एक जमाना था जब दूरदर्शन के अलावा कोई दूसरा टी.वी. चेनल नहीं था और कुछ थे भी तो वे आम आदमी की पहुँच से दूर थे |आम आदमी को तो टी.वी पर प्रोग्राम देखने के लिए दूरदर्शन पर ही निर्भर रहना पड़ता है | 1985 का वह दिन मुझे आज भी याद जब हमारे गांव में किसी भी घर में टी.वी नहीं होता था | गांव की एक बेटी की शादी में दहेज़ में देने को एक बेलटेक कम्पनी का ब्लेक एंड वाईट टी.वी लाया गया था | चूँकि शादी के लिए आने वाला दूल्हा मेरा कालेज का मित्र था और उन दिनों मै पढने के लिए शहर में रहता था तो लड़की वालों की और से टी.वी खरीदकर लाने की जिम्मेदारी भी मुझे दी गई थी |
वह टी.वी हम शादी से एक माह पहले ही खरीद लाये थे ताकि कम से कम एक माह तो गांव के लोग टी.वी देख सके | जिस घर में टेलीविजन लाया गया था उस घर के आगे एक बहुत बड़ा चार दिवारी से घिरा चौक था जिसे हम स्थानीय भाषा में कोटडी कहते है रोज शाम के वक्त उस बड़ी सी जगह कमरे के आगे चबूतरे पर टेलीविजन रखकर चलाया जाता था बेशक अंग्रेजी में आने वाली खबरे गांव में किसी को समझ नहीं आती थी पर सबके सब उसके आगे चिपके रहते थे |
उन दिनों वहां इतने लोग इक्कठा होते थे कि हमें भीड़ के लिए पीने के पानी की व्यवस्था के लिए कई टंकिया व मटके पानी के भरके रखने होते थे | लोग दूर दूर से टेलीविजन देखने आते थे |
कई बार बड़ा मजा आता था जब कुछ ढाणियों में रहने वाले लोग दिन में उस घर पर लगे एंटीना को ही टेलीविजन समझकर देखकर चले जाते थे और बाद में उन्हें पता लगता कि टेलीविजन तो कुछ है तब उनकी अपने आप पर हंसी नहीं रूकती थी |
खैर आज बाज़ार में तरह तरह के टेलीविजन और ढेरों चैनल उपलब्ध है जिन पर ढेरों सीरियल ,समाचार व प्रोग्राम्स ,फिल्मे आदि आती रहती है पर उन सीरियल्स व प्रोग्राम्स की बात ही कुछ और लगती थी जो उस ज़माने में दूरदर्शन पर आते थे आईये याद करें उनमे से कुछ सीरियल्स ,विज्ञापन आदि ..
दूरदर्शन लोगो
दूरदर्शन स्क्रीन सेवर
मालगुड़ी डेज
देख भाई देख
रामानंद सागर की रामायण
मिले सुर मेरा तुम्हारा
टर्निंग पॉइंट
भारत एक खोज
अलिफ़ लैला
ब्योमकेश बक्शी
तहकीकात
ही मेन
सलमा सुल्ताना दूरदर्शन समाचार वाचक
विको टर्मरिक
नहीं कोस्मेटिक
विको टर्मरिक आयुर्वेदिक क्रीम
वाशिंग पाउडर निरमा ,वाशिंग पाउडर निरमा
दूध सी सफेदी , निरमा से आई
रंगीन कपडे भी खिल खिल जाये
आइ एम् ए कोमप्लन बॉय (शाहिद कपूर ) और
आइ एम् ए कोमप्लन गर्ल (आयसा टाकिया)
सुरभि – रेणुका सहाणे और सिद्धार्थ
और ओर भी कई सीरियल जैसे – मुंगेरीलाल के हसीन सपने , करमचंद ,विक्रम बेताल ,चाणक्य आदि आदि …
मेरी शेखावाटी: बहुत काम की है ये रेगिस्तानी छिपकली -गोह
उड़न तश्तरी ….: द आर्ट ऑफ डाईंग
ताऊ डाट इन: ताऊ पहेली – 80 (fort janjira
Rajput World: शेखावाटी का अंग्रेज विरोधी आक्रोश
Aloevera Product: आम खाओ सेहत बनाओ |
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