फेसबुक पर अक्सर हिंदी ब्लॉग लेखकों की टिप्पणियाँ पढ़ने को मिली कि- “फेसबुक ब्लोगिंग के लिए खतरा है|” दरअसल ज्यादातर ब्लॉग लेखकों द्वारा फेसबुक पर ज्यादा समय देने से ब्लॉगस् पर लेख आने की फ्रिक्वेंसी कम हुई है और यही वजह ब्लॉग लेखकों की चिंता का कारण है जिसे वे अक्सर फेसबुक पर जाहिर भी करते रहते है|
पर मैं नहीं मानता कि ब्लोगिंग को फेसबुक से कोई खतरा है| बल्कि मेरा अनुभव तो यह कहता है कि ब्लोगिंग के उत्थान में फेसबुक एक शानदार एग्रीगेटर की भूमिका निभा रही है बस ब्लॉग लेखक को फेसबुक की इस एग्रीगेटर वाली भूमिका का लाभ उठाना आना चाहिए| फेसबुक द्वारा निभाई जाने वाली इस भूमिका को समझने के लिए पहले हमें फेसबुक की तुलना ब्लॉग एग्रीगेटर्स से करनी चाहिए| जब चिट्ठाजगत.इन और ब्लोगवाणी.कॉम नामक ब्लॉग एग्रीगेटर चलते थे तो ब्लॉगस् पर आने वाले ज्यादातर पाठक वहीँ से आते थे| जिनमे अधिकतर ब्लॉग लेखक ही हुआ करते थे| चूँकि आम पाठक ब्लॉग एग्रीगेटर्स व ज्यादातर ब्लॉगस् को नाम से नहीं जानते वे तो सिर्फ सर्च इंजन के खोज परिणामों से अपनी जरुरत की खोज करते हुए आते है| इसलिए ब्लॉग एग्रीगेटर्स से आम पाठक की जगह सिर्फ दूसरे ब्लॉग लेखक ही आपका लिखा लेख पढ़ने आते है उनमे से भी ज्यादातर आपको जानने वाले या जिन ब्लॉगस् पर आप पढ़ने या टिप्पणियाँ करने जाते है उन्हीं ब्लॉग के लेखक आपके ब्लॉग पर भी बदले में टिप्पणी देने या पढ़ने आ जाते है| यह संख्या ज्यादातर ब्लॉगस् पर अक्सर बहुत कम होती है| आज भी आप चल रहे हिंदी ब्लॉग एग्रीगेटर पर देख सकते है कि- कई ब्लॉग पोस्ट पर कोई हिट होता ही नहीं और होता भी है तो बहुत कम|
पर फेसबुक रूपी एग्रीगेटर पर ऐसा नहीं है फेसबुक पर ब्लॉग लेखकों के अलावा भी बहुत लोग मौजूद है बस जरुरत है उन लोगों में से ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपनी मित्र मण्डली में शामिल करने की और बढ़िया बढ़िया फेसबुक स्टेटस लिखकर अपने सब्सक्राईबर बढाने की| साथ ही नेटवर्क ब्लॉग के द्वारा अपने ब्लॉग पोस्ट की फीड फेसबुक पर अपडेट करने जुगाड़ करलें| यदि आप यह जुगाड़ नहीं कर सकते तो कोई बात नहीं बस जैसे ही आपने ब्लॉग पोस्ट लिखी उसका लिंक अपनी फेसबुक दीवार पर चिपका दें| वहां से आपको इतने ब्लॉग पाठक मिल जायेंगे जितने ब्लॉग एग्रीगेटर से कभी नहीं मिलते| और हाँ ब्लॉग एग्रीगेटर्स से तो पाठक तभी मिलेंगे जब आप कोई नई पोस्ट लिखेंगे पर फेसबुक में तो आप अपनी फेसबुक दीवार पर किसी भी पुरानी पोस्ट का लिंक चस्पा कर अपने ब्लॉग पर पाठकों को आकर्षित कर सकते है|
अपने ब्लॉग के पुराने लेखों के लिंक फेसबुक पर चस्पा कर सौ सवा सौ पाठक ब्लॉग पर पाने का मैंने कई बार प्रयोग किया है| पिछले कई दिनों से मैंने एक पुरानी ब्लॉग पोस्ट का लिंक सुबह और एक लिंक शाम को फेसबुक की अपनी दीवार पर चस्पा करने का नियमित कार्यक्रम अपना रखा| हर बार लिंक लगाने के बाद उस दिन का ब्लॉग स्टेट में पेज व्यू देखता हूँ तब पता लगता है कि मैंने जिस पोस्ट का लिंक फेसबुक में चस्पा किया था उस पोस्ट का उस दिन पेज व्यू पचास साठ के आसपास हो जाता है|
ऐसा नहीं है फेसबुक से सिर्फ ब्लॉगस् के लिए पाठक ही मिलते है! कई लोग जो फेसबुक में लिखते थे उन्होंने महसूस किया कि उनके लिखे की फेसबुक में उम्र बहुत थोड़ी देर की है एक दों दिन बाद तो अपना खूद का लिखा भी फेसबुक पर ढूंढे भी नहीं मिलता| बहुत से लोगों ने ये बात महसूस की और उन्होंने भी ब्लॉग बना ब्लॉग लिखना शुरू कर दिया| इस तरह फेसबुक से पाठक ही नहीं ब्लॉग लेखक भी बढ़ें है और मैं अनुभव व प्रयोग के बाद निश्चित तौर पर कह सकता हूँ कि फेसबुक से ब्लॉगस् को कोई खतरा नहीं बल्कि फेसबुक ब्लोगिंग के उत्थान में एक शानदार ब्लॉग एग्रीगेटर की भूमिका भी निभा रही है|
21 Responses to "ब्लोगिंग के उत्थान में शानदार भूमिका है फेसबुक की"