आप सब जानते है कि आजादी के बाद सेकुलर व वामपंथी गैंग के लेखकों ने सबसे ज्यादा पूर्व राजाओं के खिलाफ दुष्प्रचार किया| अपनी लेखनी में उन्हें अत्याचारी, क्रूर लिखा, लेकिन हाल ही घटी घटनाओं में राजाओं व राजपरिवारों के प्रति जनता ने जो श्रद्धा प्रदर्शित की वह सेकुलर गैंग के लेखकों के मुंह पर तमाचा है| हम बात कर रहे है कल ही जोधपुर की पूर्व राजमाता कृष्णाकुमारी जी की अंतेष्टि में उमड़ी जनता की भीड़ की और पिछले माह सीकर के आखिरी राजा कल्याणसिंह जी की जयंती पर सीकर की जनता द्वारा पुरे शहर को कल्याणमय बनाने की|
हम इन घटनाओं को सेकुलर व वामपंथी गैंग के मुंह पर तमाचा इसलिए कह रहे है क्योंकि इस गैंग के लेखकों ने पूर्व राजाओं के खिलाफ खूब दुष्प्रचार करने वाला फर्जी इतिहास लिखा और इस गैंग नेताओं ने अपने भाषणों में पूर्व राजाओं पर क्रूरता व शोषण के फर्जी आरोप लगाये| यदि इस गैंग के आरोपों में थोड़ी सी भी सच्चाई होती तो जोधपुर की पूर्व राजामाता के निधन के बाद जोधपुर शहर की राजनेता, मीडिया और जनता का जनसैलाब इस तरह नहीं उमड़ता जैसा ख़बरों में नजर आया|
ठीक इसी तरह पिछले माह सीकर के रावराजा कल्याणसिंह जी की जयंती में सीकर शहर उनके सम्मान में बड़े बड़े होर्डिंग्स से पाट दिया गया और शहर में कई जगह उनकी स्मृति में कार्यक्रम आयोजित किये| मुख्य कार्यक्रम में तो सीकर की जनता अपने प्रिय आखिरी राजा की स्मृतियों को संजोने के लिए उमड़ पड़ी थी कि कार्यक्रम स्थल भी छोटा पड़ गया|
इन दोनों जगह उमड़ी भीड़ साबित करती है कि पूर्व राजा प्रजा हितैषी थे, प्रजा पालक थे, प्रजा के सुख दुःख का ख्याल रखते थे, तभी तो राज जाने के इतने वर्षों बाद भी जनता पूर्व राजपरिवारों के प्रति अपनत्व का भाव रखती है और उक्त गैंग द्वारा किया दुष्प्रचार झूठा है|