अभी अभी दरबार ब्लॉग पर धीरू सिंह जी की पोस्ट पढ़ी कि आडवानी जी के ब्लॉग पर उनके द्वारा की गयी टिप्पणी कांट-छांट कर प्रकाशित की गयी है इस सम्बन्ध में ज्यादा जानकारी उनकी पोस्ट पढ़कर ली जा सकती है |
इस तरह किसी भी टिप्पणी में कांट-छांट करना प्रसिद्ध ब्लोगर और वरिष्ट अधिवक्ता श्री दिनेश जी के शब्दों में ” टिप्पणी टिप्पणीकार की संपत्ति है उस पर उस का कॉपीराइट भी है। ब्लागर/प्रकाशक उसे अप्रकाशित रख सकता है लेकिन बिना टिप्पणीकार की अनुमति के उस में कांट छांट नहीं कर सकता।”
टिप्पणी पर की गयी कांट-छांट के सम्बन्ध में आडवानी जी को भी जबाब जरुर देना चाहिए और वे जब ही देंगे जब हम उनके ब्लॉग पर जाकर उनके इस कृत्य की निन्दात्मक टिप्पणियाँ करेंगे |
अत : सभी ब्लोगर साथियों से अनुरोध है कि धीरू सिंह की टिप्पणी में की गयी कांट-छांट के खिलाफ आडवानी जी के ब्लॉग पर इस कृत्य की निंदा के लिए एक निंदा टिप्पणी जरुर करें |
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ताऊ .इन
aapke sahyog ka shukriya
निंदनीय कृत्य ।
कर आए जी
लेकिन क्या पता छपेगी कि नहीं
देखते रहिएगा यह है टिप्पणी लिंक
ओह, मेरे मन में टिप्पणी विधा को ले कर विचार उठ रहे हैं। लेकिन यह तो लग रहा है कि अडवानी जी या तो टिप्पणी यथावत देते या न देते।
काले धन पर किसी व्यक्ति के नाम से टिप्पणी करना बहुत पुख्ता सबूत की मांग करता है। वह सबूत शायद न धीरू सिंह जी के पास हों न अडवानी जी के पास!
हां, सामान्यत हम यह कह सकते हैं कि सभी पार्टियों में नेताओं के पास काला धन विदेशों में होगा।
It is safer to comment here than on the blogs of the above two gentlemen! 🙂
गलत परम्परा का विरोध करना आवश्यक है!
सच हमेशा ही कडवा होता है सभी इस सच को हजम नहीं कर पाते है | भले ही कोइ कितना भी बड़ा आदमी क्यों ना हो |
ऐसा तो नहीं होना चाहिए था, पर धीरू भाई नेकहा है तो कुछ तो बात होगी ही. अभी सुधार कर आते हैं
सुबह की शुभ प्रभात
सुबह की शुभ प्रभात