39.4 C
Rajasthan
Friday, June 9, 2023

Buy now

spot_img

ठाकुर सूरजमल, बिसाऊ : मांडण युद्ध के योद्धा

ठाकुर सूरजमल, केशरीसिंह शार्दूलसिंहोत के पुत्र और ठिकाना बिसाऊ के शासक थे। वे एक वीर योद्धा थे। माण्डण के युद्ध में अपने बड़े भ्राता हणूंतसिंह के साथ उन्होंने भी भाग लिया। युद्ध में वे बड़ी वीरता से लड़े भागती हुई शाही सेना का कोसों तक पीछा करके उसे अत्यधिक हानि पहुंचाई। मोरचों से शाही सेना की अहीर बटालियन को भगाने में उनका प्रमुख हाथ था। सं. 1834 वि. में उन्होंने अड़ीचा नामक गाँव में किला बनाकर हरियाणा प्रान्त की सीमा पर एक सुदृढ़ सैनिक चौकी स्थापित की। सूरजमल के नाम पर गढ़ का नाम सूरजगढ़ रखा गया। कालान्तर में अड़ीचा ग्राम भी सूरजगढ़ के नाम से ही प्रसिद्ध हुआ। सूरजमल ने वहाँ पर आस पास के धनी मानी महाजनों को बसाकर उस ग्राम को शहर के रूप में परिणित कर दिया।

सं. 1837 वि. में खाटू (श्यामजी) के रणक्षेत्र में, सीकर के राव देवीसिंह के नेतृत्व में शेखावत संघ ने शाही सेनापति मुरतजा अली भड़ेच से युद्ध किया था। उस युद्ध में ठाकुर सूरजमल अग्रणी थे।  लालसोट के पास तुंगा के इतिहास प्रसिद्ध रण क्षेत्र में माधोजी सेंदे (माधवराव सिंधिया) से जयपुर के महाराजा सवाई प्रतापसिंह का युद्ध हुआ। (सं. 1844 वि. सन् 1787 ईस्वी)। उस रक्त रंजित युद्ध में मराठों के आग उगलते तोपखानें पर घोड़े उठाकर आक्रमण करने वाले कछवाहा रसाले का संचालन करते हुए ठा. सूरजमल वीरगति को प्राप्त हुए।

ठाकुर सूरजमल के दाह स्थान पर स्मारक के रूप में एक छत्री बनी हुई है। उनके पुत्र ठा. श्यामसिंह ने छत्री के चौतरफ की पांच बीघा जमीन जयपुर राज्य से खरीद कर स्मारक के अहाते के शामिल कर दी थी। इसके अतिरिक्त तुंगा की तन में कंवरपुरा गांव के पास की 20 बीघा जमीन दादू पंथी साधु देवदास गंगादास को माफी में देकर छत्री के धूपदीप का काम उन्हें सौंप दिया था। अपने समय के शेखावाटी के प्रसिद्ध वीर ठा. श्यामसिंह इन्हीं सूरजमल के एकमात्र पुत्र थे।

लेखक : सुरजनसिंह शेखावत, झाझड़ | पुस्तक का नाम : मांडण युद्ध

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Stay Connected

0FansLike
3,803FollowersFollow
20,900SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles