बनिये की राम राम = उधारी का तकादा
गांव में अक्सर बनिये (दुकानदार) अपने किसी भी देनदार से सीधे उधारी का तकादा नहीं करते, शायद कोई बुरा मान जाय और आगे से उसकी दूकान से उधार सामान ही ना ख़रीदे| और तकादा ना करे तो उधारी कैसे वसूल हो इसलिए पैदायशी एमबीए डिग्रीधारी बनिया कभी अपने ग्राहक से उधारी का तकादा सीधे नहीं करता|
पर जब भी देनदार उसके सामने आता है तब बनिया दूर से ही उससे अभिवादन के लिए एक अलग ही शैली से “राम-राम” करता है कि सामने वाला समझ जाता है कि बनिया “राम-राम” नहीं कर रहा अपनी उधारी का तकादा कर रहा है| इस तरह अपनी शैली में बनिया अभिवादन के बहाने उधारी का तकादा कर लेता है जिससे सामने वाला नाराज भी नहीं होता और तकादा भी हो जाता है|
लेकिन अब जमाना बदल रहा देश में नई नई तकनीक आ रही है तो बनिया(व्यापारी) भी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए अपनी अपनी उधारी का तकादा करने हेतु नई शैली मिस्ड कॉल के जरिये अपना रहे है| अब जिससे उधारी का तकादा करना हो उसे अपने मोबाइल से मिस्ड कॉल कर देते है सामने वाला देनदार भी समझ जाता है कि यह मिस्ड कॉल उधारी का तकादा है यदि चुकाने को है तो तुरंत फोन उठा लेता है और नहीं है तो कॉल मिस्ड ही रह जाती| ऐसा एक उदाहरण मेरे सामने आज से लगभग दो साल पहले आया था-
दो साल पहले मैं अपनी कम्पनी के लिए कपड़े की छपाई के सिलसिले में जोधपुर महेश जी खत्री के कारखाने में गया हुआ था| उन्हें दिल्ली की एक परिधान निर्यातक कम्पनी से कपड़े की छपाई के रूपये लेने थे, वे मेरे सामने उस कम्पनी के मालिक को दो दिन से लगातार दिन में कई कई बार फोन कर रहे थे सामने वाला फोन नहीं उठा रहा था और महेश जी हर कुछ घंटो बाद उसे एक मिस्ड कॉल कर देते| मैंने उनसे कहा कि जब वो फोन नहीं उठा रहा तो अब मिस्ड कॉल करने का क्या फायदा ?
महेश जी का जबाब था कि -“ये तो बनिये वाली राम-राम है” कल तक इसका असर देखना और यही हुआ तीसरे दिन देने वाले ने उनके बैंक खाते में चैक जमा करने के बाद ही फोन उठाया|
आखिर बनिये की राम-राम भी तकनीकी के युग में मिस्ड कॉल में बदल गयी|
मैं भी अक्सर किसी से अपने पेन्डिंग काम को करवाने की याद दिलाने के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल करता हूँ, मिस्ड कॉल से सामने वाला समझ जाता है कि अपने बाकि काम को जल्द निपटाने की याद दिला रहा है|
बेचारी फोन कंपनियाँ?
Hukum aapki aa tarkib to mujhe bhi pasand aai.
जबरदस्त बात बताई आपने। वैसे मेरी भी अपनी तकनीक है जिसको पैसा देना हो उसको एक महिने बाद की तारीख देता हूं और पेमेंट हाथ मे अते ही भले एक दिन क्यो न हुआ हो भुगतान कर देता हूं। इस तरह मुझे माल स्प्लाई करने वाले लगभग सभी लोग यह समझ गये कि है कि फ़ोन करने की जरूरत नही जब हाथ मे आयेगा सामने वाला पेमेंट भेज् देगा। ऐसे मे खुद को भी मन की शांती और किसी का मिस्ड काल देखने की जरूरत नही।
बनिया
ब-बदमाश होता है
नि -निरंतर
या-याद रखो…
MY NEW POST …कामयाबी…
अबे भाई बनिए ने तेरा क्या ले लिया है जो तू उसे बदमास बता रहा हैं. तेरी क्या जात हैं, मुझे तो तू ही बदमाश दिक्खे
बहुत बढ़िया तरीका है..
युग के साथ विधियाँ भी बदल जाती हैं..
व्यापारी के लिए तभी तो अपने यहाँ कहते है "अगम बुधि बणियो,पिछम बुधि जाट"
वाह, बहुत सुंदर प्रस्तुति । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है ।..
रामरम सा! राम राम!
बाभन की मिस्ड कॉल कैसी होती होगी?!
बहुत खूब और सच्ची बात्।
verry nice