चंद दिनों पहले अंकुर गुप्ता ने तकनीकी लेखन में सहयोग की अपील करते हुए तकनीकी लेखन में लगने वाले श्रम ,समय व खर्च के बारे में विस्तार से लिखा था | उनकी यह बात सही मायने में वही समझ सकता है जो खुद तकनीकी लेख लिखता रहता हो | कोई भी तकनीकी लेख लिखने से पहले लिखने वाले को उस विषय से सम्बंधित पुरे प्रयोग करने होते है जिसमे काफी समय व श्रम का व्यय होता है | हिंदी ब्लॉग टिप्स पर आशीष जी नित नए विजेट बनाते रहते है जिन्हें हम तो एक क्लिक में अपने ब्लॉग पर लगा लेते है लेकिन किसी ने आज तक सोचा कि इन विजेट्स को बनाने व परखने में आशीष जी को कितना श्रम करना पड़ता होगा ?
मै पिछले एक हफ्ते से एक तकनीकी लेख लिखने की तैयारी के प्रयोग करते करते अपने एक कंप्युटर की विण्डो को चार बार फोर्मेट कर चूका हूँ व इसी लेख की तैयारी हेतु कुछ सोफ्टवेयर के लिए अपने घर से 20 km दूर नेहरु प्लेस के तीन चक्कर लगा 400/-रु खर्च कर चूका हूँ और अब भी इसमें कब सफलता मिलेगी कितना समय लगेगा कह नहीं सकता | लेकिन जिस दिन वो पोस्ट तैयार होकर पब्लिश होगी कुछ टिप्पणियों व थोड़े से सकून के अलावा क्या मिलेगा ? फिर भी मै भी और लोगो की तरह मेहनत कर लिखता ही रहूँगा |
लेकिन इतनी मेहनत से लिखे लेख यदि कोई चोरी कर अपने ब्लॉग पर प्रकाशित करले तो लिखने वाले को कितना दुःख होगा यह वही महसूस कर सकता है जिसने श्रम किया हो |
अब आप इन चोर महाशय के ब्लॉग पर जाकर देखे इन मराठा मानुष ने अपना पूरा ब्लॉग ही ज्ञान दर्पण से लेख चुरा कर बना रखा है |
वाह क्या सहयोग कर रहे है ये महाशय तकनीकी लेखन में | आप भी इनके ब्लॉग पर जाकर इनके इस योगदान के लिए कम से कम इन चोर महाशय को धन्यवाद तो दे ही आईये |
नरेश सिंह जी का बहुत बहुत आभार जिन्होंने मेल द्वारा इस चोर की जानकारी भेजी |
19 Responses to "वाह क्या सहयोग है तकनीकी लेखन में ?"