अब बनिया अपने पुत्र द्वारा कहा नहीं मानने पर पुत्र को धमकाने लगा कि ” बेटे सुधर जा वरना अठन्नी कर दूंगा ” | इस अपनी प्रकार की नई धमकी का मतलब बनिए पुत्र को समझ नहीं आ रहा था | अतः परेशान बनिए पुत्र ने इस धमकी का अर्थ अपने कई पडौसी दूकानदारों से भी पूछा लेकिन कोई नहीं बता सका कि नहीं सुधरने पर बनिया अठन्नी कैसे कर देगा और इसका पुत्र पर क्या असर पड़ेगा | और यही बात सोच लड़का भी परेशान कि बापू मेरे न सुधारने पर अठन्नी कैसे कर देगा और इसका मुझे क्या व कैसे नुकसान पहुंचेगा |
ताऊ तो इसी बात के इंतजार में ही था और आज तो शहर आया भी इसी मकसद से था सो ताऊ ने बनिए पुत्र को अठन्नी करने का मतलब इस तरह समझाया |
ताऊ – अरे छोरे अभी तो तू अपने बाप का इकलौता पुत्र है और उसकी संपत्ति का इकलौता वारिश | यदि तू अपने बाप का कहा नहीं मानेगा व उसके कामो में हाथ नहीं बटाएगा तो वो एक और पुत्र पैदा कर लेगा जो तेरे बाप की उस सम्पत्ति का आधा हकदार होगा जिसका अभी तक तू अकेला वारिश है | यानि तुझे रुपए में से सिर्फ अठन्नी मिलेगी |
ताऊ की बताई परिभाषा अब बनिया पुत्र समझ चूका था और चुपचाप दुकान पर बाप की इच्छानुसार मन लगा कर काम करने लगा |
interesting…..!!
मजेदार तरकीब ताऊ की। अच्छा पोस्ट।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
http://www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
पर आगे बाप ने अठन्नी तो नहीं कर दिया।
bhai kammaal hai
ye atthanni khoob chlegi ha ha ha ha ha ha ha ha ha
बहुत खूब। ताऊ की अट्ठनी ने लड़के को चकरघ्घनी बना कर रख दिया।
अच्छी लगी ताऊ की ताऊगिरी!
मजेदार और सुन्दर कथा. ताऊ जिंदाबाद.
इसी लिए कहते है लालच बूरी बला है, अब खामखा काम करना पड़ेगा ना 🙂 🙂
ताऊ तो अब ब्राण्ड हो गया है 🙂
शायद ताऊ का दिमाग लठ्ठ से भी तेज चलता है.:)
रामराम.
बहुत खुब… हमें भी समझ आ गया मतलब…
दिलचस्प!
आज पता चला अठन्नी की ताकत का……. रुपया भी हिल गया …….अठन्नी के चक्कर में.
मजेदार भाई जी.
भई अच्छी सीख है।
ताऊ को सुपर हिट बना दिया है । छा गये गुरू । आभार इस कहानी के लिये ।
हा हा… मजेदार तरकीब है.
बढ़िया
वीनस केसरी
dilchasp kissa
रतन जी, टॉप टेन लिस्ट में स्थान प्राप्त करने पर हार्दिक बधाई। मेरी त्रुटि की ओर ध्यान दिलाने का शुक्रिया।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
नमस्कार साहब,
समस्या ब्लाग पर लोगों के आने या न आने की नहीं है। समस्या है लोगों के रचनात्मक रूप से न जुड़ने की। हम चाहते हैं कि लोग अधिक से अधिक अपनी रचनायें भेजें। इसलिए यह सब करना पड़ रहा था।
फिलहाल आपके आने का शुक्रिया…
Dear Ratansa,
I am very new on Blogging,anyway,thanks for visiting my blog,ate jate rahen,achha lagega.
काफी दिलचस्प.
निखिल जी आपके प्रश्नों का उत्तर आपको मेल कर दिया है |
बहुत सुन्दर है हमरे बुज़ुरग हमेशा हमे दिल्चस्प तरीके से समझाते थे बहुत अच्छी रचना आभार्
रतन जी मैं आपका ब्लॉग हमेशा पढती हूं। मैंने अभी अभी अपना ब्लॉग भी बनाया है। कृपया बताने का कष्ट करें कि मैं उसका ट्राफिक कैसे बढा सकती हूं। मेरा ईमेल है katkiduniya@gmail.com
bahut badhiya post
अदभुत !