भाई के प्रति प्रेम : वि.सं. 1653 में राजस्थान में भीषण अकाल पड़ा था | अपनी प्रजा को भूख से बचाने के लिए राजस्थान के राजाओं, जागीरदारों ने अकाल राहत हेतु भवन व तालाब निर्माण के कार्य शुरू करवाए | खंडेला रियासत के राजकुमार भोजराज ने भी अपने पिता की अनुपस्थिति में अपने नाम से भोज सागर तालाब खुदवाने का कार्य शुरू किया | उनके पिता खंडेला के राजा रायसल दरबारी ज्यादातर समय बादशाह की तरफ से दक्षिण, आगरा व दिल्ली में तैनात रहते थे | उनकी अनुपस्थिति में खंडेला का राज कार्य प्रधान देवीदास शाह की देख रेख में कुंवर भोजराज सँभालते थे |
कुंवर भोजराज ने अकाल में प्रजा को राहत देने के लिए जनहित में तालाब खुदवाने का कार्य शुरू किया | तालाब निर्माण में कार्य करने वालों को मजदूरी के रूप में भगर नामक अनाज दिया जाता था | जो उनके भतीजे कल्याण दास को पसंद नहीं आया | कल्याणदास को लगा कि अकाल का समय है और अन्न भंडार खत्म होता जा रहा है और काका भोजराज कहीं सारा अन्न लुटा देंगे, ऐसा विचार कर कल्याणदास ने काका भोजराज की अनुपस्थिति में मजदूरों को अनाज देना रुकवा दिया | कल्याणदास राजा रायसल के बड़े पुत्र लाडखां के पुत्र थे |
मजदूरों को दिया जा रहा अनाज भतीजे कल्याणदास द्वारा रुकवा देने को भोजराज ने जनहित के कार्य में रोड़ा डालना समझा और वे बहुत नाराज हुए | इसी बात को लेकर दोनों के मध्य तनातनी हुई और बात इतनी बढ़ गई कि भोजराज ने क्रोध में अपने भतीजे कल्याण के प्राण ले लिए | कल्याण दास के मारे जाने की खबर उसके भाईयों तक पहुंची तो वे बहुत उत्तेजित हुए और उन्होंने अपने काका भोजराज की हत्या कर बदला लेने की ठानी | पर उनके पिता लाडखां ने अपने पुत्रों को समझाया कि ऐसा ना करें | जब पुत्र नहीं माने तो लाडखां ने अपने पुत्रों से कहा कि यदि तुम अपने भाई की हत्या का बदला लेने के लिए मेरे भाई की हत्या करोगे तो वह मैं कैसे सहन करूँगा | ऐसा कहकर लाडखां ने भी तलवार उठा ली और पुत्रों से कहा कि – मेरे भाई को मारने से पहले तुम्हें मेरा सामना करना पड़ेगा, मेरे रहते तुम मेरे भाई को नहीं मार सकते, पहले मुझे मारना होगा | तब लाडखां के चुप हो गए |
इस तरह अपने पुत्र की हत्या करने पर भी लाडखां ने अपने भाई की भोजराज के प्राणों के रक्षा की जो भाई के प्रति प्रेम को दर्शाता है | इस तरह इतिहास की यह घटना भ्रातत्व प्रेम का अनूठा उदाहरण है |
भाई के प्रति प्रेम की अनूठी कहानी | भाई के प्रति प्रेम का अनूठा उदाहरण |
बहुत ही शानदार और प्रेरक कहानी है यह दो भाइयों के पवित्र प्रेम के ऊपर जो निश्चय ही इस कलियुग में सभी लोगों को प्रेरित करेगी आज जहाँ भाई-भाई के बीच दरार पैदा हो जाना आम बात हो गयी है वहां यह सोचकर किसी को भी हैरानी हो सकती है कि क्या ऐसा भी हो सकता है