History of Hamirgarh Fort : अनगिनत युद्धों में तोपों की मार झेलते झेलते आज यह दुर्ग जीर्ण अवस्था में पहुँच चुका है| मेवाड़ की सुरक्षा के लिए महाराणा कुम्भा द्वारा बनाये 84 दुर्गों में से एक यह दुर्ग मेवाड़ का प्रवेश द्वार है| यही कारण है कि चितौड़ पर होने वाले ज्यादातर आक्रमणों का सबसे […]
History of Khandar Fort : पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य, नदियों, नहरों से घिरे अथाह जलराशि वाले तालाबों से आवृत, हरियाली से आच्छादित प्रकृति माँ की गोद में अद्भुत सुरक्षा कवच से ढके खण्डार के दुर्ग में गिरी व वन दुर्ग के दोनों गुण विद्यमान हैं| समुद्र तल से लगभग 500 मीटर तथा भूतल से लगभग […]
प्राचीन दिल्ली मुल्तान व्यापारिक मार्ग पर बने होने के कारण Bhatner Fort का अपना अलग ही सामरिक महत्त्व था| भगवान कृष्ण के वंशज यदुवंशी भाटी राजपूतों की वीरता और पराक्रम का साक्षी रहा यह दुर्ग बीकानेर से लगभग 144 मील उत्तर पूर्व में हनुमानगढ़ जिले में स्थित है| घघ्घर नदी पर बना यह दुर्ग “उत्तर […]
History of Bhakri Fort : छोटी सी पहाड़ी पर अपना गर्वीला मस्तक उठाकर खड़े इस छोटे से किले का अपना गौरवशाली इतिहास रहा है| इस किले के राठौड़ों की मेड़तिया शाखा के शासकों ने यह कहावत पूरी तरह चरितार्थ की है कि मरण नै मेड़तिया और जान में उदा. यहाँ के वीर शासकों ने अपने […]
Banera Fort का मेवाड़ के इतिहास में विशिष्ट स्थान रहा है| उदयपुर के महाराणा राजसिंह के पुत्र राजा भीमसिंह ने बनेड़ा रियासत की स्थापना की थी| वर्तमान भीलवाड़ा जिले में इस स्थित किले के राजा भीमसिंह ने मुगलों को अपनी तलवार के जौहर कई बार दिखलाए थे| भीमसिंह जब राजकुमार थे तब उन्होंने गुजरात पर […]
History of Timangarh Fort : इस किले का राजा पारस पत्थर से लोहे को बदलता था सोने में : राजस्थान में एक ऐसा किला है जिसके बारे में इतिहासकार लिखते है कि इस किले के राजा के पास पारस पत्थर था, जिसकी मदद से वह लोहे को स्वर्ण में बदल लिया करता था| यही कारण […]
राजस्थान में स्वप्नलोक सरीखे एक से बढ़कर महल और किसी तिलिस्म के समान किलों की लम्बी श्रंखला है| पर इस मामले में बुंदेलखंड भी पीछे नहीं है| यहाँ के किलों, महलों, मंदिरों आदि की स्थापत्यकला भी दर्शनीय है| यदि हम बुंदेलखंड के ओरछा की ही बात करें तो वहां के ऐतिहासिक स्थलों की शिल्पकला अद्भुत […]
उम्मेद भवन पैलेस : History of Ummed Bhawan Palace, Jodhpur : जोधपुर की छितर नामक पहाड़ी पर 26 एकड़ क्षेत्र में हल्के गुलाबी पीले बालुई रंग के पत्थरों से बना यह महल किसी तिलिस्म या स्वपन महल से कम नहीं है| बहुत कम लोग जानते है कि 1929 ई. से 1944 ई. के लम्बे समय […]
आज आपको एक ऐसे किले की कहानी बताने जा रहे है जिस किले पर अधिकार करने के बाद शेरशाह सूरी को अथाह दौलत मिली थी और उसी दौलत के सहारे वह हुमायूँ को हराकर भारत का बादशाह बन गया था| जी हाँ ! हम बात कर रहे गौड़ किले की| हालाँकि इस स्थान का नाम […]
रेगिस्तान के अथाह समन्दर के मध्य बलुए पत्थरों से निर्मित जैसलमेर का किला किसी तिलिस्म व स्वप्न महल से कम नहीं लगता| यही नहीं किले को देखने वाला पर्यटक अनायास ही सोच में पड़ जाता है कि इस वीराने रेगिस्तान में क्या सोचकर यह किला बनवाया था| आज हम बताते है आपको इस किले को […]