39.6 C
Rajasthan
Wednesday, June 7, 2023

Buy now

spot_img

काला दरवाजा जहाँ तीन सौ वीरों ने इसलिए किया प्राणों का उत्सर्ग

ये शेखावाटी आँचल के खंडेला नगर का काला दरवाजा है| कभी इसका नाम कुछ और ही रहा होगा पर धर्मांध बादशाह औरंगजेब की करतूत के कारण इस दरवाजे का नाम काला दरवाजा पड़ गया| नगर के मध्य भीड़ से घिरे होने के बावजूद यह दरवाजा गुमसुम हुआ ऐसे किंकर्तव्यविमूढ़ खड़ा है मानों किसी अजेय शक्ति से पराजित होकर अपनी हार का बदला लेने की कामना करते हुए किसी अनुष्ठान की तैयारी कर रहा हो| कभी इस दरवाजे के भी सुनहले दिन थे| तलवार, भाला व तीर जैसे शस्त्रों से सुसज्जित योद्धा इसकी सुरक्षा में तैनात रहते थे|

लोगों की भीड़ आज भी इसके पास पहले से ज्यादा गुजरती है पर इस भीड़ में वो अठखेलियाँ कहाँ ? वो बहारें कहाँ जो रियासती काल में थी| इस दरवाजे ने खंडेला के दुस्साहसी शासकों को देखा है जिन्होंने अपने से हजार गुना बड़ी दिल्ली की बादशाहत से विद्रोह करने का दुस्साहस किया|

यह दरवाजा उस वीभत्स घटना को कदापि नहीं भूल सकता जब सनातन धर्म की रक्षा के लिए  सुजान सिंह शेखावत के नेतृत्व में 300 राजपूत वीरों ने प्राणों की बाजी लगा दी थी| उस दिन जवानी ने मृत्यु को धराशायी कर दिया था| ३०० राजपूत वीरों में मन धर्म रक्षा की उमंगे तलवारों की तीक्ष्ण धार पर नाचने लगी थी| उस दिन कर्तव्य ने यौवन की कलाइयाँ पकड़ कर मरोड़ डाली थी| विलास, वैभव और सुख मानों उदासीन होकर भाग खड़ा हुआ था|

इस द्वार ने देखा था उस दिन मस्ती मस्त हो गई थी पर आज सिर्फ उस घटना की यादगार पड़ी हुई सिसक रही है| हाँ उसी युद्ध की यादगार जिसमें ३०० राजपूत कट कट कर मर गए पर अपने शरीर में रक्त की एक बूंद शेष रहने तक गोविन्ददेव जी के मंदिर की एक ईंट खंडित नहीं होने दी| उसी युद्ध की यादगार जिसके बाद इस दरवाजे का नाम काला दरवाजा पड़ गया|

8 मार्च 1679 को औरंगजेब की विशाल सेना ने जो तोपखाने और हाथी घोड़ो पर सुसज्ज्ति थी, सेनापति दाराबखां के नेतृत्व में खंडेला को घेर कर वहां के शासक राजा बहादुरसिंह को दण्डित करने के लिए कूच कर चुकी थी | इस सेना को औरंगजेब की हिन्दू-धर्म विरोधी नीतियों के चलते विद्रोही बने राजा बहादुरसिंह को दण्डित करना व खंडेला के देव मंदिरों को ध्वस्त करने का हुक्म मिला था | खंडेला के राजा बहादुरसिंह अपनी छोटी सेना के साथ इतनी बड़ी सेना का सीधा मुकाबला करने में सक्षम नहीं थे सो उन्होंने रण-नीति के अनुसार छापामार युद्ध करने के उद्देश्य से खंडेला पूरी तरह खाली कर दिया और सकराय के दुर्गम पहाड़ों में स्थित कोट सकराय दुर्ग में युद्धार्थ सन्नद्ध हो जा बैठे | खंडेला के प्रजाजन भी खंडेला खाली कर आस-पास के गांवों में जा छिपे | और खंडेला जन शून्य हो गया |

लेकिन खंडेला के इस तरह जन शून्य होना कुछ धर्म-परायण शेखावत वीरों को रास नहीं आया | वे जानते थे कि खाली पड़े खंडेला में शाही सेना खंडेला स्थित एक भी मंदिर बिना तोड़े नहीं छोड़ेगी सो शीघ्र ही रायसलोत शेखावत वीरों के आत्म-बलिदानी धर्म-रक्षकों के दल देव मंदिरों की रक्षा के लिए खंडेला पहुँचने लगे | इसी दल में उदयपुरवाटी के ठाकुर श्याम सिंह के प्रतापी पुत्र सुजानसिंह शेखावत भी अपने भाई बांधवों सहित पहुँच गए| उन्होंने प्रतिज्ञा की थी कि वह अपने रक्त की अंतिम बूंद तक देव-मंदिरों की रक्षार्थ लड़ेंगे और अपने जीते जी वह एक ईंट भी मुगल सैनिको को नहीं तोड़ने देंगे |

और आखिर वह समय आ ही गया जब मुग़ल सेना ने खंडेला पर आक्रमण कर दिया और आक्रमण का सुजान सिंह ने अपने शेखावत बंधुओं के सहयोग से भीषण युद्ध कर करारा जबाब दिया | यही नहीं इन मंदिर भंजको से युद्ध करने के लिए स्थानीय अहीर व गुजर नवयुवक भी आ डटे व उन्होंने मुग़ल छावनी पर हमला कर मारकाट मचा दी व सैकड़ों गाये जो हलाल करने के लिए लाइ गई थी को छुड़ाकर ये युवक पहाड़ों में ले गए | इस तरह उन वीर अहीर व गुजर युवको ने सैकड़ो गायों को कटने से बचा लिया |

इस देव-मंदिरों की रक्षार्थ लड़े भीषण युद्ध में सुजान सिंह सहित कोई तीन सौ शेखावत वीरों ने आत्मोत्सर्ग किया था , वहां पहुंचा एक भी शेखावत वीर एसा नहीं था जो बचकर जिन्दा गया हो , जितने भी वीर वहां युद्धार्थ आये थे अपने खून के आखिरी कतरे तक मुग़ल सेना से मुकबला करते करते शहीद हो गए |

मआसिरे आलमगिरी पुस्तक के अनुसार – बिरहामखां, कारतलबखां आदि सुदक्ष सेनापतियों के साथ प्रधान सेनापति दाराबखां ने खंडेला पर आक्रमण किया था | तोपखाना और हस्ती दल भी उस सेना के साथ थे, खंडेला, खाटू श्यामजी और परगने के अन्य स्थानों पर स्थित देवालय तोड़कर मिस्सार कर दिए गए | तीन सौ खूंखार लड़ाका राजपूतों ने मुग़ल सैन्य दल का बड़ी बहादुरी से सामना किया और वे सभी लड़ते हुए मारे गए | उनमे से एक ने भी भागकर प्राण बचाने की कोशिश नहीं की |

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Stay Connected

0FansLike
3,803FollowersFollow
20,800SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles