स्वतंत्रता आन्दोलन के पुरोधा कुंवर मदन सिंह राजावत : जिस राजा की गोद में खेले उसी कि रियासत में किया स्वतंत्रता आन्दोलन का शंखनाद आज हम स्वतंत्रता आन्दोलन से जुड़ी एक ऐसी रोचक घटना की बात करेंगे जिस पर आप सहज विश्वास ही नहीं कर पायेंगे | स्वतंत्रता आन्दोलन के एक ऐसे पुरोधा की जानकारी […]
स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों में अजमेर मेरवाड़ा संभाग के भिनाय ठिकाने के राजा बलवंत सिंह राठौड़ का प्रमुख नाम है। राजा बलवंत सिंह का शासन काल वह काल था जब भारत में ईस्ट इंडिया कम्पनी के रूप में ब्रिटिश सत्ता अपना सामराज्य फैला रही थी। भारत में अंग्रेजों का विरोध करने वाली शक्तियां समाप्त हो […]
शेखावाटी ब्रिगेड के झुंझुनू स्थित मुख्यालय पर क्रांतिवीर दुल्हेसिंह शेखावत का कटा शीश लटका रहा था, तो दूसरी और क्रांतिकारी दुल्हेसिंह शेखावत के गांव गुडा में क्रांतिवीर का सिर लाने और मेजर फोरेस्टर का घमण्ड चूर करने के लिए कई क्रांतिवीर बड़े से बड़े बलिदान देने की तैयारी कर रहे थे| आपको बता दें राजस्थान […]
राजस्थान के शेखावाटी आँचल के स्वतंत्रचेता छोटे राजपूत शासकों को अंग्रेजों का दखल कभी पसंद नहीं था | पर जयपुर जैसी बड़ी रियासत द्वारा अंग्रेजों के साथ संधि करने के बाद अंग्रेजों को शेखावाटी आँचल में भी पैर पसारने का मौका मिल गया | पर यहाँ के शूरवीर जागीरदारों ने अपने सीमित साधनों के दम […]
उस दिन जोधपुर का मेहरानगढ़ किला खाली करके अंग्रेजों को सुपुर्द करने का कार्य चल रहा था। किले के बाहर कर्नल सदरलैण्ड और कप्तान लुडलो अपने पांच-सात सौ सैनिकों के साथ किले पर अधिकार के लिए किला खाली होने का इंतजार कर रहे थ। किले के किलेदार रायपुर ठिकाने के ठाकुर माधोसिंह किला खाली करने […]
अगस्त 1942 के एक दिन अहमदाबाद में चारों ओर अग्रेजों भारत छोड़ो के नारे लग रहे थे, नन्हें मुन्नें बालक भी ट्राफिक सिग्नल की ओर पत्थर फैंक रहे थे| तभी वहां आईबारा नाम के एक पुलिस निरीक्षक के नेतृत्व में पुलिस आई और सीधे भीड़ पर गोली चला दी| पुलिस गोली से साईकिल सवार एक […]
सीकर जिले के पटोदा गांव के भूरसिंह शेखावत अति साहसी व तेज मिजाज रोबीले व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थे उनके रोबीले व्यक्तित्व को देखकर अंग्रेजों ने भारतीय सेना की आउट आर्म्स राइफल्स में उन्हें सीधे सूबेदार के पद पर भर्ती कर लिया था| भूरसिंह शेखावत जो शेखावाटी में भूरजी के नाम से जाने जाते है […]
अंग्रेजों और उनसे संरक्षित राज्यों के राज्याधिकारों एवं उनका अनुसरण करने वाले गुलाम मनोवृति के बुद्धिजीवियों ने बलजी-भूरजी को डाकुओं की संज्ञा दी है जैसा जैसा कि पहले डूंगजी-जवाहरजी जैसे राष्ट्रीय वीरों के लिये किया जा चुका है किन्तु बलजी और भूरजी के चरित्र का यदि सही और निष्पक्ष रूप से अंकन किया जावे तो […]
Rawat Jodhsingh Chauhan, Thikana Kothariya Mewar राजपुताना के राजाओं को मराठों व पिंडारियों की लूटपाट, आगजनी व आम जनता पर उनकी क्रूरता से त्रस्त शांति की आस में अंग्रेजों से संधियाँ करनी पड़ी| इस तरह मराठों व पिंडारियों के कुकृत्यों ने राजपुताना में स्वत: ही अंग्रेजों को पांव ज़माने का सुनहरा अवसर दे दिया| राजाओं […]