सड़क पर चलते अक्सर स्कूटर का इंजन लगे साईकल रिक्शा दिखाई दे जाते है ऐसे जुगाड़ का इस्तेमाल ज्यादातर शहरो के आस-पास सब्जी उगाने वाले किसान सब्जी की ढुलाई के लिए या सामान ढ़ोने वाले रिक्शा चालक करते है |
लेकिन अब सवारी ढ़ोने वाले रिक्शों में भी बैटरी का इस्तेमाल होने लगा है एक बार बैटरी चार्ज करने के बाद ये साइकल रिक्शा ९० की.मी. तक फासला तय कर लेते है | कम लगत के इन बैटरी चालित साइकल रिक्शों का छोटे शहरों में व कॉलोनियों में ऑटो रिक्शा के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल कर प्रदूषण से बचा जा सकता है | फरीदाबाद की ग्रीन फिल्ड कालोनी की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने अपनी कालोनी में रहने वाले परिवारों के लिए किफायती शुल्क पर ऐसे रिक्शों की सेवा की शुरुआत है |
ताऊ डॉट इन: ताऊ पहेली – 60
राजनीती का घिनोना चेहरा |

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