हमारे देश में एलोवेरा की उपज आम है यह आसानी से कहीं भी मिल जाता है साथ ही इसे उगाने के लिए ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती | पर सवाल यह है कि इस तरह आसानी से उपलब्ध एलोवेरा का प्रयोग कैसे किया जाय | तो आईये इसके आसान उपयोग के दो तरीकों पर चर्चा करते है –
1- सुबह उठते ही एलोवेरा का एक पत्ता तोड़े व उसे छीलकर अन्दर का गुदा निकल लें आप इस गुदे को कच्चा खा सकते है या थोड़े पानी के साथ मिलाकर मिक्सचर में इसे पीस कर पी सकते है |
2- इसका दूसरा सबसे बढ़िया उपयोग का तरीका है इसकी सब्जी बनाकर खाना | एलोवेरा की सब्जी बनाने का तरीका निम्न है –
A- सबसे पहले एलोवेरा के पत्ते तोड़कर उन्हें साफ़ पानी से धो लें |
C- अब कड़ाही में इतना तेल डालकर गर्म करें जितने तेल में आपका एलोवेरा गुदा के टुकड़े तले जा सकें , तेल गर्म होते ही उसमे थोडा जीरा डालकर भुन लें |
D- उसके बाद एलोवेरा का कटा गुदा गर्म तेल में डाल दें व इसे फ्राई करना शुरू कर दें ,आप चाहें तो प्याज भी इसी के साथ फ्राई कर सकते है |
E-एलोवेरा को फ्राई करते समय ही उसमे आवश्यकतानुसार व एलोवेरा की मात्रानुसार मसाले यथा-मिर्च,धनिया,हल्दी,नमक आदि भी डाल दें व पकाते रहे , ध्यान रहे इस सब्जी में पानी बिल्कुल ना डालें | हाँ मसाले डालने से पहले देख लें कि एलोवेरा की जैली पानी की तरह हो गयी हों | जैली के पानी की तरह होने के समय उसका चिपचिपापन ख़त्म हो जाता है |
F – सब्जी पकने से कुछ पहले लहसुन पीस कर डाल ले और थोडा पकाकर उतार ले | आपकी स्वास्थ्य वर्धक व स्वादिष्ट सब्जी तैयार है |
3- राजस्थान में एलोवेरा का उपयोग लड्डू बनाकर भी किया जाता है | लड्डू बनाने का तरीका कभी बाद में |
एलोवेरा से सम्बंधित पूरी जानकारी रामबाबू सिंह के ब्लॉग एलोवेरा प्रोडक्ट पर उपलब्ध है जो आप यहाँ चटका लगाकर पढ़ सकते है साथ ही एलोवेरा के विभिन्न उत्पाद आप रामबाबू जी खरीद भी सकते है यही नहीं यदि आप खुद ये प्रोडक्ट बेचकर धन कमाना चाहते है तब भी रामबाबू सिंह जी मिलकर आप ये व्यवसाय शुरू कर सकते है |
अपडेट :-
एलोवेरा की सब्जी बनाने का एक और तरीका वाणी शर्मा जी ने भेजा –
गंवारपाठा के काँटों वाले किनारों की हलकी सी परत काट लें …पूरे गंवारपाठे को छिलके सहित छोटे -छोटे टुकड़ों में काट कर नरम हो जाने तक उबालें …पानी निकल दें …
तेल गर्म करके सौंफ , राई ,मेथी ,जीरा , कलौंजी (पंचफोरन ) का छौंक लगा कर गंवारपाठे के टुकड़े डाल दें …हल्दी , नमक , लाल मिर्च डाल कर हल्का सा भूनने के बाद अमचूर डाल कर उतार लें …
मेथी के साथ बनाने के लिए मेथी को कुछ घंटों के लिए भिगो दें …फिर गंवारपाठे के साथ ही उबाल लें …फिर इसी विधि से छौंक लें …
Bahut achhi jankari…. Dhanywad
आज ही इसकी सब्जी बनाकर खाते है | कैसी लगती है ये तो खाने के बाद ही पता चलेगा | कच्चा तो खाकर देख ही लिया है |जानकारी देने का धन्यवाद |
मेरे ब्लॉग पर भी एलोवेरा पर एक पोस्ट श्री पंकज अवधिया जी ने लिखी थी। और यह बहुत सर्च की जाती है!
ये आपने सामान्य जन के उपयोग के लिये बढिया विधी बताई. ग्वारपाठे के लड्डू आज ही बने हैं क्योंकि ठंड अबकि बार जल्दी आ गई है.
एक बात और यहां कहना चाहुंगा कि जो लोग सूगर पेशेंट हों और जिन्हे लड्डू ना खाना हों वो इसकी मठरी बनाकर रखलें, बहुत स्वादिष्ट और खस्ता होती हैं, रोज दो तीन सुबह नाश्ते में ले सकते हैं. सर्दियों में इसका सेवन आपको साल भर रोगों से बचाये रखता है.
रामराम.
बड़ी उपयोगी जानकारी।
्बहुत सूंदर ओर उपयोगी जानकारी जी धन्यवाद
गंवारपाठा उपयोगी तो है ..
मगर मैं इसकी सब्जी बिना छिलका उतारे उबाल कर बनाती रही हूँ …
सब्जी बनाने का नए तरीका मिला …आभार !
hukum pta h ki ye bhut gunkari h par m nahi kha sakti bhut badbu aati h isme se ………ha kabhi kabhi face p use karte h ……par kabhi jarurat padi to sabji bnana kisi se pucchana nahi padega.thnxxxxxx
नमस्कार
जीवन रक्षक जानकारी …अच्छा लगा यहाँ आकर …शुक्रिया
बेहतरीन रेसिपी है। स्वादिष्ट होगा। कल्पना कर रहा हूं।
अब समस्या है कि इसे पाया कैसे जाए?