31.1 C
Rajasthan
Friday, September 22, 2023

Buy now

spot_img

खींवा और बींजा : दो नामी चोर – भाग-2

भाग-१ से आगे…
जय-विजय घोड़ियों की चोरी से हुई कमाई से दोनों मौज कर रहे थे| एक दिन खींवा की पत्नी दोनों को प्याला देते हुए बोली-” आप दोनों का जैसा नाम है वैसा ही आपने काम भी किया| जय विजय घोड़ियाँ चुरा लाये| बहुत बड़ा काम किया| पर दोनों मिलकर कोई बड़ा काम कर सको वैसा काम तो अभी बाकी ही है|
खींवा ने हँसते हुए कहा- “आपका अभी भी मन नहीं भरा क्या?
“मन भरने वाली बात नहीं है| मैं चाहती हूँ कि तुम दोनों मिलकर कोई एसा काम करो जो दुनियां में बात चले| आदमी नहीं रहता चला जाता है पर उसका किया काम व नाम अमर रहता है|” खींवा की पत्नी ने कहा|
बींजा बोला-” भाभी मन में कोई बात हो तो कह दो, जो काम आप करने को कहेंगी वाही करके आयेंगे|”
खींवा की बहू बोली-“पाटण नगर के मंदिर पर सोने का ईडा लगा है जो सवा करोड़ का है,सुना है रात में उस ईडे में रखे हीरे पन्ने जगमग करते है और उनकी रौशनी दूर तक दिखाई देती है जैसे मंदिर पर दिया जल रहा हो| वो चोर लावो तब आप दोनों की तारीफ़| एक तो यह काम बीच बाजार में करना है दूसरा ईडा मंदिर के शिखर पर है शिखर इतना चिकना है कि उस पर चींटी भी चढ़े तो फिसल जाए| चोरी करे तो ऐसी कि घर भी भरे,नाम हुवे और होशियारी का भी पता चले|”
दोनों बोले-” अब तो वो ईडो लायें तभी असली चोर समझना| या तो ईडो लायेंगे नहीं तो मूंछ मुंडा लेंगे और कभी चोरी की बात नहीं करेंगे|”

खींवा और बींजा दोनों ने साहूकार बन कुछ सामान ख़रीदा| साथ में ऊंट गाड़ियाँ ली,एक मुनीम रखा और पाटण नगरी में जा सीधे राजा के दरबार में जा राजा से मुजरा किया,साथ में बढ़िया बढ़िया वस्तुएं राजा को नजर करते हुए अर्ज किया-
“हम परदेशी साहूकार है,आपके राज्य में प्रजाजन सुखी है,किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं,बाघ बकरी एक ही घाट पर पानी पीते है| हम भी यहाँ व्यापार करना चाहते है|”
राजा बोला-“अच्छी बात है,आपको यहाँ व्यापार करने की इजाजत है,साथ ही सुरक्षा की गारंटी भी आपका हमारे राज में कोई नुकसान नहीं होगा|”

दोनों ने नगर में मंदिर के पास घूमकर पता किया मंदिर में भी दुकाने बनी हुई थी,राजा को कहकर उन्ही में से एक दुकान किराये पर ले ली| अब दोनों साहूकार बने मंदिर में बनी दुकान पर व्यापार करने लगे| एक गोहरी लाकर उसे पाल लिया और उसे प्रशिक्षित करना शुरू कर दिया| गोहरी के गले में एक मजबूत रस्सा बाँध दिया और उसे दुकाने के अन्दर वाले कक्ष में रख सिखाना शुरू किया |

पोष महीने की अमावस्या की रात्री को इन्होने मंदिर के शिखर से ईडा उतारने की तैयारी करी| प्रशिक्षित गोहरी को उन्होंने मंदिर के शिखर पर फैंका| जैसे जैसे गोहरी चढ़ती गयी वैसे वैसे वे रस्सा ढीला करते गए जैसे ही गोहरी ईडे के पास पहुंची,उसके गले में बंधा रस्सा खिंचा,रस्सा खींचते ही गोहरी वहीँ चिपक गयी| दोनों रस्से के सहारे मंदिर के चिकने मार्बल से बने शिखर पर चढ़ गए| जैसे ही नगर की घड़ी ने बारह बजते ही बारह घंटे बजाये,उन्ही की आवाज के साथ छैनी से ईडे को उखाड़ लिया| उधर नीचे पहरे वाले ख़बरदार ख़बरदार कह पहरा लगा रहे थे| वे साथ एक मटके में छेद कर उसमे एक बड़ा सा दिया रखकर साथ ले गए थे| सो झट से उन्होंने सोने का ईडा उतारा और उसकी जगह वह घड़ा रख उसमे रखे दिए को जला दिया ताकि पहरे वालों को भनक ना पड़े| जैसे ही पहरे वाले आगे गए अपने पेट पर ईडा बाँध नीचे उतरे साथ में गोहरी को उतारी और चल दिए|

एक चोर पिछले बारह वर्ष से उस ईडे को चुराने की फिराक में था,उसे ईडे को छैनी से तोड़ने की आवाज सुनाई दे गयी तो वह तुरंत वहां आकर छिप गया और जब खींवा बींजा जाने लगे तो उनके पीछे पीछे हो लिया| खींवा बींजा नगर के मुख्य दरवाजे पर पहुंचे और पहरेदारों से बोले -” भाई एक दो तीन वर्ष का बच्चा गुजर गया है इसलिए बाहर जाने दे उसे दफनाना है|”
पहरे वालों ने दरवाजा खोलने को मना किया पर खींवा ने दो रूपये निकालकर दिए तो पहरेदारों ने दरवाजे की खिड़की खोल दी| थोड़ी देर में वह चोर भी दरवाजे पर एक जलता हुआ कंडा लेकर आ पहुंचा और पहरेदारों से बोला-” मुर्दे के लिए आग लेकर जा रहा हूँ खिड़की खोल|”
खिड़की खोल दी गयी,चोर भी बाहर निकल गया और सीधा श्मशान में जा पहुंचा और मुर्दों के साथ जाकर सो गया|
खींवा ने बींजा से कहा -” पहले देखलें इन मुर्दों में कोई जीवित तो नहीं है|” और दोनों ने हर मुर्दे के कटार की मारकर जांच करना शुरू की| मुर्दों के साथ सोये चोर के भी कटार की लगी पर उसने निकलती कटार को रुमाल से पोछ दिया,कहीं उसका खून उन्हें ना दिख जाए| खींवा को महसूस तो हुआ पर कटार के खून नहीं दिखा तो वह आश्वस्त हो गया कि सब मुर्दे ही है |

श्मशान के पास ही एक तालाब था उसी के किनारे दोनों ने एक गड्ढा खोद ईडा गाड़ दिया और अपनी दूकान में आकर सो गए| पीछे से वह चोर उठा और गड्ढे से ईडा निकाल अपने घर ले आया| सुबह होने से पहले लोग उठे और देखा मंदिर के ईडे में रौशनी मंद दिखाई पड़ रही है थोड़ी देर में जगमग करता दिया भी बुझ गया लोगों ने देखा मंदिर के शिखर से ईडा गायब है| पुरे नगर में हल्ला हो गया सोने का ईडा चोरी हो गया,कोतवाल की सिट्टी-पिट्टी गम हो गयी,बात राजा तक पहुंची,राजा भी बहुत दुखी हुआ,बोला जब तक मंदिर का ईडा बरामद नहीं करवा दूँ खाना नहीं खाऊंगा| साहूकार बने खींवा बींजा राजा के पास गए कहने लगे –
“बीती बात का क्या पछतावा? ये पांच हजार रूपये हमारी तरफ से, दुसरे साहूकारों से भी हम धन इकट्ठा करते है आप दूसरा ईडा बनवा दीजिये,हम इतने व्यापारी बसते है आपकी इस नगरी में| जैसा था उससे भी भेले ही सवाया बनाइये पर भोजन करना मत छोड़िये|”
राजा के भी दोनों की बात जच गयी| दूसरा ईडा बनवाने का आदेश दे दिया गया|

दुसरे दिन सुबह सुबह खींवा और बींजा दोनों घूमते हुए तालाब की और गए देखा तो वहां गड्ढा खुदा हुआ पड़ा,ईडा गायब,दोनों का मुंह उतर गया|
“मुर्दों में कोई न कोई जरुर छिपा हुआ था|” बींजा बोला|
“पर चोर है नगर के भीतर ही,कटार के घाव के चलते वह नगर नहीं छोड़ सकता|”
“चलो नगर में तलाश करते है,कोई पुराने मुंग,फूल दारु,सेई का मांस की तलाश करता हुआ मिल जाए|” दोनों जने नगर के बाजार में इस दुकान से उस दुकान कभी कपड़ों का मौल करते,कभी किरयाने की दूकान पर सामान देखते हुए,इधर उधर नजर गड़ाये घूमने लगे,बाजार में हर आने जाने वाले व्यक्ति पर निगाह रखते हुए| सांझ पड़े एक औरत एक दुकान पर पुराने मुंग मांग रही थी| सुनते ही खींवा बींजा से बोला-
“पुराने मुंग तो हमारे पास है|”
पर देंगे नहीं,पता है पुराने मुंग गहरे घाव को ठीक करने में काम आते है|” बींजा ने औरत को सुनाते हुए कहा|
“घाव भरने की तो मैं एक ऐसी जड़ी पहचानता हूँ जिसे घाव पर लगाते ही कितना ही गहरा घाव क्यों न हो तुरंत ठीक हो जाता है|” खींवा ने भी अपना वोल्यूम तेज रखते हुए कहा ताकि वो औरत सुन सके|
खींवा की बात सुनते ही औरत के झट से पूछा-“क्या कहा आपने?”
खींवा ने जबाब दिया-“मेरे पास एक ऐसी जड़ी बूटी है जिससे घाव तुरत भरता है|” दोनों समझ गए कि इस औरत के घर में कोई व्यक्ति है जिसके घाव है और ये बात को छुपा भी रही है, दोनों ने चुपचाप उस औरत का घर तक पीछा किया और उसके पीछे पीछे घर में घुस गए,आगे देखे तो चोर घाव से कराहता हुआ पड़ा,दोनों को देखते ही चोर के मुंह का रंग उड़ गया| दोनों को भरोसा हो गया कि चोर यही है|
बींजा ने चोर से कहा-” आपने अच्छा नहीं किया| ये काम असल चोर का नहीं होता,ये काम तो कोई दोगला ही कर सकता है, चोर चोरी करता है पर आपस में धोखा नहीं करता|”
खींवा बोला-” तुम भी चोर हम भी चोर| तुम्हे हमारी चोरी का पता चल ही गया था तो हमारे पास आ जाता साथ काम करते,आपस में कायदे से बाँट लेते, तुम कायदे से बहार गए सो भुगत रहे हो|”
” अब जो हो गया सो हो गया, अब आगे क्या करना है यह बताईये|” चोर बोला|
बींजा ने चोर से ईडा के तीन हिस्से करने की बात कही,चोर ने भी उसका प्रस्ताव मान लिया| दोनों को घर में रोका खिलाया पिलाया और ईडे को बेच आपस में बंटवारा करने का दिन मुकरर किया|

दुसरे दिन मंदिर की दूकान वाले दोनों साहूकार राजा के यहाँ मुजरा करने गए व अर्ज की-
“घर से समाचार आया है लड़की की शादी तय की है अत: अपने घर जाने की आज्ञा लेने आये है|”
राजा ने सम्मान के तौर पर दोनों को सिरोपाव(पगड़ी) दे वापस जल्दी आने की कह विदा किया| तीनों ईडा ले नगर से चल दिए आगे एक नगर आया वहां पहुँचते ही चोर बोला-” इसी नगर में ईडा बेच मुझे अपना हिस्सा दे दीजिये|”
खींवा ने कहा-” इसे तो मारवाड़ में जाकर बेचेंगे|” चोर ने जिद की बोला -” फिर मेरे हिस्से का काट कर मुझे दे दीजिये|”
बींजा बोला -” काहे के तीन हिस्से ? चोरी हम दोनों ने की, हिस्से दो ही होंगे|” चोर लड़ने लगा, बींजा ने कटार निकाल चोर के एक मारी,चोर तो एक वार में ही मर गया| और ईडा लेकर घर आ गए| खींवा की पत्नी ने दोनों की आरती उतार स्वागत किया| सोने का ईडा बेचने से खूब धन मिला,दोनों ने पुरे गांव को दावत दी,गांव के सभी लोग दोनों की वाह वाह करने लगे| दोनों की तारीफों के पुल बंधने लगे| पांच सात दिन रहने के बाद बींजा ने अब अपने घर जाने की इजाजत मांगी|

खींवा बोला-” आप यहाँ पधारे,आपके साथ चोरी कर नाम,दाम कमाया पर एक बात मेरे मन में रह गयी| ये दोनों काम हम दोनों ने मिलकर किये उसकी ख्याति तो दोनों को मिलनी ही थी पर अपन दोनों में घणा होशियार कौन?”
इस बात पर दोनों में बहस होने लगी एक कहें होशियार मैं तो दूसरा कहें होशियार मैं| बहस सुन गांव के लोग इकठ्ठा हो गए,पंचों को बुलाया गया| पंचों ने फैसला सुनाया -“तुम दोनों बराबर|”
पर खींवा मान नहीं रहा था,पांचो से कहने लगा -” हम दोनों का कोई मुकाबला कराकर फिर फैसला दें आप जो भी फैसला करेंगे वो सिर माथै|”

पंचों ने कहा- ” उस पीपल के पेड़ पर एक कुड़दांतळी (एक पक्षी) ने अंडे दे रखे है और वाह उन अण्डों पर बैठ उनका सेवन कर रही है जो उसके निचे से अंडे निकाल लाये वही ज्यादा होशियार|”
खींवा ने बींजा से कहा-” बींजा जी जाओ और अंडे लावो|”
बींजा बोला-” जो प्रसंसा का भूखा हो वह लाये,मुझे तो बड़ाई की भूख नहीं|”
खींवा ने झट से अपनी धोती की लांग चढ़ाई और पेड़ पर चढ़ गया और कुड़दांतळी के घोसले के पास छुपकर बैठ गया,कुड़दांतळी अण्डों का सेवन कर रही थी, कुड़दांतळी हर थोड़ी में बोले,जब भी बोले तो अण्डों से कुछ ऊपर उठे और टहुक टहुक कह वापस बैठ जाए, खींवा पेड़ पर चढ़ते समय अपने साथ थोड़े से काचरे ले गया था जब भी कुड़दांतळी टहुक बोल उठे तो उसके बैठने से पहले खींवा एक अंडा उठा ले और उसकी जगह काचरा रख दे,इस तरह करते करते खींवा ने सभी अंडे अपनी जेब में रखता गया|”
उधर बींजा साथ में ऊंट के मिंगणे ले पीछे से चुपके से पेड़ पर चढ़ आया और जैसे खींवा अंडा उठाकर जेब में रखे बींजा उसकी जेब से अंडा निकालकर उसकी जगह जेब में एक मिंगणा रख दे इस तरह बींजा ने खींवा की जेब से सारे अंडे निकाल लिए| खींवा पेड़ उतरा तो बींजा भी दूसरी और से पेड़ से उतर आया, दोनों पंचो के पास आये|

खींवा ने गर्व से बोलते हुए कहा- ” ये लीजिये|” और जेब में अंडे निकालने को हाथ डाला तो मिंगणे निकले|” उधर बींजा ने हँसते हुए अंडे पंचों के आगे रखे| पंचों ने न्याय किया- ” दोनों में होशियार बींजा|”
बींजा ने खींवा का हाथ पकड़ा और बोला -” चलो घर, इस चोरी को भी आधी आधी बाँट लेते है|”

डा.लक्ष्मीकुमारी चुण्डावत की राजस्थानी भाषा में लिखी कहानी “खींवों बींजों” का हिंदी अनुवाद|

Related Articles

9 COMMENTS

  1. वाह गज़ब की कहानी, मज़ा आ गया| पहला भाग पढने के बाद दूसरा भाग पढने के लिए गहरी उत्सुकता थी| आज दूसरा भाग पढने के बाद अब और उत्सुकता बढ़ गयी है, कि ऐसी और भी कहानियां पढने को मिलें…आपसे आगे भी ऐसी अपेक्षा है…धन्यवाद…

  2. चोर थे दोनों किन्तु..जीनियस थे इसमें कोई शक नही. मजा आ गया. यूँ ये कहानी मैंने बचपन में दादी से सुनी थी किन्तु मन मस्तिष्क में चित्तोड शहर के गांधी चौक वाला मंदिर और उसका सोने का कलश ही बसा हुआ था .जाने क्यों?
    बच्चे कहानियों को किस तरह सच मान बैठते हैं न? बचपन याद आ गया इस कहानी को पढ़ कर.हा हा हा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Stay Connected

0FansLike
3,868FollowersFollow
21,200SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles