सन 1755 ई. में बना यह गढ़ अंग्रेजी हकुमत की आँखों की किरकिरी रहा | इसी गढ़ के एक शासक ने तुंगा युद्ध में मुकाबला कर जयपुर राज्य की स्वतंत्रता व प्रजा को महादाजी सिंधिया के कोप से बचाने के लिए वीरता प्रदर्शित कर अपने प्राणों की आहुति दी थी | यही नहीं, राजस्थान के […]
खंडहर में तब्दील होते जा रहे इस छोटे से किले के भी कभी सुनहले दिन थे | आस पास के कई गांवों पर इस किले से शासन चलता था | इसी किले में कभी कचहरी लगती थी, जिसमें यहाँ के ठाकुर अपने अधीन गांवों के निवासियों का न्याय करते थे और उनके सुख दुःख के […]
सिंगरावट गढ़ : राजस्थान के शेखावत आँचल के सीकर जिला मुख्यालय से लगभग पचास किलोमीटर दूर ऐतिहासिक महत्त्व का यह गढ़ सिंगरावट कस्बे में स्थित है | सिंगरावट सीकर रियासत का गांव था, जहाँ सीकर के राजाओं ने चार बुर्जों का निर्माण करवाया था | जिसका उद्देश्य यहाँ कोई बड़ा गढ़ बनवाना था या फिर […]
ऊँची पहाड़ी पर बने कुचामन किले में बैक गियर में चलती जीप ने हमें किले के मुख्य द्वार पर छोड़ा | द्वार के बाहर एक तरफ पहाड़ीनुमा दीवार पर गणेश जी का छोटा सा मंदिर बना है, पर्यटक इसी मंदिर में गणेश जी को प्रणाम कर किले के मुख्य द्वार से किले में प्रवेश करता […]
ये शीश महल है, जिसे बहुत कम लोगों ने ही देखा है और कम ही लोग इसके बारे में जानते हैं | श्री विहीन अवस्था में भी इसे देख अंदाजा लगाया जा सकता कि कभी यहाँ नृत्य की महफ़िलें सजती थी और नृतकियां अपनी कला का प्रदर्शन कर यहाँ के शासक व मंत्रीगणों से पारितोषिक […]
शेखागढ़ अमरसर : साम्प्रदायिक सौहार्द और नारी सम्मान के प्रतीक राव शेखाजी का शेखागढ़ राजस्थान के अमरसर में स्थित है | अमरसर जयपुर से लगभग 60 किलोमीटर व जयपुर दिल्ली राजमार्ग पर शाहपुरा से लगभग 16 किलोमीटर दूर है| किले के मुख्यद्वार में प्रवेश करते ही खाली मैदान नजर आता है, और बायीं तरफ फिर […]
Bathoth Fort History : इस छोटे से खुबसूरत किले का भी अपना गौरवशाली इतिहास है| शेखावाटी के प्रसिद्ध क्रांतिवीर डूंगर सिंह शेखावत और लोठू जाट का इस किले से सम्बन्ध रहा है| क्रांतिवीर लोठू जाट बठोठ गांव में ही रहता था, बठोठ गांव के बाहर ही जाट समाज ने क्रांतिवीर लोठू जाट की बड़ी सी […]
धोद : राजस्थान के शेखावाटी आँचल में सीकर जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर धोद कस्बे में स्थित है यह किला | आज धोद पंचायत समिति व विधानसभा क्षेत्र है लेकिन यदि इसके अतीत में हम झांके तो धोद का यह किला सीकर रियासत का एक महत्त्वपूर्ण ठिकाना था और सीकर रियासत के दो […]
जयपुर से करीब 45 किलोमीटर व दोसा से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित लवाण कस्बा कई कारणों से प्रसिद्ध है। जयपुर-आगरा हाईवे से बस्सी अथवा बाँसखो होते हुए व दौसा से लालसोट सवाई-माधोपुर रूट से लवाण पहुँच सकते हैं। आमेर के महाराजा भारमल के पुत्र भगवानदास को लवाण की जागीर प्राप्त हुई थी। राजा भगवानदास […]
भरतपुर का लोहागढ़ दुर्ग जाट राजाओं की शौर्यगाथाओं का एक ऐसा किला है, जिसने मुगलों से लोहा लिया | अंग्रेजों ने इस किले पर कई बार आक्रमण किये पर जीत नहीं पाए| अंग्रेज सेनापति सर चार्ल्स मेटकाफ ने गवर्नर जनरल को लिखा था, “ब्रितानी फौजों की प्रतिष्ठा भरतपुर के दुर्भाग्यपूर्ण घेरे में दब गई| शायद […]