33.5 C
Rajasthan
Friday, September 22, 2023

Buy now

spot_img

 ऐसा था खूड़ ठिकाने का राज बलाई कज्जूराम

आजादी से पूर्व रियासती काल में दलित, पिछड़ी व श्रमजीवी जातियां राजपूतों के लिए मरने मारने को तैयार रहती थी, वहीं राजस्थान का आम राजपूत इन जातियों को अपना समझता था और उनके लिए किसी से भी लड़ने-भिड़ने, सिर कटवाने के लिए तैयार रहता था| इन जातियों के अपने से बड़ी उम्र के लोगों को राजपूत युवा काका, बाबा, दादा आदि सम्मानजनक संबोधनों से संबोधित करते थे और बदले में इन जातियों के लोग राजपूतों को सम्मानजनक संबोधनों से संबोधित करते थे| आजादी के बाद जागीरदारी उन्मूलन के समय भी दलित जाति के लोगों को राजपूतों ने ही समझाया था कि जिस खेत में खेती कर रहे हो, उसे छोड़ना मत अब जमीन आपकी होने वाली है| यह अपनत्व ही था कि राजपूतों ने अपने ही खेत सहर्ष उन्हें सौंप दिए| इसकी पुष्टि करते हुए आज ही ज्ञान दर्पण संपादक से फोन वार्ता पर खूड़ के भंवरलाल बलाई ने बताया कि हमारे गांव के जितने भी बलाईयों के पास कृषि भूमि है वह खूड़ ठाकुर साहब के राजपूत मुसाहिब की वजह से है| आपको बता दें भंवरलाल जी वर्तमान में सरकारी विद्यालय में प्रधानाध्यापक है|

रियासती काल में दलित अपने पारम्परिक कार्य करने के साथ ही राजपूतों के हर युद्ध अभियान में भाग लेते थे और वीरता भी प्रदर्शित करते थे| चौकीदारी के काम पर तो नायक व बावरी जाति के दलितों का अधिकार सा था| गांव के बुजुर्गों से जब दलितों की कहानियां सुनते है तो पता चलता है कि आज जिन दलितों को कमजोर, बेचारा प्रचारित कर रखा है, वे अथक परिश्रमी, ताकतवर व साहसी थे| ऐसी एक कहानी है खूड़ ठिकाने का राज बलाई कज्जूराम की|

कज्जूराम बलाई शारीरिक तौर पर हट्टा-कट्टा मजबूत कद काठी वाला पुरुषार्थी व्यक्ति था और खूड़ ठिकाने में राज बलाई के पद पर था| वह ठिकाने का स्वामिभक्त व स्वाभिमानी व्यक्ति था| उसके पास ठिकाने के विभिन्न कामों के साथ ही घोड़ों के लिए चारा एकत्र करने का दायित्व था| एक बार वह एक किसान के यहाँ चारा लेने गया| किसान ने घास से ऊंट गाड़ी भर दी, कज्जूराम गाड़ी पर चढ़ा और पैरों से दबा दबा कर उसे आधी कर दी और और घास भरने को कहा| तब किसान ने उसे उतना ही घास ले जाने की मिन्नतें की, पर कज्जुराम नहीं माना और किसान से बहस की| तब किसान ने गुस्से में कहा कि तेरी क्या औकात है ? तेरे हाथ में जो राज का डंडा है उसका डर है, वरना तुझे तेरी औकात बताता| बस फिर क्या था| कज्जूराम में हाथ से राज का डंडा फैंका और किसान से भीड़ गया| कज्जूराम काबू नहीं आया तो किसान ने भी गुस्से गुस्से में  घास से भरी ऊंट गाड़ी को आग लगा दी|

मामला खूड़ ठिकाने के ठाकुर मंगलसिंह जी के पास पहुंचा| मंगलसिंह जी ने दोनों पक्षों को सही-सही बताने का कहा| दोनों ने जो हुआ अक्षरश: सही सही बता दिया| तब ठाकुर मंगलसिंह जी ने कज्जूराम से कहा कि किसान अपनी इच्छा से दे रहा था, उतनी ही घास ले आता| उसके घर में भी तो पशु है, उनके लिए भी उसे जरुरत पड़ेगी| फिर किसान से कहा तूने घास से भरी गाड़ी भी जला दी| ऐसा कर तुमने राज का नुकसान किया है| पर अब कभी आगे ऐसा मत करना| दोनों को समझाकर ठाकुर साहब ने भेज दिया और अपने मुसाहिब व उपस्थित अन्य लोगों को हँसते हुए कज्जूराम की स्वामिभक्ति व स्वाभिमान के लिए हर कहीं उलझने की बातें बताने लगे|

एक बार कज्जूराम रुपगढ़ से खूड़ आ रहा था| रुपगढ़ खूड़ ठिकाने की युद्धकालीन राजधानी थी| पहाड़ी पर गढ़ बना था, ठाकुर साहब अक्सर वहां रहते थे| रुपगढ़ व खूड़ के रास्ते के मध्य अरावली की पहाड़ियों से निकलने वाले पानी के बड़े बड़े गहरे बरसाती नाले थे| बरसात के बाद ये नाले सूखे पड़े रहते थे, जो लुटरों की शरणगाह थे| इसी रास्ते से कज्जूराम खूड़ आ रहा था| तभी लुटरों ने उस पर हमला किया और उसका चांदी का कड़ा छीनने की कोशिश की| कज्जूराम के हाथ में भी एक लट्ठ था, उसने उसी लट्ठ से मार मारकर छ: सात लुटेरों को भगा दिया|

तो ऐसा था खूड़ ठिकाने का राज बलाई कज्जूराम, जो ना किसी से डरता था, ना ही हर ऐरे गैरे के आगे झुकता था| खूड़ गांव में आज भी बुजुर्ग कज्जूराम के किस्से बड़े चटखारे लेकर सुनाते हैं| पिछले वर्ष मित्र श्रवणजी खेतान के पिताजी जगदीशजी खेतान से जयपुर में मिलना हुआ तो उन्होंने कज्जूराम का घास जलाने वाला किस्सा सुनाया| इस तरह के किस्से साबित करते है कि राजपूतों द्वारा दलितों का शोषण, उन पर अत्याचार की बातें आजादी के बाद वोट बैंक बनाने के लिए नेताओं द्वारा प्रचारित की गई और आज जहाँ राजनैतिक तौर पर दलित राजपूतों के खिलाफ खड़ें है वहीं राजपूत युवा दलित आरक्षण व दलित एक्ट के खिलाफ मुखर है| यही आपसी विरोध राजनेता चाहते थे| जबकि रियासती काल में दलित संरक्षण आज के कानूनों से ज्यादा प्रभावी था|

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Stay Connected

0FansLike
3,868FollowersFollow
21,200SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles