सोशियल मीडिया वेबसाइट फेसबुक से डाटा चुराने के आरोप की ख़बरें आप कई दिनों से पढ़ते आ रहे होंगे| कई लोग सोचते है कि हमारा डाटा चुराकर लोग हमारा क्या बिगाड़ लेंगे ? लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि आपके डाटा के मार्फ़त आपके पास अपने हित की सूचनाएं पहुंचकर अपना स्वार्थ सिद्ध कर सकते है| इसका उदाहरण सोशियल मीडिया में प्रचारित आज के भारत बंद के आव्हान पर का देखा जा सकता है| जिस व्यक्ति या दल ने सोशियल मीडिया पर स्वैच्छिक भारत बंद का आव्हान वायरल कर देश में आशंका का माहौल खड़ा कर दिया| आज इस वायरल सन्देश के बाद स्कूलें बंद है, लोग हिंसा की आशंका से अपने आप अपनी प्रतिष्ठान बंद कर रहे है, सरकारें हलकान है, पुलिस फ़ोर्स बेमतलब सड़कों पर डीजल फूंक रही है| क्यों ? सिर्फ सोशियल मीडिया के इस्तेमाल से आप तक बंद की सूचना वायरल होने के कारण|
आपको बता दें आजतक भारत बंद करने वाले दलों के लिए यह आसान नहीं था, कितने ही कार्यकर्त्ताओं, प्रचार माध्यमों की आवश्यकता पड़ती थी| बंद करवा चुके कार्यकर्ताओं को पता है कि बंद करवाने में कितनी मेहनत करनी पड़ती है| पर आपके डाटा का इस्तेमाल कर आप तक बंद की सूचना पहुंचाकर इन अनजान कथित तत्वों ने भारत बंद की अफवाह फैलाकर देश का कितना बड़ा आर्थिक नुकसान करवा दिया, वो आपके सामने है|
आज सोशियल मीडियापर अभियान चलाने वाली कई कम्पनियां उग आई है| जो कैसी भी सूचना वायरल कर कैसा भी अभियान चला सकती है, किसी दल या उम्मीदवार के पक्ष में माहौल बना सकती है, किसी भी व्यक्ति का चरित्रहनन कर सकती है तो चरित्रहीन व्यक्ति को आदर्श व्यक्ति के रूप में स्थापित कर सकती है, किसी भी बहाने जातीय व धार्मिक उन्माद फैला सकती है और वो भी कुछ लाख, करोड़ रुपयों के बदले| पिछले दिनों गुजरात चुनाव में एबीपी न्यूज ने जयपुर के लड़कों के एक समूह का एक स्टिंग किया था, इस स्टिंग के अनुसार एबीपी चैनल 45000 रूपये देकर इन लड़कों से एक काल्पनिक नाम के उम्मीदवार को एक ही दिन में ट्विटर ट्रेंड में ला दिया| आपको बता दें 400 लड़कों के इस समूह ने उस काल्पनिक उम्मीदवार के कार्यों के पूल बंधाते हुए इतने ट्विट किये कि वह ट्विटर पर ट्रेंडिंग में आ गया|
आज सोशियल मीडिया में सक्रीय इस तरह के समूहों के द्वारा आप कैसा भी अभियान चला सकते है, किसी के द्वारा किये कार्य की सफलता अपने सिर बाँध सकते है, तो बिना किसी गलती के किसी भी व्यक्ति के खिलाफ अभियान चलाकर उसे बर्बाद कर सकते है, कुछ हजार, लाख रूपये खर्च कर सोशियल मीडिया के मार्फ़त धार्मिक जातीय उन्माद फैला सकते है, दिल्ली जैसे शहरी इलाकों में चुनाव जीतकर सरकारें बना सकते है| फेसबुक डाटा चोरी करने वाली कम्पनी पर भी ऐसा ही आरोप लगा है कि उसने इस डाटा के माध्यम से अमेरिकी चुनावों को प्रभावित किया है|
आपको बता दें इस तरह का काम पहले मीडिया करता था, जो काफी खर्चीला था, पर आज सोशियल मीडिया में सक्रीय ऐसे बहुत से लोग है जो बहुत कम धन के बदले आपके लिए ऐसे उक्त कार्य कर सकते है, पर यह आप पर निर्भर है कि आप सोशियल मीडिया का अपने व्यापार या देशहित में सदुपयोग करते है या दुरूपयोग !
पर आज सोशियल मीडिया पर वायरल सन्देश “स्वैच्छिक भारत बंद” के बाद उपजी स्थितियों ने यह साबित कर दिया कि आज सोशियल मीडिया कुछ भी करने ताकत रखता है|