उत्तरप्रदेश के सहारनपुर में स्वाधीनता के प्रतीक, राष्ट्र नायक महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर भीम आर्मी की गीदड़ भभकी के चलते स्थानीय प्रशासन ने राजपूत समुदाय को जयंती मनाने की अनुमति नहीं दी| आपको बता दें सहारनपुर में पिछले वर्ष महाराणा की जयंती के अवसर पर दलित-राजपूत संघर्ष हो चुका है, उसे मध्यनजर रखते हुए भीम सेना की गीदड़ भभकी के बाद प्रशासन के हाथ पांव फूल गए और उसने अनुमति नहीं दी| यही नहीं एक कदम और आगे बढ़ते हुए प्रशासन ने राजपूत समाज को चेतावनी भी दी कि महाराणा की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने वाले के विरुद्ध भी कार्यवाही की जाएगी|
प्रशासन के इस कृत्य की देशभर के राजपूतों ने निंदा की और सोशियल मीडिया में उग्र प्रतिक्रिया जताई| वहीं उत्तर प्रदेश के राजपूतों ने प्रशासन के रवैये का पुरजोर विरोध किया और यूपी के कैराना में हाल ही होने जा रहे उपचुनाव में भाजपा को हराने की धमकी दी| राजस्थान उपचुनावों में राजपूतों द्वारा हराने के बाद अब उत्तर प्रदेश के राजपूतों की धमकी के बाद भाजपा सरकार सक्रीय हुई और कल प्रशासन ने सहारनपुर में महाराणा प्रताप जयंती के आयोजन की स्वीकृति दे दी|
इस तरह उत्तर प्रदेश के राजपूतों की एकता और देशभर के राजपूतों का उन्हें समर्थन देकर देशव्यापी एकता प्रदर्शित कर ताकत दिखाने के बाद भाजपा सरकार के प्रशासन ने झुकते हुये महाराणा की जयंती मनाने की अनुमति दी| ज्ञात हो महाराणा की जयंती मनाने पर भीम सेना ने गीदड़ भभकी दी है कि- महाराणा की जयंती मानना राजपूत समाज को भारी पड़ेगा| प्रशासन जानता है कि भीम सैनिक कुछ कर पायेंगे या नहीं, वह तो भविष्य की बात है, पर इस तरह बढे तनाव के चलते उग्र राजपूतों से दलितों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी, इसी आशंका के चलते प्रशासन जयंती के अवसर पर राजपूतों को एकत्र होने देना नहीं चाहता|
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