शेखा-कुल रा लाडला,धाकड़ धुनी सुजान |
उजला सूरज-कुल-रतन,भैरूं सिंघ मतिमान ||१
मरुधर-माटी री महक,जन-मन का सरदार |
दीन-हीन-रक्षक सुधी,थे भारत-गल-हार ||२
भोग्यो जीवन गांव रो,देख्या घणा अभाव |
पण सांचा अनथक पथिक,राख्यो कर्मठ भाव ||३
राष्ट्र धरम ने पालियो,जस फैल्यो चौफेर |
धन सेवा री मूर्ति,शेखावाटी शेर ||४
मरुधर रो मोती कथां,के मरुधर रो शेर |
के मरुधर रो च्यानानो,कीरत चढी सुमेर ||५(विद्वान कवि डा. उदयवीर शर्मा द्वारा रचित)
भैरों सिंह शेखावत विराट व्यक्तित्व के धनी थे। वे जन-जन के नेता थे। एक साधारण परिवार में जन्म लेकर राजनीति …के शिखर तक पहुंचने वाले “शेर-ए-राजस्थान” के निधन से राजनीति के एक युग का अंत हो गया |
श्री भैरों सिंह जी के निधन के बाद भारतीय राजनीती में उनकी कमी हमेशा खलती रहेगी |
विनम्र अश्रुपूरित श्रधांजलि |
श्री भैरों सिंह जी शेखावत की प्रशस्ति में- 1
श्री भैरों सिंह शेखावत की प्रशस्ति में -2
श्री भैरों सिंह शेखावत की प्रशस्ति में -3
गलोबल वार्मिंग की चपेट में आयी शेखावटी की ओरगेनिक सब्जीया
ताऊ पहेली – 74
बढ़ते उम्र का हमसफ़र है एलोवेरा जेल |
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