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Sunday, June 4, 2023

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नन्हीं शिकायत










भगवान जी माँ बाबा को कभी तो मेरा बना दो.
भैया को कभी तो डांट पिलवा दो.
माँ सारी चीजे भैया की पसंद की बनाती हैं .
एक बार तो बाबा के हाथो से मुझे भी एक प्यार का निवाला खिलवा दो.
बाबा सारा प्यार भैया पे क्यों लुटाते हैं .
भैया के हाथो में तो सिक्का देते हैं.
और पानी पीकर खाली गिलास मेरे हाथो पकड़ा देते हैं.
मेरी जीती बाजी छिनकर भैया खुद जीत जाते हैं.
एक बार तो भैया को हरा के मुझे जितवा दो .
अब तो इस घर से नाता भी ना रहेगा .
बस प्यार से विदा करवा दो .
……………………………………………
………………………………………..
………………………………
…………………….
शुक्रिया भगवान जी आपने मुझे जितवा दिया,
मेरे प्यारे भैया को मुझ पे प्यार आ ही गया .
आखिर बूढ़े माँ बाबा को भैया ने हमेशा के लिए मेरे घर भिजवा दिया …………..:-}

केशर क्यारी. . (उषा राठौड)

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22 COMMENTS

  1. शुक्रिया भगवान जी आपने मुझे जितवा दिया,
    मेरे प्यारे भैया को मुझ पे प्यार आ ही गया .
    आखिर बूढ़े माँ बाबा को भैया ने हमेशा के लिए मेरे घर भिजवा दिया …………..:-}
    inn lines mein kitna dard hai,woh jeet gayi par dil se dukhi bhi hai ke usske maa baap ki aaj yeh haalat hai jis par unhe naaz tha ussi ne aaj unki yeh durdasa kar di.Woh kehte hain na Jaisi karni waisi bharni.Ussne jo chaha usse mila par dukh iss baat ka hai ki khushi ko tutte hue dilon se gujarna pada.Inn bhavnao ko ek aurat ya beti hi samjh sakti hai.Hats off dear bahut acche aur khoobsurat tarike se tumne sukh,dukh,pyar aur dard ko prastut kiya hum sabke sammne.Well Done Keep It Up Proud Of You. 🙂

  2. समाज मे पनपी लिंग भेद समस्या व बुढे माता पिता के साथ वर्तमान पीढी के व्यवहार पर आपने बहुत धारदार चोट की है,
    एक कडवे सत्य व्यंग्य के साथ मार्मिक रचना

  3. बहुत ही मार्मिक रचना है दिल को छू लिया इस रचना ने तो इसके लिए उषा जी आपको बहुत बहुत धन्यवाद

    हमारे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
    मालीगांव
    साया
    आपकी पोस्ट यहा इस लिंक पर भी पर भी उपलब्ध है। देखने के लिए क्लिक करें
    लक्ष्य

  4. उफ़्………आखिरी लाइन पढते ही रोंगटे खडे हो गये………………एक सिहरन सी दौड गयी…………………बेहद मार्मिक और सत्य को दर्शाती संवेदनशील रचना।

  5. ईमल द्वारा मिली टिप्पणी-
    बहुत सुंदर पर मार्मिक कविता के लिए हार्दिक आभार ,धन्यवाद
    सादर,
    Dr.Bhoopendra Singh
    T.R.S.College,REWA 486001
    Madhya Pradesh INDIA

  6. मैने तो ऎसा आज तक नही देखा, हमारे घरो मै तो बिटिया को बेटे से ज्यादा प्यार ओर अधिकार मिलते है, लेकिन कविता सुंदर लगी धन्यवाद

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