अनाज मण्डी में अनाज बेचकर ताऊ जैसे ही बाहर निकला एक लाटरी बेचने वाला लड़का लाटरी का टिकट बेचने को ताऊ के पीछे लग लिया | ताऊ की लाटरी खरीदने में कोई दिलचस्पी नहीं थी लेकिन लड़का कहाँ मानने वाला था |
लाटरी वाला :- ताऊ ये सिर्फ दस रूपये की टिकट सै , खरीद ले इनाम निकल गया तो पुरे एक करोड़ मिलेंगे |
ताऊ :- मनै ना खरीदनी है | ऐसे ही कोई दस रूपये की टिकट के बदले एक करोड़ कैसे दे देगा |
लाटरी वाला :- ताऊ दस रूपये में तेरा क्या ज्यारा सै , तू म्हनै घणा शरीफ आदमी लाग रह्या सै म्हनै तो लागरया सै के या लाटरी तो थारै ही निकलेगी | अब देर न कर और राम जी व बजरंग बलि का नाम ले खरीद ले |
लाटरी वाले लड़के द्वारा इस तरह आग्रह करने के बाद आखिर ताऊ ने लाटरी का टिकट खरीद लिया और अपने गांव की बस पकड़ गांव चला आया |
कुछ दिन बाद नियत समय पर लाटरी का ड्रा निकला और और पहला इनाम एक करोड़ ताऊ के नाम था | लाटरी विभाग के अफसरों ने ताऊ के बारे जानकारी जुटाने के बाद सोचा कि ये ताऊ गांव का रहने वाला भोला भाला बुजुर्ग किसान है जिसने अपनी पूरी जिन्दगी में कभी इतने घणे रूपये देखे तो होंगे नहीं सो इतनी बड़ी रकम एकदम मिलने पर या मिलने की सुनकर ही कहीं ताऊ को दिल आदि का दौरा ना पड़ जाए अतः ताऊ को एक करोड़ का इनाम जीतने की सुचना देने से पहले एक मनोचिकित्सक को ताऊ के पास भेजा जाए जो ताऊ से मिल उसकी पूरी जाँच करके आश्वस्त होने पर ताऊ को लाटरी विजेता बनने की खबर सुनाए | अतः इसी निमित लाटरी विभाग के अफसरों ने सरकारी अस्पताल के एक मनोचिकित्सक डाक्टर को यह जिम्मा दे ताऊ के गांव भेज दिया |
डाक्टर गांव पहुँच ताऊ से मिला चाय नाश्ता करते हुए काफी देर तक डाक्टर ताऊ से इधर उधर की बात करने के बाद पूछा :
डाक्टर :- ताऊ यदि किसी लाटरी वाटरी में तेरे ५ लाख का इनाम निकल जाए तो ?
ताऊ : – डाकदर जी पिछली बार शहर गया था तब एक करोड़ की लाटरी वाली एक टिकट खरीदी थी वो लड़का भी पक्का कह रहा था कि ताऊ इनाम तेरा ही निकलेगा | तो डाकदर साहब निकलना तो पूरा एक करोड़ चाहिए पर चलो आप ५ लाख बता रहे हो तो वो भी ठीक है इन रुपयों से यह जो झोपडा आप देख रहे हो इसकी जगह पक्का घर बनवा लूँगा |
डाक्टर :- और ताऊ इनाम १० लाख निकले तो उसका क्या करोगे ?
ताऊ :- डाकदर जी दुसरे बेटे के लिए भी एक घर बनवा दूंगा |
डाक्टर :- और ताऊ इनाम यदि १५ लाख निकले तब ?
ताऊ :- तब तीसरे बेटे के लिए भी एक अलग घर बनवा दूंगा |
डाक्टर :- और इनाम ३० लाख निकले तब क्या करोगे ?
ताऊ :- तीनो बेटों को टेक्टर दिलवा दूंगा |
डाक्टर :- और इनाम में चालीस लाख निकले तब ?
ताऊ :- तीनो बेटों को घर और टेक्टर दिलवाने के बाद बाकी वाले १० लाख अपने व ताई के बुढापे के लिए रख लूँगा |
डाक्टर :- और ताऊ जै लाटरी के इनाम में ५० लाख निकल जाए तब इतने रुपयों का क्या करेगा |
ताऊ :- ऐसा डाकदर जी ४० लाख में अपने सारे काम हो गए बाकि बचे १० लाख लेकर ताई के साथ तीर्थाटन पर निकल जाऊंगा | जब तक दस लाख रूपये खर्च नहीं होंगे ताई के साथ तीर्थाटन पर ही रहूँगा |
डाक्टर :- लेकिन ताऊ जैसे वो लड़का तुझे बता रहा कि इनाम में पुरे एक करोड़ तुम्हारे नाम निकलेगा यदि ऐसा हुआ तो फिर बाकी ५० लाख का क्या करोगे ?
ताऊ :- देखो जी डाकदर साहब बेटों के लिए घर ,टेक्टर अपने बुढापे के लिए जमा पूंजी और सारे तीर्थों का तीर्थाटन करने का खर्चा मिलने से अपना तो सारा काम हो गया | अब मुझे तो कोई जरुरत है नहीं सो बाकी के ५० लाख आपको दे दूंगा |
डाक्टर चूँकि सरकारी डाक्टर था उसकी भी कोई ज्यादा कमाई तो थी नहीं सो डाक्टर ने भी कभी सपने में भी ५० लाख रूपये मिलने की नहीं सोची थी | अतः जब ताऊ द्वारा ५० लाख देने की घोषणा सुनी तो डाक्टर अवाक् रह गया और इसी दौरान ज्यादा ख़ुशी ना झेल पाने की वजह से डाक्टर को दिल का दौरा पड़ गया |
B e c h a r a
ये क्या होरिया है.. ताऊ बधाई..
सुन्दर. हमने कल्पना कर ली थी की डॉक्टर का यही हाल होना है.
हाय रे डॉक्टर!!!
ये तो गलत किया ताऊ ने . डॉक्टर को टपका दिया !
रतनसिहजी,
ताऊकथा पढी। यह ताऊ है! कुछ भी कर सकता है!
सुन्दर, मजा आ गया जी।
हार्दिक मगलभावनाओ सहीत
आभार
मुम्बई टाईगर
हे प्रभु यह तेरापन्थ
ताऊ ने तो कुछ ना किया जी डाक्टर ताऊ का दिल संभालने आया था जबकि खुद का दिल ही कमजोर निकला अब इसमे बेचारे ताऊ की क्या गलती . अपना ताऊ तो बड़ा ही सीधा और भोला है .
tauu jindawaad
लगता है डाकदर मेरे जैसा ही था। वाह ताऊ की महिमा।
vah re tau.
मेने तो पहले ही बेरा था यु तात जरुर इस डकादार साहब ते कुछ पंगा बंगा करेगा…
बेचारा डाकटर
बिना टिकट खरीदे तो ऐसी लाटरियां रोज ई मेल से निकलती रहती हैं। इसलिए आजकल जरूरी है कि इंटरनेट हो कंप्यूटर हो और ई मेल एकाउंट हो। अगर ऐसी व्यवस्था लाने के लिए समलैंगिकता विधेयक की तरह एक विधेयक ले आया जाए तो इस प्रकार के हार्ट अटैक बंद हो जाएंगे और लोग सुरक्षित हो जाएंगे।
ई मेल से इस सलाह को सबको सचेत कर दिया जाए।
जब तक ई मेल का पूरा प्रचार प्रसार न हो
इसके पर्चे सर्चे छपवा कर हेलीकोप्टर से देश विदेशभर में गिरवाए जाएं
चैनलों पर सनसनीखेज सुर्खियों में हंगामा बरपाया जाए
ताऊ के असली चित्र को खोज कर उसका प्रकाशन किया जाए
देखते हैं कोई सफल होता है या नहीं। अगर कोई दिक्कत हो तो ताऊ के चित्र यानी फोटो के लिए मुझसे संपर्क कर सकता है। मेरा ब्लॉग पता है http://pitaajee.blogspot.com/ और ई मेल पता avinashvachaspati@gmail.com
या ताऊ के कारनामों का ब्लॉग है
तो इसमें करतूतें क्यों छाप रहे हैं
ताऊ को पुलिस तलाश रही है
watt lag gayi doctor ki tau ka k bigdya bhai ?
ha ha ha ha ha ha
baat ka anand aa gaya !
शेखावत जी इसकै आगै की कथा क्युं नही छापी? मन्नै तो कुल जमा ६५ लाख ही मिले टेक्स काटने के बाद. पहलम बेरा होता तो मैं डाक्टर को ५० की जगह १५ देने की बात ही करता. बेचारे की जान तो ना जाती.
पर एक बात बताऊं चुपके से…किसी को कहना मत..मैं डाक्टर को काणी कोडी भी देने वाला नही था. बावलीबूच ने फ़ोकट मे जान देदी.:)
रामराम.
ओह
बड़ी अंहिसक हत्या हो गई यह तो 🙂
इस बारे में द्विवेदी जी से सलाह मशवरा करना पड़ेगा की ताऊ के खिलाफ कोइ अपराधिक मामला बनता भी है या नहीं | बेचारा डॉक्टर .मुफ़्त में मारा गया |
चुटकुलानुमा अच्छी कहानी.
आपकी पोस्ट पढ़कर बहुत ख़ुशी हुयी !
डॉक्टर को टपका दिया !आपकी साधना पूरी हो- शुभकामनाएं॥
अच्छी कहानी.
"हिन्दीकुंज"
ha ha ha .nice