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Tuesday, May 30, 2023

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दिल्ली से वीरता पुरुस्कार और गांव में दुत्कार

२३ जनवरी को दिल्ली में वीरता पुरुस्कार पाने वाली आसू कँवर व उसका परिवार पिछले नौ महीने से अपने रिश्तेदारों और समाज से बहिष्कृत है | यही नही उस पर वीरता का पुरुस्कार ना लेने इतना दबाव था कि उसे अपहरण तक की धमकी मिली लेकिन उसने एक बार फ़िर दबंगता दिखाते हुए अपने रिश्तेदारों व समाज से छुपकर अपने पिता के साथ वो पिछले बुधवार को दिल्ली पहुँची | इससे पूर्व भी उसे राज्यपाल से भी पुरुस्कार लेने जाना था मगर तब भी वह रिश्तेदारों के दबाव की वजह से नही जा पाई और उसे बाद में वह पुरुस्कार जोधपुर में बाल विकास व महिला परियोजना अधिकारी श्री शक्ति सिंह जी ने दिया |

क्यों और कैसे मिला वीरता पुरुस्कार

दैनिक भास्कर जोधपुर के अनुसार पोकरण तहसील के नेढाणा ढाणी निवासी भोम सिंह ने शराब के नशे में अपनी बेटी आसू कँवर का विवाह ४९००० रु. एक सोने के हार के बदले अधेड़ उम्र के विकलांग सवाई सिंह के साथ तय करदी यह शादी पिछले साल अप्रैल माह में होने वाली थी मगर शादी के ऐनवक्त पर आसू कँवर ने हिम्मत दिखाते हुए बाल विवाह करने से इंकार कर दिया इस पर स्थानीय समाज व रिश्तेदारों ने उस पर काफी दबाव डाला लेकिन पुलिस हस्तक्षेप से सवाई सिंह को उसके रुपए व हार लौटना तय होकर शादी नही हो पाई और आसू कँवर अपनी हिम्मत और दबंगता से एक अधेड़ उम्र के विकलांग व्यक्ति की बालिका वधु बनने से बच गई उसकी इसी बहादुरी के लिए महिला अधिकारिक विभाग की निदेशक श्रीमती इंदु चोपड़ा ने भारतीय बाल विकास परिषद् को आसू कँवर को वीरता पुरुस्कार देने की अनुशंसा की थी जिस पर उसे वीरता अवार्ड के लिए चुना गया |

समाज और रिश्तेदारों से दुत्कार

आसू कँवर को गणतन्त्र दिवस की पूर्व संध्या पर समारोह में बहादुरी के लिए राष्ट्रपति पुरुस्कार मिलने के ऐलान की अख़बारों में ख़बर छपते ही आसू कँवर के रिश्तेदार,सवाई सिंह व स्थानीय समाज के पंचों ने राष्ट्रपति अवार्ड नही लेने जाने के लिए दबाव डालना और धमकाना शुरू कर दिया उनका तर्क था कि पहले शादी से इंकार कर रिश्तेदारों की नाक कटवा दी है और अब अवार्ड लेकर उन्हें और बदनाम करेगी |
आसू कँवर के हिम्मत दिखाने से शादी तो रुक गई मगर इस घटना के बाद समाज के पंचो ने उसके पिता भोम सिंह को समाज से बहिस्कृत कर दिया है और उसके रिश्तेदारों ने भी इस परिवार से नाता तोड़ लिया है यही नही पिछले नौ माह से उनका हुक्का पानी तक बंद है और उनसे कोई रिश्ता नही रखता | आसू कँवर की माँ की अब सबसे बड़ी परेशानी यह है कि अब आसू कँवर की और उसकी अन्य तीन छोटी बहनों की शादी कहाँ और कैसे होगी |

समाज के नेताओ से सवाल
-जिस बालिका ने एक अधेड़ उम्र के विकलांग की बालिका वधु ना बनने की हिम्मत दिखाई उसे सरकार के साथ ही क्या समाज द्वारा भी सम्मानित नही किया जाना चाहिय था ?

समाज के स्थानीय पंचो का अपना कोई निजी स्वार्थ हो सकता है हो , पिछड़ा इलाका होने की वजह से उन पंचो में शिक्षा की कमी हो सकती है लेकिन हमारे समाज के संगठनों के नेताओ को क्या इसमे मामले में हस्तक्षेप नही करना चाहिय ?

क्या हमारे सामाजिक संगठनो का कार्य इस तरह के सामाजिक मामले निपटाने के बजाय सिर्फ़ मीटिंगे करना, भाषण देना और कुरूतियों पर प्रस्ताव पारित करना मात्र ही है ?
– क्या हमारे सामाजिक संगठनो का कार्य सिर्फ़ चुनावो में कुछ लोगो या दलों को फायदा पहुचाने के लिए जाति का वास्ता देकर समाज के वोटो का धुर्वीकरण करने मात्र तक ही सिमित है ?

उम्मीद है यह पढने के बाद समाज के नेता और सामाजिक संगठन जो उस क्षेत्र से सम्बंधित है इस मुद्दे पर जरुर ध्यान देंगे |
भोम सिंह ने अपनी नाबालिग़ बेटी को एक अधेड़ विकलांग को रुपयों के लालच में देने की कोशिश की उसे इस कृत्य की सजा जरुर मिलनी चाहिए थी लेकिन जिस बालिका ने इतनी हिम्मत दिखाई जिसकी वजह से भारत सरकार तक उसको पुरुस्कृत कर रही है कम से कम उसे तो इसका समाज से भले ही पुरुस्कार ना मिले लेकिन सजा भी तो न मिले|

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14 COMMENTS

  1. बड़ी दुखद घटना है. समझ में नहीं आता कि हम कहाँ जा रहे है.कम से कम वहाँ के प्रबुद्ध सामाजिक संघठनो को तो सामने आना चाहिए था. आभार.

  2. ग्रामीण अंचल में इस तरह की घटनाऐं आम है.. बाल विवाह अभी भी बदस्तुर जारी है.. यदा कदा इस तरह की बहादुरी सामने आती है.. ये वाकई मिसाल है.. समाज के ठेकेदारों को कुछ तो समझ रखनी होगी.. और जो जात के नाम वोट मांगते है वो भी तो ्कुछ समय समाज के इस वर्ग को दें..

  3. समाज का असली चेहरा सामने लाने वाली उस वीर बाला को सलाम और आपको भी सच्चाई सामने लाने के लिये बधाई।

  4. ऐसे समाज के ठेकेदारों को तो जेल मे डाल देना चाहिए ।
    आसू कंवर की हिम्मत की जितनी सराहना की जाए वो कम है ।

  5. The Rajput community has to think seriously to eliminate the pre-independence social evils, like child marriage, use of liquor and opium at various function etc prevailing in our society. The more attention should be paid to the education of girl child. Because, an educated male child prettify one family, but an educated girl prettify to families. Jai Maharana Pratap

  6. सामाजिक बर्बरता का इससे बड़ा उदाहरण मेने नहीं देखा हुकुम ! जिस बालिका ने ऐसे घर्णित लोगो के दुस्साहस का डटकर प्रतिकार किया हो उसे इस समाज द्वारा इतनी जलालत देना सामाजिक शर्म का विषय है ! आपने समाज के कडवे सच से सामना करवाया है हुकुम ! पता नहीं और कितना नीचे जायेगा ये समाज जिसे पलकों पर बिठाया जाना चाहिए उन्हें बेदर्दी से पैरों के नीचे कुचला जा रहा है !

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