़्रांस, इटली व यूरोपीय क्षेत्र में बहादुरी के लिए अलंकरित किये […]
कुंवर आयुवानसिंह शेखावत नागौर जिले के हुडील गांव में ठाकुर पहपसिंह शेखावत के ज्येष्ठ पुत्र थे आपका जन्म १७ अक्टूबर १९२० ई.को अपने ननिहाल पाल्यास गांव में हुआ था|आपका परिवार एक साधारण राजपूत परिवार था|आपका विवाह बहुत कम उम्र में ही जब आपने आठवीं उत्तीर्ण की तभी कर दिया| शिक्षा व अध्यापन कार्य :- राजस्थान के […]