31.1 C
Rajasthan
Friday, September 22, 2023

Buy now

spot_img

महकती धोरो की धरती, काेई आये शैलानी ।

महकती धोरो की धरती,
काेई आये शैलानी।
स्वागत करे राजस्थानी, राजस्थानी ।

हिन्वा सूरज राणा प्रताप,
कभी नहीं हार मानी।

दुश्मन की छाती पे चढ़ा,
घाेड़ा चेतक मस्तानी।

अभेदगढ़ चितौड़ का,
कहता अपनी कहानी।

अस्सी घाव लगे सांगा के,
जंग लडी़ मैदानी।

महकती धाेराे……………….

पृथ्वीराज चाैहान तेरी,
कमाल तीर निशानी।

गौरी के तीर मारा,
करदी छाती की छलनी।

दुर्गादास राठाैड़ जैसा,
काेई नहीं स्वाभीमानी।

युध्द लडा़ मरते दम तक,
जयमल वीर शिराेमणी।

महकती धाेरो ………………

आगरा का किला कूदा,
अमर सिंह बलीदानी।

मांगी एक निशानी थी,
शीश दे दिया हाड़ीरानी।

रानीयाँ हजाराे लेकर,
जौहर में कूदी पदमनी।

नहीं मिलता है ढु़ढ़ने से,
भामा शाह महा दानी।

महकती धाेराे ………………

राजकुमार की जान बचाई,
बच्चे की दी कुर्बानी।

पन्नाधाय धन्य धन्य,
पहली मां है ऐसी जननी।

ताेप बडी़ आमेर की,
करती जयपुर की निगरानी।

मानसिंह ने काबुल लूटा,
जयसिंह ज्याेतिष का ज्ञानी।

महकती धाेराे ………………..

विश्व प्रसिध्द जंतर मंतर,
सारी दुनिया जानी।

अव्वल गुलाबी नगरी है,
दुनिया इसकाे मानी।

विजय स्तम्भ कुंभा का,
खानवा की निशानी।

बिरला बागंड़ बजाज हमारे,
मित्तल सबसे धनी।

भक्ती मीरा बाई की,
कृष्ण की दिवानी।

गरीब नवाज अजमेर वाले,
ख्वाजा मुसलमानी।

खाटू श्याम काे सब माने,
शीश का है दानी।

सब तीर्थो का गुरू पुष्कर,
सबकी नानी देवदानी।

महकती धाेराे ………………..

मकराना का सगंमरमर,
ताज महल की जुबानी।

पाेकरण में परमाणू बम,
ये धरती रेगीस्तानी।

हिन्दूस्तान में सबसे ऊपर,
हमारे शहीद राजस्थानी।

आजादी में साथ दिया,
स्वतंत्रता सैनानी।

महकती धाेराे… ………………

दुनिया का इतिहास उठालाे,
सबसे वीर राजस्थानी।

हाड़ाेती मेवाड़ मेवात,
डांग क्षैत्र ही अपनी।

ढुढांडी़ आेर शेखावाटी,
मारवाडी़ प्यारी वाणी।

सात भागाे में बाेली जाती,
ये भाषा राजस्थानी।

महकती धाेराे………………….

चुरमा दाल बाटी मस्त,
घेवर सांभर फीणी।

बीकानेरी भुजीया खाओ,
रसगुल्ले है लूणी।

मुसटंडे हाे जाते छाेरे,
पीकर खारा पानी ।

घुटने ज्यादा चले हमारे,
कम पीते है पानी।

महकती धाेराे ………………….

आओ रणथंबाेर अभ्यारण,
देखो शेर शेरनी।

कश्मीर हमारा माउण्ट आबू,
बाेले माेर माेरनी ।

ऊँट हमारे सबसे प्यारे,
कहते है जापानी।

नागौरी बैलाे की जाेडी़,
का काेई नहीं है शानी।

महकती धाेराे ………………..

प्रेम से रहते मिलजुलकर,
काेई नहीं तनातनी।

वफादारी खून में है,
नहीं करते है बेईमानी।

सबसे शांत राजस्थान,
नहीं हाेती है शैतानी।

राजस्थानी महेन्द्र जाखली,
पर दिल है हिन्दूस्तानी।

पधाराे म्हारे देश में,
आपरी हुसी मेहरबानी।

महकती धाेराे की धरती,
काेई आये शैलानी ।
स्वागत करे राजस्थानी,
राजस्थानी राजस्थानी ।।

महेन्द्र सिंह राठौड़ “जाखली”
जिला – नागौर, राजस्थान
माेबाईल नम्बर : 9928007861

Related Articles

1 COMMENT

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (12-02-2017) को
    "हँसते हुए पलों को रक्खो सँभाल कर" (चर्चा अंक-2592)
    पर भी होगी।

    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।

    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर…!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Stay Connected

0FansLike
3,868FollowersFollow
21,200SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles