राजा का पडौसी राजा रामपुर के राजा को अक्सर नीचा दिखाने की चालें चलता रहता था और वो अक्सर नई-नई पहेलियाँ रामपुर के राजा के पास भिजवा दिया करता ताकि कभी पहेली का उत्तर ने दे पाने के चलते उसे नीचा देखना पड़े |
एक दिन पडौसी राजा ने एक पेड़ से दो लकड़ियाँ कटवाई और उन्हें खाती से घडवा कर लकडियों के सिरों एक जैसा बनवा लिया और रामपुर के राजा के पास भिजवा दिया कि – बताएं इन लकड़ियाँ का निचे का भाग कौनसा है और आगे का सिरा कौनसा है ?
इस पहेली का उत्तर ना मिलने से परेशान राजा को आखिर ताऊ की याद आई कि ताऊ ही यह पहेली सुलझा सकता है सो उसने अपने सैनिको को तुरंत ससम्मान ताऊ को लाने का हुक्म दिया ,ताऊ के आते ही राजा ने अपनी परेशानी का कारण ताऊ को बताया , ताऊ के लिए तो ये छोटी-सी बात थी सो उसने राजा से कहा आप नाहक ही परेशान हो रहे है इस पहेली को तो अभी चुटकियों में हल कर देते है आप राज दरबार में एक पानी से भरा बड़ा बर्तन मंगवाइये और पडौसी राजा के दूत को भी वहां बुला लीजिये |


राजा की आज्ञा से दरबार में एक बड़ा पानी का बर्तन लाया गया और सभी दरबारी भी वहां पहुँच गए थे अब ताऊ ने वो दोनों लकड़ियाँ पानी में डुबोई और बताया कि जो सिरा पानी में डूब रहा है वह उस लकड़ी का निचे का सिरा है और जो सिरा पानी में ऊपर है वह सिरा ऊपर का है ,राजा ने यही जबाब पडौसी राजा को भेज दिया जिसे सुनकर पडौसी राजा हैरान हुआ कि आखिर रामपुर के राजा के पास एसा कौनसा नया मंत्री आ गया जिसने यह पहेली सुलझा दी |
पर पडौसी राजा कहाँ बाज आने वाला था उसने फिर दो एक जैसी घोड़ियाँ रामपुर भिजवा दी जिनकी कद काठी व सूरत बिलकुल एक जैसी थी एक को छुपा लो और दूसरी को निकाल लो तो आपको पता ही नहीं चले | ऐसी समानता थी उन दोनों घोड़ियों में | और राजा का प्रश्न था कि ये दोनों घोड़ियाँ माँ-बेटी है इसलिए पहचान कर बताएं कि इनमे कौनसी माँ है ? और कौनसी बेटी ?
दोनों घुड़सवार घोड़ियों को तेज रफ़्तार से कई किलोमीटर दौड़ लगवा कर जैसे ही वहां लाये तो उनमे से एक घोड़ी ने पानी के बर्तन को देखते ही पानी पीना शुरू कर दिया और खूब सारा पानी पिया जबकि दूसरी घोड़ी ने पानी पीने में कुछ देरी भी की व पानी भी कम पिया |
अब ताऊ ने राजा को बताया कि जिस घोड़ी ने पहले व ज्यादा पानी पिया है व बेटी है और दूसरी जिसने पानी पीने में देरी की व पानी भी कम पिया वह माँ है |राजा ने तुरंत उन घोड़ी पर माँ व बेटी लिखवा दिया और पडौसी राजा के यहाँ भिजवा दिया |
पडौसी राजा सही उत्तर जानकार बड़ा हैरान हुआ और खुद रामपुर के राजा के पास आया यह जानने के लिए कि रामपुर के राजा के पास एसा कौनसा इतना बुद्दिमान नया मंत्री आ गया जिसने इतनी जटिल पहेलियाँ चुटकी में हल कर दी |
अब आप भी जबाब दीजिये कि क्या वाकई ताऊ ने वे दोनों पहेलियाँ सही सुलझाई थी और सही थी तो बताइए –
१- लकड़ियाँ पानी में डालने से
यह पहेली तो सच में कठिन हैं।
ताऊ का पता बता दे वही से पूछ कर आउंगा .
पहेली न० २ – मां कितनी भी प्यासी हो पहले बच्चे की ही प्यास बुझायेगी
भाई दुसरे वाली पहेली का जबाब तो पहले दुंगा, मां कभी भी अपने बच्चे को प्यासा नही देख सकती, बेटी को इतनी समझ नही होती,यह है जबाब,
अब दुसरी पहेली का जबाब दो मै से एक हो सकता है, पहला तो ताऊ ने भी तुक्का मारा हो दुसरा, जड वाला हिस्सा हमेशा भारी होता है, ओर भारी हिस्सा जल्द डुबता है,
अब निकालो ईनाम
भाटिया जी के जवाब देने से पहले मै भी ताऊ के दफ्तर गया था लेकिन ताऊ आजकल रामपुर गया हुआ है इस लिये जवाब नही मिला | पहेली का जवाब ताऊ से सम्पर्क होने के बाद ही दिया जाएगा |
म्हारे ताऊ जी का दीमाग तो भाई कमाल का सै।
फ़ोटो तो लाजवाब बणाई भाई जी।
राम राम
राज भाटिया जी का दिमाग भी ताऊ से कम ना है …इसलिए उनकी टिप्पणी को हमारी भी टिप्पणी मानी जाए …
रोचक पहेली …अच्छी पोस्ट ..!
राजा को बताया कि जिस घोड़ी ने पहले व ज्यादा पानी पिया है व बेटी है और दूसरी जिसने पानी पीने में देरी की व पानी भी कम पिया वह माँ है
उत्तर छांट कर दिया …. जोरदार पहेली… आनंद आ गया …
ताऊ जी के जवाब गलत हो ही नहीं सकते हैं जी
लकडी अपनी जड की तरफ से या जहां तने से जुडी होती है वहां से भारी होती है और दूसरी तरफ से अपेक्षाकृत हलकी। क्योंकि वहां से आगे के हिस्सों तक उसकी कोशिकायें और रेशे रस पहुंचाने का कार्य भी करते हैं।
बडी उम्र की घोडी को अनुभव था कि तेज दौड लगाकर आने के बाद तुरन्त पानी पीना और ज्यादा पानी पीना उसकी सेहत के लिये नुक्सानदायक है और पेट में दर्द भी हो सकता है।
तुक्के मैनें भी मार दिये जी
सही हो या गलत, कहानी में मजा बहुत आया।
प्रणाम स्वीकार करें
चित्र मे ताऊ कमजोर क्यो हो गया? यह भी पहेली है? बताईये
hahahahaha nice quiz hukum tau is great
दूसरी पहेली का जबाब सब दे गये, वही हमसे भी बन पा रही है. 🙂
समस्त टिप्पणीकारों से निवेदन है कि पहेली का सही जवाब देने की फ़िर से कोशीश करें. अभी संपूर्ण सही जवाब नही आया है.
रामराम.
लकडी के निचे के सिरे में रेशे व नलिकांएं होने से वह हिस्सा पानी चुस कर भारी हो जाता है सो डूबता है,व उपर का हिस्सा ठोस होने के कारण पानी के उपर रहता है।
बडी घोडी (मां) अनुभवी होने के कारण देर से व कम मात्रा में पीती है,
छोटी घोडी (बेटी)बेसब्र होकर जल्दी व अधिक पानी पीती है।